Maha Kumbh 2025: लोकल प्रोडक्ट्स को मिलेगी ग्लोबल ब्रांडिंग, इतने करोड़ रुपये का होगा कारोबार

महाकुंभ में करीब 6,000 वर्ग मीटर एरिया में 'एक जिला एक उत्पाद' (ओडीओपी) की एक भव्य प्रदर्शनी लगाई गई है, जिसमें कई जीआई-प्रमाणित प्रोडक्ट्स प्रदर्शित किए गए हैं. ये प्रोडक्ट्स यूपी की समृद्ध सांस्कृतिक और भौगोलिक विरासत को प्रमोट कर रहे हैं.

महाकुंभ में एक जिला एक उत्पाद की प्रदर्शनी. Image Credit: tv9

13 जनवरी से प्रयागराज में संगम के तट पर महाकुंभ का शुभारंभ हो गया है. अभी तक लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा नदी में डुबकी लगाई है. करीब डेढ़ महीने तक चलने वाले इस आध्यात्मिक आयोजन में पूरी दुनिया से लोग आ रहे हैं. वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार भी इस धार्मिक आयोजन को सफल बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है. वह इस महाकुंभ के बहाने यूपी के कोल प्रोडक्ट्स को ग्लोबल ब्रांड बनाने की कोशिश भी कर रही है. सरकार को उम्मीद है कि लोकल प्रोडक्ट्स मेले में करोड़ों रुपये के कारोबार करेंगे.

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी सरकार ने महाकुंभ मेले में ‘मेक इन इंडिया’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ के तहत प्रदर्शनी लगाई है. प्रदर्शनी में कई स्टॉल्स पर यूपी के प्रोडक्ट्स को प्रमोट किया जा रहा है. एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि देश के टॉप कंपनियों ने मेले में 30,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है. प्रदर्शनी से भारतीय और लोकल प्रोडक्ट्स के लिए मार्केट का विस्तार होगा, जिससे ‘मेक इन इंडिया’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ के विजन को बढ़ावा मिलेगा.

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बनारस की स्वादिष्ट मिठाइयां

प्रवक्ता ने कहा कि महाकुंभ में करीब 6,000 वर्ग मीटर एरिया में ‘एक जिला एक उत्पाद’ (ओडीओपी) की एक भव्य प्रदर्शनी लगाई गई है, जिसमें कई जीआई-प्रमाणित प्रोडक्ट्स प्रदर्शित किए गए हैं. ये प्रोडक्ट्स यूपी की समृद्ध सांस्कृतिक और भौगोलिक विरासत को प्रमोट कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी में कई तरह की स्टॉल्स सजी हुई हैं. इन स्टॉल्स पर मेले में आने वाले श्रद्धालु काशी के फेमस ठंडाई और लालपेड़ा का लुफ्त उठा सकते हैं. साथ ही वे बनारसी साड़ियों से लेकर गोरखपुर के टेराकोटा, मिर्जापुर के पीतल के बर्तन और प्रतापगढ़ के आंवला उत्पाद की भी खरीदारी कर सकते हैं.

उन्होंने कहा कि ये प्रदर्शनी मेले में आने वाले लोगों को अपनी तरफ आकर्षित कर रही है. श्रद्धालु इन स्टॉल्स से जमकर खरीदारी कर रहे हैं. वहीं, एमएसएमई विभाग ने इस आयोजन के दौरान लगभग 35 करोड़ रुपये का कारोबार होने का अनुमान लगाया है. खास बात यह है कि इस प्रदर्शनी से कारीगरों और शिल्पकारों को अधिक कमाई होगी. क्योंकि जीआई और ओडीओपी उत्पादों को अधिक पसंद किया जा रहा है.

इन राज्यों को भी मिला मौका

प्रवक्ता ने कहा कि महाकुंभ ने प्रदर्शनी के माध्यम से अन्य राज्यों को भी अपने प्रोडक्ट को प्रमोट करने का मौका दिया है. गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, दादरा नगर हवेली, नागालैंड और लेह जैसे राज्यों के भी दुकानदारों ने प्रदर्शनी में स्टॉल्स लगाई हैं. प्रवक्ता ने कहा कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने 2018 से यूपी को ग्लोबल ब्रांड के रूप में स्थापित करने के लिए ओडीओपी योजना जैसी पहलों के साथ इस परिवर्तन को आगे बढ़ाया है.

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इन प्रोडक्ट्स की बढ़ी मांग

उन्होंने कहा कि इस योजना से प्रत्येक जिले के उनके अनूठे उत्पादों को प्रोत्साहन मिला है. उन्होंने कहा कि सिद्धार्थनगर के काला नमक चावल, गोरखपुर की टेराकोटा कला, कुशीनगर के केला आधारित उत्पाद और मुजफ्फरनगर के गुड़ जैसे प्रोडक्ट्स की घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मांग बढ़ी है.