सोना या Bitcoin… कौन दे रहा है ज्यादा रिटर्न, किसने बनाया रिकॉर्ड
शेयर बाजार में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. वहीं दूसरी तरफ बिटकॉइन ऑल टाइम हाई पर है. दरअसल, बिटकॉइन के इतिहास में पहली बार हुआ है कि यह 94,000 डॉलर के पार पहुंचा है.
बिटकॉइन ने एक बार रफ्तार पकड़ ली है. वहीं सोना रिकॉर्ड तेजी के बाद थोड़ा लुढ़क गया है। हालात यह है कि सोना और शेयर में अनिश्चितता दिख रही है है. वहीं दूसरी तरफ बिटकॉइन ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया है. दरअसल, बिटकॉइन के इतिहास में पहली बार हुआ है कि यह 94,000 डॉलर के पार पहुंच गया है, जो इसके इतिहास में एक बड़ा मील का पत्थर है. बिटकॉइन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के पीछे कई बड़े कारण है.
दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन की कीमत इस साल दोगुनी से भी अधिक हो गई है. बुधवार को इसकी कीमत 92,104 डॉलर थी, जबकि पिछले सेशन के अंत में यह 94,078 डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी. 5 नवंबर के अमेरिकी चुनाव के बाद से क्रिप्टोकरेंसी में उछाल आया है. एनालिटिक्स और डेटा एग्रीगेटर कॉइनगेको के अनुसार, बढ़ते उत्साह ने वैश्विक क्रिप्टोकरेंसी बाजार के कीमतों को 3 ट्रिलियन डॉलर से अधिक की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा दिया है.
सोना खरीदना बेहतर है या बिटकॉइन (Gold Vs Bitcoin)?
पिछले दिनों बिटकॉइन के मार्केट कैप ने गोल्ड को पीछे छोड़ दिया था. और यह 8वीं सबसे बड़ी एसेट बन गई है. डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव जीतने के बाद से क्रिप्टो में और अधिक तेजी देखने को मिल रही है. इसकी एक बड़ी वजह ट्रंप का चुनाव से पहले ही कहा था कि अगर वे राष्ट्रपति बनते हैं तो वे अमेरिका को क्रिप्टो कैपिटल बना देंगे. मजेदार बात यह है कि पिछले कुछ सालों में बिटकॉइन की कीमतों में 127% का उछाल आया है.
वहीं दूसरी तरफ सोना भी लगातार बेहतर पोजिशन में है. पिछले दिनों सोना भी अपने ऑल टाइम हाई पर था. ऐसा कमजोर अमेरिकी डॉलर और नए जियो पॉलिटिकल तनाव के चलते सोने की मांग में आई कमी की वजह से हुआ. हालांकि सोना एक बार फिर से रिकवरी कर रही है. मंगलवार 19 नवंबर को सोने की कीमत एक हफ्ते के हाई पर पहुंच गईं. फिलहाल यह 78,207 रु पर ट्रेड कर रहा है. गोल्डमैन सैक्स का अनुमान है कि सोने के भाव में आगे और तेजी आएगी. दिसंबर 2025 तक सोने की कीमत 3,000 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती हैं.
ऐसे में सवाल यह उठता है कि Bitcoin या GOLD किसमें इन्वेस्ट करना आपको शानदार रिटर्न देगा. इसको समझने के लिए यह जान लें कि बीते एक साल में किसने कितना रिटर्न दिया है. सोने ने बीते एक साल में 30 फीसदी का रिटर्न दिया है. जबकि बिटकॉइन ने 134 फसदी रिटर्न दिया है. इसके अलावा ट्रंप के सत्ता संभालने के बाद इसमें और तेजी आने की उम्मीद है.
भारत में क्रिप्टो में निवेश अक्सर सवालों के घेरे में रहता है. इसे जोखिम भरा माना जाता है. इसके अलावा भारत में क्रिप्टो के लिए टैक्सेशन सिस्टम है. वहीं दूसरा क्रिप्टो एक्सचेंज का हैक होना. क्रिप्टो पर होने वाले मुनाफे पर सीधा 30% टैक्स वसूला जाता है. इसके अलावा क्रिप्टो के ट्रांसफर पर 1% टीडीएस भी कटता है. ऐसे में क्रिप्टो में इन्वेस्ट करना करना महंगा साबित हो सकता है.
क्या सोने और बिटकॉइन के बीच कोई संबंध है?
बिटकॉइन और सोने के बीच में संबंध में बिटकॉइन में उतार-चढ़ाव देखने को अधिक मिला है. शुरुआत में, इन दोनों ऐसेट की कीमत ज्यादातर स्वतंत्र रूप से चलती थीं, इसका मतलब जब एक ऐसेट की कीमत बढ़ती थी, तो जरूरी नहीं कि दूसरी भी उसी तरह बढ़े. हालांकि, साल 2020 में COVID-19 की शुरुआत में बाजार में गिरावट के बाद, बिटकॉइन और सोने के बीच संबंध मजबूत हो गया.