FY25 में IT इंडस्‍ट्री का रेवेन्‍यू ग्रोथ 4-6% रहने की उम्‍मीद, नौकरी छोड़ने की दर 12% रहने का अनुमान: ICRA

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ICRA की एक रिपोर्ट की मानें तो वित्‍त वर्ष 2025 में भारतीय आईटी कंपनियों की रेवेन्‍यू ग्रोथ 4 से 6 फीसदी रहने का अनुमान है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि निकट भविष्‍य में इस सेक्‍टर में नौकरी छोड़ने की दर 12 से 13 फीसदी रह सकती है.

FY25 में आईटी सेक्‍टर की रेवेन्‍यू ग्रोथ पर ICRA का अनुमान Image Credit: Meta AI Generated

देश की आईटी कंपनियों के वित्त वर्ष 2025-26 में 4 से 6 फीसदी की दर से रेवेन्‍यू ग्रोथ दर्ज करने का अनुमान है. वहीं वित्त वर्ष के अंत तक ग्रोथ में तेजी आने तक नियुक्तियों की रफ्तार धीमी रहने की संभावना है. क्रेडिट रेटिंग एजेंसी इक्रा ने एक रिपोर्ट में यह बात कही है. इक्रा का अनुमान है कि निकट भविष्य में आईटी उद्योग में नौकरी छोड़ने की दर औसतन 12-13 फीसदी रहेगी.

इक्रा का अनुमान है कि भारतीय आईटी सेवा कंपनियों (जो राजस्व के लिहाज से उद्योग का 60 फीसदी हिस्सा हैं) के राजस्व में अगले वित्त वर्ष (2025-26) में अमेरिकी डॉलर के लिहाज से चार से छह फीसदी की वृद्धि देखने को मिलेगी. इक्रा ने कहा कि इसके अलावा, अगले वित्त वर्ष के अंत तक वृद्धि की गति बढ़ने तक भर्तियों की रफ्तार सुस्त रहेगी. इक्रा के नमूना सर्वेक्षेण में शामिल कंपनियों की राजस्व वृद्धि चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीने में 3.6 फीसदी रही है.

इक्रा ने कहा कि इसके अलावा, कुछ बाजारों में बीएफएसआई (बैंकिंग, वित्तीय क्षेत्र और बीमा) और खुदरा क्षेत्रों में ग्राहकों द्वारा विवेकाधीन खर्च में मामूली वृद्धि हुई. साथ ही सृजन से जुड़ी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (जेन-एआई) पहल में निवेश के कारण नए ऑर्डर मिले.

इक्रा के नमूना सेट में बिरलासॉफ्ट, कोफोर्ज, साइंट, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, इन्फोसिस, एलटीआईमाइंडट्री, एलएंडटी टेक्नोलॉजी सर्विसेज, मास्टेक, एम्फैसिस, ऑरैकल फाइनेंशियल सर्विसेज सॉफ्टवेयर, पर्सिस्टेंट सिस्टम्स, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टेक महिंद्रा, विप्रो और जेनसार टेक्नोलॉजीज शामिल हैं.

इक्रा के उपाध्यक्ष और क्षेत्र प्रमुख दीपक जोतवानी ने कहा कि इक्रा के आईटी सेवा कंपनियों के नमूने के समूह की वृद्धि की गति निकट भविष्य में धीमी रहने की संभावना है, क्योंकि अमेरिका द्वारा व्यापार शुल्क लगाए जाने तथा अमेरिका और यूरोप के प्रमुख बाजारों में व्यापक आर्थिक चुनौतियों से संबंधित अनिश्चितता बनी हुई है.

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