महाराष्ट्र में अडानी और टावर सेमीकंडक्टर के जॉइंट वेंचर को मिली मंजूरी, खुल सकते हैं 15,000 नौकरियों के द्वार
5 सितंबर को महाराष्ट्र कैबिनेट की एक कमेटी ने जॉइंट वेंचर के लिए 83,947 करोड़ रुपये के प्रस्तावित निवेश को मंजूरी दे दी है. यह वेंचर, टावर सेमीकंडक्टर और अदानी ग्रुप के बीच बनाया गया है.
महाराष्ट्र सरकार ने अडानी ग्रुप के एक जॉइंट वेंचर (जेवी) को मंजूरी दे दी है. 5 सितंबर को महाराष्ट्र कैबिनेट की एक कमेटी ने जॉइंट वेंचर के लिए 83,947 करोड़ रुपये के प्रस्तावित निवेश को मंजूरी दे दी है. यह वेंचर, टावर सेमीकंडक्टर और अदानी ग्रुप के बीच बनाया गया है. इस जेवी की मदद से पनवेल के तलोजा में सेमीकंडक्टर चिप बनाने वाली फैक्ट्री को स्थापित की जाएगी.
“महाराष्ट्र के लिए बड़ी खबर”
राज्य के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर यह जानकारी साझा करते हुए लिखा, “महाराष्ट्र के लिए काफी बड़ी खबर है. 1,20,220 करोड़ रुपये के भारी निवेश को कैबिनेट की सब-कमेटी मीटिंग में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में मंजूरी मिल गई है.”
फडणवीस ने बताया कि हाल में मंजूरी मिला सेमीकंडक्टर प्लांट नवी मुंबई के रायगढ़ जिले में है. पहले चरण में प्लांट से 40,000 वेफर हर महीने बनाए जा सकते हैं. यह क्षमता बढ़ कर 80,000 वेफर हर महीने तक जा सकता है. निवेश के 83,947 करोड़ रुपये में से 58,763 करोड़ रुपये को पहले चरण में लगाया जाएगा वहीं बचे 25,184 करोड़ रुपये को दूसरे चरण के दौरान इन्वेस्ट किया जाएगा.
15,000 नौकरियों के अवसर
इसके साथ ही फडणवीस ने मंजूरी मिले दो और प्रोजेक्ट का जिक्र किया. पहला प्रोजेक्ट इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) को मिले 15,000 करोड़ रुपये के प्रस्तावित निवेश का है वहीं दूसरा निवेश 21,273 करोड़ रुपये के प्रस्तावित इन्वेस्टमेंट को मिले मंजूरी का है. एक्स पोस्ट में फडणवीस ने मंजूरी मिल नए प्रोजेक्ट से पैदा होने वाली नई नौकरियों का भी जिक्र किया. सेमीकंडक्टर की फैक्ट्री से तकरीबन 5,000 नौकरियां संभावित है वहीं दोनों ईवी फैक्ट्रीज से संभवत: 1,000 और 8,800 से अधिक नौकरियां मिल सकती हैं.
आपको बता दें इस मंजूरी के बाद भारत का यह दूसरा चिप मैन्युफैक्चरिंग प्रोजेक्ट होगा वहीं सेमीकंडक्टर प्लांट के मामले में यह 6वीं फैक्ट्री होगी. इस हफ्ते की शुरुआत में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मैसूर स्थित कंपनी केनेस सेमीकॉन से आउटसोर्स असेंबली और टेस्टिंग (ओएसएटी) इकाई के लिए 3,307 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. यह इकाई गुजरात के साणंद में स्थापित की जाएगी जिसकी दैनिक उत्पादन क्षमता तकरीबन 63 लाख चिप्स होगी. वर्तमान में भारत में पांच सरकारी स्वीकृत सेमीकंडक्टर परियोजनाएं हैं. गुजरात के धोलेरा में बन रही चिप निर्माण इकाई के अलावा, चार चिप पैकेजिंग सुविधाएं विकसित की जा रही हैं. इनमें से तीन पैकेजिंग इकाइयां गुजरात के साणंद में हैं, जबकि एक असम के मोरीगांव में बन रही है. इन सुविधाओं में कुल प्रस्तावित निवेश 1.5 लाख करोड़ रुपये है.