दिसंबर से बचेंगे ज्‍यादा पैसे! RBI ने EMI घटने की जगाई आस

पॉलिसी स्टांस में बदलाव इस बात के संकेत दे रहा है कि आने वाले समय में रेपो रेट में कटौती की संभावना है और दिसंबर में रेपो रेट में बदलाव देखने को मिल सकता है. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि घरेलू ग्रोथ ने अपनी गति बनाए रखी है.

रेपो रेट में कटौती की आस. Image Credit: Tv9 Bharatvarsh

भारतीय रिजर्व बैंक की अगुआई वाली मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) ने अपनी पॉलिसी स्टांस को न्यूट्रल कर लिया है और रेपो रेट को 6.5 फीसदी बरकरार रखा है. पॉलिसी स्टांस में बदलाव इस बात के संकेत दे रहा है कि आने वाले समय में रेपो रेट में कटौती की संभावना है और दिसंबर में रेपो रेट में बदलाव देखने को मिल सकता है. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि घरेलू ग्रोथ ने अपनी गति बनाए रखी है, निजी खपत और निवेश में भी इजाफा हुआ है. रेजिलिएंट ग्रोथ हमें महंगाई दर फोकस करने के लिए स्पेस देता है, जिससे 4 फीसदी तक मजबूती से काम किया जा सके.

महंगाई दर पर अनुमान

शक्तिकांत दास ने जोर देकर कहा कि मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी आने वाले महीनों में महंगाई दर के उभरते आउटलुक की निगरानी करेगी. सुनिश्चित करना है कि महंगाई दर लक्ष्य के अनुरूप रहे और ग्रोथ को सपोर्ट मिले. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए महंगाई दर के अपने अनुमान को 4.5 फीसदी बरकरार रखा है.

25 बेसिस प्वाइंट की हो सकती है कटौती

क्रिसिल के चीफ इकोनॉमिस्ट धर्मकीर्ति जोशी ने कहा कि मॉनिटरी पॉलिसी का स्टांस में बदलाव सावधानी का संकेत देता है. साथ ही यह दिसंबर में रेट में कटौती की संभावना के भी संकेत दे रहा है. उनका अनुमान है कि दिसंबर में पॉलिसी रिव्यू के दौरान रेट में 25 बेसिस प्वाइंट (BPS) की कटौती हो सकती है.

सितंबर में अमेरिकी फेडरल रिजर्व के 50 बेसिस प्वाइंट की बड़ी कटौती ने प्रमुख केंद्रीय बैंकों के बीच मॉनिटरी पॉलिसी में पूर्ण और निर्णायक बदलाव को केंद्र में रखा है. हालांकि, फिर भी उभरते बाजार के लिए घरेलू मुद्रास्फीति की चिंताएं सबसे आगे और केंद्र में हैं.

जीडीपी ग्रोथ रेट

शक्तिकांत दास ने कहा कि सितंबर के लिए कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) में प्रतिकूल प्रभावों और खाद्य कीमतों में तेजी के कारण बड़ी उछाल आने की उम्मीद है. अप्रत्याशित मौसम और बिगड़ते जियो-पॉलिटिकल हालात भी महंगाई दर के लिए बड़ा रिस्क पैदा करते हैं. दास ने कहा है कि वित्त वर्ष 2025 के लिए भारत की वास्तविक जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान 7.2 फीसदी पर बरकरार रखा गया है.

रेपो रेट में कटौती का इंतजार

रेपो रेट में कटौती से लोन सस्ते हो जाएंगे और लोगों की EMI घट जाएगी. इस वजह से लोग लंबे समय से रेपो रेट में कटौती का इंतजार कर रहे हैं. अगर दिसंबर में रेपो रेट में कटौती होती है, तो फिर लोगों को बड़ी राहत मिलेगी. अप्रैल 2023 से ही 6.5 फीसदी पर रेपो रेट स्थिर है. रेपो रेट में मई 2022 से फरवरी 2023 तक कई बार बढ़ोतरी की गई थी और इसमें 2.5 फीसदी का इजाफा हुआ था.