जेपी मॉर्गन ने रिलायंस पर जताया भरोसा, रिफाइनिंग मार्जिन में सुधार के दिए संकेत

ब्रोकरेज फर्म जेपी मॉर्गन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि हमें दो प्रतिकूल परिस्थितियां दिख रही हैं. पहली परिस्थिति के अनुसार जून से रिफाइनिंग मार्जिन में तेज़ी से गिरावट आई है, जबकि दूसरी परिस्थिति में इसकी उपभोक्ता खुदरा सहायक कंपनी (रिलायंस रिटेल) में राजस्व/EBITDA वृद्धि निराशाजनक बनी हुई है.

ब्रोकरेज फर्म जेपी मॉर्गन ने मुकेश अंबानी को दी खुशखबरी. (फाइल फोटो) Image Credit: TV9 Bharatvarsh

ब्रोकरेज फर्म जेपी मॉर्गन ने एक रिपोर्ट में कहा कि दो कारणों के चलते रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के हालिया प्रदर्शन खराब रहा. लेकिन इन दो कारणों में से एक कमजोर रिफाइनिंग मार्जिन में सुधार हुआ है. हालांकि, जेपी मॉर्गन का कहना है कि दूसरे कारण खराब रिटेल टॉप-लाइन ग्रोथ का अनुमान लगाना मुश्किल है. 8 जुलाई को अपने हाई से रिलायंस का शेयर 22 प्रतिशत नीचे है (निफ्टी 3.3 प्रतिशत नीचे है), जो साल की शुरुआत में बेहतर प्रदर्शन से एकदम उलट है.

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, अरबपति मुकेश अंबानी द्वारा संचालित कंपनी के तीन मुख्य व्यवसाय हैं. तेल शोधन और पेट्रोकेमिकल, दूरसंचार शाखा जियो और खुदरा. इसके पास एक मीडिया इकाई और एक नया ऊर्जा व्यवसाय भी है. रिलायंस रिटेल और टेलीकॉम अब कुल 2023-24 (FY24) कंसोलिडेटेड EBITDA का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा है. जेपी मॉर्गन का अनुमान है कि ये अगले तीन वर्षों में लगभग सभी शुद्ध EBITDA वृद्धि के लिए जिम्मेदार होंगे. 20 बिलियन अमेरिकी डॉलर प्रति वर्ष की EBITDA रन-रेट के साथ, रिलायंस से अगले तीन वर्षों के लिए सकारात्मक मुक्त कैश फ्लो प्रदान करने की उम्मीद है (नए ऊर्जा परिसर और खुदरा व्यापार में और पेटकेम क्षमता विस्तार की ओर बढ़े हुए पूंजीगत व्यय योजनाओं के बावजूद).

क्या है दो प्रतिकूल परिस्थितियां

ब्रोकरेज फर्म जेपी मॉर्गन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि हमें दो प्रतिकूल परिस्थितियां दिख रही हैं. पहली परिस्थिति के अनुसार जून से रिफाइनिंग मार्जिन में तेज़ी से गिरावट आई है, जबकि दूसरी परिस्थिति में इसकी उपभोक्ता खुदरा सहायक कंपनी (रिलायंस रिटेल) में राजस्व/EBITDA वृद्धि निराशाजनक बनी हुई है. जेपी मॉर्गन के अनुसार, रिफाइनिंग मार्जिन में हाल ही में उछाल आया है, जिससे तीसरी तिमाही की रन दरों में सुधार हुआ है.ऐसे में चीनी निर्यात कर छूट में कमी से क्रैक (कच्चे माल कच्चे तेल और तैयार उत्पाद की कीमतों के बीच का अंतर) को सहारा मिल सकता है.

रिलायंस स्टॉक को हो सकता है लाभ

जेपी मॉर्गन ने कहा कि रिलायंस जिन शुरुआती सौर (मॉड्यूल/सेल) क्षमताओं पर काम कर रहा है, उनमें से कुछ को मार्च तक चालू कर दिया जाना चाहिए. जबकि आरआईएल ने तीसरे पक्ष को उत्पादन बेचने की योजना नहीं बनाई थी, और संभावित लाभप्रदता सीमित है. स्थानीय मांग की मौजूदा ताकत पुनर्विचार के लिए मजबूर कर सकती है. भारत में हाल ही में सूचीबद्ध सौर कंपनियों के उच्च मूल्यांकन को देखते हुए कमीशनिंग की घोषणा से रिलायंस स्टॉक को लाभ हो सकता है.

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पूर्वानुमान केवल 4-6 प्रतिशत बदलते हैं

ब्रोकरेज के अनुसार, हाल ही में बाजार की कमजोरी और इन इशूज के संभावित बड़े आकार के कारण जियो/रिटेल की प्रत्याशित लिस्टिंग में समय लग सकता है. उसने कहा कि हम अपने खुदरा पूर्वानुमानों की समीक्षा करते हैं. वित्त वर्ष 2025-26 के ईबीआईटीडीए में 10-15 प्रतिशत की कटौती करते हैं. चूंकि खुदरा कुल आय का एक छोटा हिस्सा है, इसलिए आरआईएल समेकित (अल्पसंख्यक के बाद) पीएटी पूर्वानुमान केवल 4-6 प्रतिशत बदलते हैं.

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