100 साल से महाकुंभ की पिलर है ये कंपनी, टेंट पंडाल सब इसके भरोसे, बेहद खास है यह किस्सा

लल्लूजी एंड संस का इतिहास 100 साल से भी अधिक पुराना है. यह 1921 से लगातार कुंभ मेले में टेंट और पंडाल बनाने का काम कर रही है. इस महाकुंभ मेले में लल्लूजी एंड संस ने करीब 95 फीसदी टेंट और पंडाल का निर्माण किया है.

पहली बार इसने साल 1921 के कुंभ मेले में टेंट और पंडाल लगाने का काम किया था. Image Credit: getty images

Maha Kumbh 2025: महाकुंभ मेले में भारत ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व से लोग आ रहे हैं. यहां पर श्रद्धालुओं को ठहरने के लिए टेंट और पंडाल की अस्थाई शहर बसाया गया है. यह अस्थाई शहर महाकुंभ के नागा साधुओं की तरह ही लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है. खास बात यह है कि इस अस्थाई शहर को बसाने वाली कंपनी लल्लूजी एंड संस (LJS) का इतिहास भी अपने आप में बहुत रोचक और पुराना है. यह कंपनी 100 साल से भी अधिक समय से धार्मिक आयोजनों में टेंट लगाने का काम कर रही है. पहली बार इसने साल 1921 के कुंभ मेले में टेंट और पंडाल लगाने का काम किया था.

लल्लूजी एंड संस ने पूर्व प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू के कहने पर साल 1920 में दिल्ली में टेंट लगाने के साथ अपना यह बिजनेस शुरू किया. यहां से धार्मिक आयोजनों में टेंट लगाने का जो सिलसिला शुरू हुआ वह अभी तक जारी है. ऐसे लल्लूजी एंड संस कंपनी 1920 में बनी. शुरुआती दौर में यह एक पारिवारिक बिजनेस था. लेकिन समय के साथ इसका कारोबार बढ़ता गया. अभी यह कंपनी महाकुंभ जैसे विश्व के सबसे बड़े धामिर्क आयोजन में टेंट लगाने का काम कर रही है.

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100 साल से अधिक पुराना है इतिहास

लल्लूजी एंड संस धार्मिक आयोजनों में लाखों लोगों को ठहरने के लिए अस्थाई टेंट, पंडाल और अन्य बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराती है. आज लल्लूजी एंड संस से जुड़ी 7 कंपनियां पूरे देश में इवेंट मैनेजमेंट का काम कर रही हैं. LJS के वाइस एडमिरल यश अग्रवाल ने एनडी टीवी प्रोफिट को कहा कि हमारा सफर 100 साल से भी अधिक पुराना है. हमारी कंपनी को साल 1921 में पहली बार कुंभ मेले में टेंट लगाने का प्रोजेक्ट मिला था. तब से हम इस धार्मिक ऐतिहासिक आयोजन के हिस्सा रहे हैं.

800 धार्मिक संस्थाओं के लिए कर रही काम

महाकुंभ 2025 में भी लल्लूजी एंड संस के सहयोग से ही टेंट और पंडालों का निर्माण किया गया है. 4,000 हेक्टेयर में फैले महाकुंभ क्षेत्र में करीब 95 फीसदी टेंट, पाइप शेड और पंडाल इस कंपनी द्वारा ही लगाए गए हैं. खास बात यह है कि लल्लूजी एंड संस कंपनी अभी 650 से 800 धार्मिक संस्थाओं के लिए काम कर रही है. यह इन संस्थाओं को धामिर्क आयोजनों पर टेंट, पंडाल और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराती है.

इन आयोजनों में संभालती है जिम्मेदारी

एलजेएस के सुपरवाइजर अभिषेक पांडे का कहना है कि हमारा मुख्य काम टिन शेड, पाइप पंडाल और टेंट लगाने का है. साथ ही कंपनी धार्मिक आयोजनों में साफ-सफाई का भी काम संभालती है. कंपनी ने जीरावाला जैन प्रतिष्ठा महोत्सव, प्रकाश पर्व और श्रावणी मेला सहित अन्य धार्मिक आयोजनों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. LJS ने महाकुंभ मेले के लिए 50,000 से अधिक शौचालय बनाया है.

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कुंभ मेले में कंपनी कैसे देती है योगदान