आटा-बिस्किट-होटल सबकुछ है ITC के पास, फिर क्यों हो रही अलग; जानें 124 साल पुरानी कहानी

ITC कंपनी की शुरुआत 1910 में हुई थी और तब इसका नाम इम्पीरियल टोबैको कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड था. आज यह एक बड़ा बिजनेस ग्रुप है जो कई सेक्टर में काम कर रहा है. आईटीसी का पहला प्रोडक्ट कौन सा है, आईटीसी कंपनी के फाउंडर कौन हैं, ऐसे ही सारे सवालों के जवाब यहां मिलेंगे.

ITC Demerger: इंडियन टबेको कंपनी, इसका जब शॉर्ट होकर ITC बन जाए तब इसको हर कोई पहचान लेगा, सिगरेट बेचकर सबसे ज्यादा कमाई करने वाली ये कंपनी आज इतनी बड़ी हो गई है कि घर के आटे से लेकर बच्चे की नोटबुक जैसे प्रोडक्ट कंपनी के पोर्टफोलियो में है. तंबाकू के बिजनेस से शुरू हुई ये कंपनी कभी विदेशी हाथों में थी, भारत के आजाद होने के साथ कंपनी का भी भारतीयकरण हो गया. आज कंपनी बड़े बदलाव से गुजर रही है. नए साल में ITC के डीमर्जर की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, कई सालों से निवेशक इस कदम की मांग कर रहे थे. अब ITC होटल्स अलग हो कर लिस्ट हो रही है. इसके बाद ITC के शेयरों में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. लेकिन इस डिमर्जर की कहानी क्या है? ये कंपनी कब और कहां से शुरू हुई? आज इसकी कमाई कहां तक पहुंच गई है. चलिए ये सब जानते हैं.

कहां से शुरू हुआ ITC का सफर

भारत की आजादी से काफी पहले, साल 1910 में ITC Limited की शुरुआत हो चुकी थी जब कंपनी तंबाकू बनाने का काम करती था. तब इसका नाम इम्पीरियल टोबैको कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड था, जो ब्रिटिश अमेरिकन टोबैको कंपनी की एक सहायक कंपनी थी. इसके फाउंडर विलियम एम जैक्स थे. साल 1954 में जब कंपनी पब्लिक लिमिटेड बनी तब तक सब कुछ बदल चुका था. साल 1969 में कंपनी को पहला भारतीय चेयरमैन अजित नारायण हक्सर के रूप में मिला.

कंपनी की शुरुआत कोलकाता के राधा बाजार लेन में एक किराए पर ली जगह से हुई थी. 24 अगस्त 1926 को, ITC ने कोलकाता के चौरंगी (अब जेएल नेहरू रोड) पर एक जगह खरीदी, जिसकी कीमत 3,10,000 रुपये थी.

आज यह एक बड़ा बिजनेस ग्रुप है जो फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स (जैसे खाने-पीने चीजें, पर्सनल केयर, सिगरेट और सिगार, शिक्षा और स्टेशनरी, अगरबत्ती और माचिस), होटल, पेपरबोर्ड और पैकेजिंग, कृषि बिजनेस और IT में काम कर रहा है.

1970 में जा कर जब कंपनी का मालिकाना हक पूरी तरह से भारतीय हो गया था, तब इसका नाम बदलकर “इंडिया टोबैको कंपनी लिमिटेड” किया गया और फिर 1974 में इसका नाम ITC लिमिटेड किया गया.

