इस राज्य में अब नहीं मिलेगी किंगफिशर बीयर, जानें- कंपनी ने क्यों रोक दी सप्लाई
कंपनी ने कहा कि बीयर की बेस प्राइस में लंबे समय इजाफा नहीं हुआ है, जिसकी वजह से उसे लगातार घाटे का सामना करना पड़ रहा है. प्रोडक्शन की लागत में बढ़ोतरी के चलते कॉस्ट बढ़ गई है, लेकिन राज्य सरकार ने अभी तक बेस प्राइस बढ़ाने पर कोई फैसला नहीं लिया है.
किंगफिशर (Kingfisher) जैसे पॉपूलर ब्रांड बनाने वाली बीएसई पर लिस्ट यूनाइटेड ब्रुअरीज लिमिटेड (UBL) ने बुधवार को तेलंगाना बेवरेजेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (TGBCL) को बीयर की सप्लाई सस्पेंड कर दी है. कंपनी को तेलंगाना में लगातार बड़े पैमाने पर ऑपरेशनल घाटा हो रहा है. कंपनी ने कहा कि उसने इस समस्या को सुलझाने की कोशिश की है, लेकिन दो साल के प्रयासों के बावजूद प्रोडक्ट के बेस प्राइस में कोई इजाफा नहीं हुआ है. इस वजह से कंपनी को घाटा हो रहा है और तेलंगाना में उसके लिए कारोबार करना अब मुश्किल हो गया है.
बेस प्राइस में नहीं हुई बढ़ोतरी
कंपनी ने बीएसई फाइलिंग में कहा कि उसने तेलंगाना बेवरेजेस कॉरपोरेशन को अपनी बीयर की सप्लाई तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का फैसला किया है, क्योंकि कॉरपोरेशन ने वित्त वर्ष 20 से कंपनी की बीयर की बेस प्राइस में बदलाव नहीं किया है. इस वजह से उसका घाटा बढ़ रहा है. इसके अलावा कंपनी ने बीयर की पिछली आपूर्ति की बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया है. TGBCL एक सरकारी संगठन है जिसका राज्य में रिटेल और थोक दोनों पर शराब की बिक्री पर विशेष कंट्रोल है. इसका गठन 2014 में आंध्र प्रदेश बेवरेजेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड से अलग होने के बाद किया गया था.
नहीं निकल पाया कोई सॉल्यूशन
मीडिया को दिए गए बयान में यूबीएल ने कहा कि हितधारकों के प्रति उसकी जिम्मेदारी है और घाटे में बीयर बेचना अब आसान नहीं है. कंपनी ने कहा कि उसका प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था ब्रूअर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (BAI) ने तेलंगाना सरकार से कई बार अनुरोध किया है कि उद्योग पर महंगाई दर के दबाव को कम करने के लिए कीमतों में बढ़ोतरी की जाए, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है.
उत्पादन की लागत में इजाफा
मिंट के अनुसार, यूबी, कोरोना और होगार्डन निर्माता एबी इनबेव और कार्ल्सबर्ग इंडिया का प्रतिनिधित्व करने वाली बीयर इंडस्ट्री की एपेक्स बॉडी BAI ने कहा कि जिन कंपनियों का वह प्रतिनिधित्व करती है, वे भारत में बिकने वाली बीयर का 85 फीसदी हिस्सा हैं और इसके सदस्यों ने तेलंगाना में पांच प्रोडक्शन फैसिलिटी में निवेश किया है. वे राज्य को सालाना 6,500 करोड़ रुपये का कर राजस्व देते हैं. तेलंगाना में बीयर सप्लाई करने वाली कंपनियों को दी जाने वाली बेस कीमतें 2019 की लागत पर आधारित हैं. तब से उत्पादन की लागत 35-40 फीसदी बढ़ गई है.
कीमतों में अंतर
आबकारी विभाग और तेलंगाना के मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कंपनी ने कहा है कि कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे राज्यों की तुलना में तेलंगाना में बीयर निर्माताओं को प्रति केस लगभग 90 फीसदी कम कीमत मिलती है, जो 290-315 रुपये प्रति केस के बीच है. वहीं, महाराष्ट्र की तरह कर्नाटक में भी बीयर के एक केस (650 मिली लीटर के 12 कैन) की कीमत 550-600 रुपये है. तमिलनाडु और केरल, आंध्र प्रदेश की तरह ही प्रति केस 430-460 रुपये के बीच भुगतान करते हैं.