अब इन 3 कंपनियों के मर्जर को मिली मंजूरी, पिछले 1 महीने में 14 फीसदी चढ़ चुका है इसका शेयर
JK Paper Ltd अपने पैकेजिंग और पेपर प्रोडक्ट्स के कारोबार को बड़ा और संगठित करने के लिए मजबूत कदम उठा रही है. अपनी सब्सिडियरी कंपनियों के मर्जर और नई हिस्सेदारी खरीदने से कंपनी के बाजार का विस्तार होगा. जानें क्या है इसके शेयर प्राइस का हाल...
पेपर और पैकेजिंग बोर्ड कंपनी JK Paper Ltd (JKPL) ने 13 दिसंबर को घोषणा कर बताया कि वह अपनी सब्सिडियरी कंपनियों को विलय करने और अपने बिजनेस को मजबूत करने के लिए एक कम्पोजिट स्कीम ऑफ एग्रीमेंट को मंजूरी दी है. इसके बाद जेके पेपर अपनी तीन कंपनियों को मर्ज करेगी. चलिए आपको इसके बारे में बताते हैं और इस कंपनी के शेयरों का हाल जानते हैं.
किन कंपनियों का होगा मर्जर
जेके पेपर जिन तीन कंपनियों का मर्जर करने जा रही है वह Horizon Packs Private Ltd, Securipax Packaging Private Ltd और JKPL Utility Packaging Solutions Private Ltd है. ये तीनों कंपनियां JK Paper Ltd की पूरी तरह से स्वामित्व वाली सब्सिडियरी हैं. Enviro Tech Ventures Ltd को भी इस योजना का हिस्सा बनाया गया है.
क्यों हो रहा है मर्जर
मर्जर के पीछे का उद्देश्य पैकेजिंग और पेपर सेगमेंट में मजबूती लाने का है, ये सब्सिडियरी कंपनियां पैकेजिंग प्रोडक्ट्स और सॉल्यूशन्स का निर्माण करती हैं. इन्हें JKPL के साथ जोड़ने से कंपनी ज्यादा मजबूत होगी और बाकी कंपनियों का तगड़ा कॉम्पिटिशन दे पाएगी. इसके अलावा इस योजना के तहत Sirpur Paper Mills अब JKPL की डायरेक्ट सब्सिडियरी बन जाएगी.
इस योजना को लागू करने के लिए कई रेगुलेटरी मंजूरियों की जरूरत होगी, जैसे सेबी, स्टॉक एक्सचेंज, NCLT, कंपनी के शेयरधारक. इस योजना को पूरा होने में 12 महीने का समय लग सकते है.
बता दें JK Paper Ltd के शेयर फिलहाल 455.20 रुपये पर कारोबार कर रहे हैं एक दिन पहले इसमें 2.72 फीसदी की गिरावट आई थी. वहीं पिछले एक महीने में इसका शेयर 14 फीसदी चढ़ चुका है.
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नई कंपनी में हिस्सेदारी खरीदेगी JK Paper
इसके अलावा, JK Paper Ltd के बोर्ड ने Radhesham Wellpack Private Ltd (RWPL) में बहुमत हिस्सेदारी खरीदने को भी मंजूरी दी है. यह कंपनी कॉर्डबोर्ड बॉक्स और शीट्स बनाने का काम करती है. कोरोगेटेड पैकेजिंग सेगमेंट भारत में तेजी से बढ़ रहा है क्योंकि यह कई उद्योगों की बढ़ती मांग को पूरा करता है.
पहले चरण में, इसके 60% शेयर तुरंत खरीदे जाएंगे, अगले 2 साल में बचे हुए 40% शेयर खरीदे जाएंगे और यह लेन-देन शेयर परचेज और शेयरहोल्डर एग्रीमेंट के तहत होगा.