ललित मोदी ने हासिल कर ली विदेशी नागरिकता, इस देश ने दे दी पनाह
Lalit Modi Citizenship: ललित मोदी ने 12 साल पहले भारत छोड़ दिया था. भारतीय एजेंसियां ललित मोदी के पीछे पिछले 12 साल से लगी हुई हैं. उसपर 125 करोड़ के घोटाले का आरोप है. भारतीय एजेंसियों से बचने के लिए ललित मोदी ने यह चाल चली है.
Lalit Modi Citizenship: भगोड़े ललित मोदी ने विदेशी नागरिकता हासिल कर ली है, वो 15 साल पहले भारत से भाग गया था. अब खबर है कि ललित मोदी ने वनुआतु की नागरिकता हासिल कर ली है. ललित मोदी पर 125 करोड़ के घोटाले का आरोप है. भारतीय एजेंसियां ललित मोदी के पीछे पिछले 12 साल से लगी हुई हैं.
कब जारी किया गया था पासपोर्ट
वनुआतु की नागरिकता हासिल करने कते बाद ललित मोदी को वापस भारत लाना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि वो भारतीय नागरिक नहीं रहा. ललित मोदी को वनुआतु का पासपोर्ट 30 दिसंबर 2024 को जारी किया गया था और नए पासपोर्ट का नंबर RV0191750 है.
भारत लाने की प्रक्रिया हो सकती है जटिल
टीवी9 भारतवर्ष के पास ललित मोदी ने नए पासपोर्ट की कॉपी है. भारतीय एजेंसियों से बचने के लिए ललित मोदी ने यह चाल चली है, क्योंकि दूसरे देश के नागरिक बनने के बाद उसे भारत लाने की प्रक्रिया काफी जटिल हो सकती है. वनुआतु के साथ भारत की प्रत्यपर्ण संधि नहीं है.
वनुआतु को चुनने के पीछे की वजहें
ललित मोदी ने वनुआतु को ही नागरिकता के लिए क्यों चुना, इसके पीछे कई वजहें बताई जा रही हैं. कहा जा रहा है कि इस देश में किसी भी तरह का टैक्स नहीं लगता है और वनुआतु की सरकार गोल्डन वीजा प्रोग्राम चलाती है. इस प्रोग्राम के जरिए तय राशि देकर आसानी से नागरिकता हासिल की जा सकती है. वनुआतु फर्जीवाड़े और घोटालों में शामिल लोगों के लिए सुरक्षित ठिकाना माना जाता है.
2010 से देश से बाहर
साल 2010 में ललित मोदी भारत से भाग गया था. उसके खिलाफ आर्थिक अनियमितताओं, मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं. ED कई मामलों की जांच भी कर रही है. भारतीय अदालत ललित मोदी को कानून के सामने पेश होने के भी आदेश जारी कर चुके हैं.
2010 में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने अनुशासनहीनता, भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के बाद ललित मोदी को निलंबित कर दिया था. 2013 में भारतीय बोर्ड ने उन्हें आरोपों का दोषी पाते हुए आजीवन प्रतिबंधित कर दिया था.