इसके बाद 1975 में ITC ने हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में कदम रखा. इसके बाद 1990 में कंपनी कृषि बिजनेस में आई. 2003 में कंपनी ने ‘क्लासमेट’ ब्रांड की नोटबुक लॉन्च की. ये इतना बड़ा ब्रांड बना कि स्कूल में पढ़ने वाले लगभग हर बच्चे तक ये पहुंचा. आज, क्लासमेट भारत का सबसे बड़ा नोटबुक ब्रांड है. फिर कंपनी ने ब्रांडेड पैकेज्ड फूड्स सेक्टर में एंट्री की, आज ITC के प्रोडक्ट जैसे ‘आशीर्वाद आटा’, ‘सनफीस्ट’ आदि लाखों घरों का हिस्सा बन गए हैं. कंपनी IT सेक्टर में भी उतर चुकी है, साल 2000 में, ITC ने अपने ITC Infotech India Limited की शुरुआत की.

कितनी है ITC की कमाई?

ITC सबसे ज्यादा सिगरेट से ही कमाई करती है, ITC का सिगरेट बाजार के लगभग 73% हिस्से पर कब्जा है. इसके बाद कंपनी अपने FMCG सेक्टर से सबसे ज्यादा कमाई करती है. ITC के एनुअल रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2024 में कंपनी का ग्रॉस रेवेन्यू 69,446 करोड़ है और प्रॉफिट 20,422 करोड़.

कंपनी के फाइनेंशियल हाईलाइट

फोटो- ITC-Report-and-Accounts-2024

ITC Hotels

फोटो- Investor Presentation
फोटो- Investor Presentation

डीमर्जर की कहानी

इस डीमर्जर की चर्चा निवेशकों के बीच काफी पहले से ही चल रही थी, ऐसा इसलिए क्योंकि भले ही ITC Hotels अच्छा कमा रहा था लेकिन यह ITC के कुल रिटर्न्स पर एक तरह से बोझ बना हुआ था. कंपनी के मुताबिक, ITC Hotels पूरे समूह के 20% पैसों का इस्तेमाल कर रहा था, लेकिन प्रॉफिट केवल 3%-4% निकाल रहा था, उधर ITC का तंबाकू बिजनेस केवल 10% पैसों का इस्तेमाल करके 80% तक रिटर्न जनरेट कर रहा था.

फिर भी, ITC का प्रबंधन सालों तक इस कदम को उठाने के लिए पूरी तरह तैयार नहीं था. हालांकि, जुलाई 2023 में ITC के बोर्ड ने सबको चौंकाते हुए ITC Hotels को अलग करने की घोषणा की. 16 दिसंबर 2024 को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने डीमर्जर को मंजूरी दी और 1 जनवरी 2025 को यह डीमर्जर प्रभावी हो गया है.  

होटल चेन में दूसरी सबसे बड़ी कंपनी ITC Hotels फिलहाल, 140 होटलों के जरिए 13,000 कमरों को ऑपरेट करती है और 2030 तक इसे 200 से ज्यादा होटलों और 18,000 कमरों तक विस्तार करने की योजना है.  

डीमर्जर का फायदा: ITC को इससे दो फायदे मिलते दिख रहे हैं. पहला, निवेशकों को अब एक पूरी तरह से हॉस्पिटैलिटी स्टॉक में निवेश करने का मौका मिलेगा. दूसरा, आईटीसी अब अपने उन बिजनेस पर ध्यान केंद्रित कर सकता है जो ज्यादा मुनाफा दे रहे हैं. आईटीसी होटल्स अब अपने आप पैसा जुटा सकता है, अपने विस्तार की योजनाओं पर काम कर सकता है, और उन निवेशकों को आकर्षित कर सकता है जो पहले आईटीसी के पोर्टफोलियो में तंबाकू के कारण निवेश नहीं कर रहे थे.

यह डीमर्जर “स्कीम ऑफ अरेंजमेंट” के जरिए होगा. ITC के शेयरधारकों को हर 10 ITC शेयर पर 1 ITC Hotels का शेयर मिलेगा. रिकॉर्ड डेट 6 जनवरी 2025 है, यानी 3 जनवरी तक ITC के शेयर रखने वाले योग्य होंगे. ITC Hotels को अलग से लिस्ट भी किया जाएगा.