Gucci और Dior जैसे लग्जरी ब्रांन्ड ने बदला ट्रेंड, अब लाखों नहीं हजारों में खरीदे स्टाइलिश सामान
महंगे लग्जरी प्रोडक्ट की गिरती मांग के बीच, प्रमुख ब्रांड्स अब सस्ते उत्पादों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. यह बदलाव मध्यम वर्गीय ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए है, जो कीमतों को लेकर ज्यादा सतर्क हो गए हैं.
दुनिया के बड़े लग्जरी ब्रांड्स अब महंगे हैंडबैग और कपड़ों की बजाय सस्ते प्रोडक्ट पर ध्यान दे रहे हैं. स्कार्फ, बेल्ट, वॉलेट और होम डेकोर जैसे लगभग 41,000 रुपये से कम कीमत के सामान को ज्यादा महत्व दिया जा रहा है. इसका मकसद उन मध्यम वर्गीय ग्राहकों को लुभाना है जो महंगे उत्पाद खरीदने में हिचकिचा रहे हैं. हालांकि, यह रणनीति ब्रांड्स के मुनाफे पर असर डाल सकती है.
महंगे प्रोजक्ट्स की मांग में गिरावट
रॉयटर्स के रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले दो वर्षों में Chanel, Prada और Dior जैसे ब्रांड्स ने फ्रांस में अपने हैंडबैग की कीमतों में 50 फीसदी से अधिक की बढ़त दर्ज की थी. हालांकि, इस साल के अंत तक अमेरिकी बाजार में लग्जरी उत्पादों की बिक्री में 6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. नवंबर में सिटिबैंक के क्रेडिट कार्ड डेटा के अनुसार, अमेरिकी चुनाव और कमजोर रोजगार दर ने लग्जरी मार्केट में ग्राहकों की मांग को और कमजोर कर दिया है.
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500 डॉलर से कम कीमत के प्रोडक्ट पर फोकस
लग्जरी ब्रांड्स अब ऐसे उत्पादों को पेश कर रहे हैं जो सस्ते हैं लेकिन ब्रांड की पहचान बनाए रखते हैं. इनमें से ज्यादातर प्रोडक्ट 500 डॉलर से कम है यानी इसकी कीमत 41 हजार रुपये के करीब है. उदाहरण के लिए:
- Gucci: लगभग 36,000 रुपये का पेट लीश और करीब 16,000 के स्टिकी नोट्स.
- Louis Vuitton: यह ब्रांड लगभग 30,000 रुपये का कार्ड होल्डर बेच रहे हैं और 32,000 रुपये की डबल स्पिन ब्रेसलेट को अपने सेल में लगाए हुए हैं.
- Burberry: अपने स्टोर्स में “स्कार्फ बार” स्थापित कर रहा है, जहां स्कार्फ की कीमत 37,000 रुपये से 86,000 रुपये के बीच होगी.
रिपोर्ट के मुताबिक, लग्जरी ब्रांड्स अब नए प्रोडक्ट कैटेगरी और मार्केटिंग प्रोग्राम पर फोकस कर रहे हैं. Dior ने अपने छोटे लेदर प्रोडक्ट की औसत कीमत में 21 फीसदी की कमी की है, जबकि Louis Vuitton ने 45000 रुपये से कम कीमत वाले प्रोड्कट की संख्या 9 फीसदी तक बढ़ाई है.