महिंद्रा और बजाज कौन है ज्यादा ताकतवर, जिसकी संसद तक दिखी गूंज
mahaindra और bajaj दोनों ऑटोमोबाइल सेक्टर की प्रमुख कंपनियां हैं. प्रोडक्शन के जरिए देश के विकास में अहम योगदान देने वाली कंपनियों से राहुल गांधी भी प्रभावित नजर आएं, उन्होंने संसंद में इनका जिक्र किया. मगर क्या आपको पता है इन दोनों दिग्गजों में कौन आगे है, आज हम आपको यही बताएंगे.
Mahindra Vs Bajaj: देश की प्रमुख ट्रैक्टर निर्माता कंपनी महिंद्रा और दोपहिया-तिपहिया वाहन निर्माता बजाज का देश में अपना एक वजूद है. ये दोनों कंपनियां अपने प्रोडक्शन के दम पर देश-विदेश में नाम कमा रही हैं. साथ ही भारत के विकास में काफी योगदान भी दे रही हैं. इन दोनों दिग्गज कंपनियों का जिक्र हाल ही में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी लोकसभा में किया. उनका कहना है कि एक तरफ जहां देश में सबसे ज्यादा फोकस उपभोग यानी consumption पर दिया जाता है, वहीं प्रोडक्शन के जरिए देश को विकास की ओर ले जाने में Mahindra group और Bajaj की अहम भूमिका रही है. मगर क्या आपको पता है इन दो दिग्गज कंपनियों में से कौन सबसे आगे है, तो आज हम आपको इन दोनों कंपनियों की फाइनेंशियल स्टेटस से लेकर बिजनेस मॉडल तक के बारे में बताएंगे, जिससे आप अंदाजा लगा सकेंगे कि आखिर इन दोनों में सबसे दमदार कौन है.
महिंद्रा ग्रुप 75 से अधिक वर्षों से कर रहा है राज
महिंद्रा ग्रुप 75 से अधिक वर्षों से टिकाऊ और मल्टी यूज वाले कृषि उपकरण बना रहा है. कंपनी की वेबसाइट पर उपलबध जानकारी के मुताबिक 1945 में द्वितीय विश्व युद्ध के अंत में, भारतीय भाइयों केसी और जेसी महिंद्रा और उनके साथी गुलाम मोहम्मद ने मुंबई में महिंद्रा एंड मोहम्मद कंपनी की स्थापना की थी. कंपनी ने सबसे पहले स्टील का उत्पादन किया, उसके बाद जीप जैसे हल्के वाणिज्यिक वाहन का निर्माण किया.
दो साल बाद भारत और पाकिस्तान के बीच विभाजन के बाद, मोहम्मद ने पाकिस्तान के पहले वित्त मंत्री बनने के लिए उद्यम छोड़ दिया. बाद में कंपनी का नाम बदलकर दोनों भाइयों ने “महिंद्रा एंड महिंद्रा” कर दिया. महिंद्रा एंड महिंद्रा 1955 में सार्वजनिक हुई और 1958 तक इसके शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में थे.
कैसे शुरू हुआ ट्रैक्टर निर्माण का काम?
अमेरिकी मैन्यूफैक्चरिंग दिग्गज इंटरनेशनल हार्वेस्टर के साथ जुड़ने के बाद कंपनी ने ट्रैक्टरों का प्रोडक्शन शुरू किया. 1980 के दशक तक, महिंद्रा भारत में ट्रैक्टरों का सबसे बड़ा विक्रेता बन गया. कंपनी के कारोबार में आने के कई दशकों के दौरान, महिंद्रा ने कई यूनीक इंडस्ट्रीज के साथ जुड़कर तेजी से विकास किया है.
कितने हैं कर्मचारी?
महिंद्रा ग्रुप की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक महिंद्रा एंड महिंद्रा के पास 40,000 कर्मचारी है. महिंद्रा ने कई इंडस्ट्रीज का अधिग्रहण किया है, उनमें मैक्सी मोटर्स फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड, ऑटोमोबाइल्स प्यूज़ो फ्रांस, इंटरनेशनल ट्रैक्टर कंपनी ऑफ़ इंडिया और ब्रिटिश टेलीकॉम शामिल हैं.
कितना है रेवेन्यू?
ग्रो वेबसाइट के मुताबिक महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुप का मार्केट कैप 3,94,367 करोड़ रुपये है. जबकि कंपनी का पिछले साल यानी 2024 का रेवेन्यू 1,41,255 करोड़ रुपये थी. वहीं 2023 में इसका रेवेन्यू 1,22,475 करोड़ रुपये दर्ज की गई.
दोपहिया और तिपहिया गाडि़यों की प्रमुख निर्माता है Bajaj
बजाज ऑटो लिमिटेड (BAL) भारत में प्रमुख दोपहिया और तिपहिया वाहन निर्माता में से एक है. वर्तमान में कंपनी मोटरसाइकिल, कॉमर्शियल गाडि़यां, इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन आदि बनाती है. इसके अलावा ऑटोमोबाइल और उनके पुर्जों के विकास, निर्माण और डिस्ट्रिब्यूशन का भी काम करती है. इसकी 3 विदेशी सहायक कंपनियां भी है जिनके नाम बजाज ऑटो इंटरनेशनल होल्डिंग्स, बजाज इंडोनेशिया और बजाज ऑटो (थाईलैंड) लिमिटेड है.
कब शुरू हुई थी कंपनी?
बजाज ऑटो लिमिटेड, बजाज समूह की एक प्रमुख कंपनी है. इसकी स्थापना 1926 में हुई थी. इसका रजिस्टर्ड दफ्तर मुंबई में है. इसकी मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट पुणे के पास चाकन, औरंगाबाद के पास वालुज और उत्तराखंड के पंत नगर में स्थित हैं. कंपनी भारत की मोटरसाइकिल, तिपहिया और क्वाड्रिसाइकिल की सबसे बड़ी निर्यातक है, जिसने 2018-2019 में 79 देशों में दो मिलियन से अधिक यूनिट की बिक्री की है. वहीं बजाज ऑटो की स्थापना साल 1945 में की गई थी.
बिक्री का बनया रिकॉर्ड
कंपनी की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अनुसार वित्त वर्ष 2022-2023 में बजाज ऑटो ने पांच मिलियन से अधिक वाहनों की बिक्री का रिकॉर्ड बनाया था. कंपनी वर्तमान में अपनी 100% सहायक कंपनी बजाज ऑटो इंटरनेशनल होल्डिंग्स नीदरलैंड के माध्यम से ऑस्ट्रिया के KTM AG का 47.99% हिस्सा रखती है. इसकी R & D Centre कंपनी ने डोमिनार, पल्सर, डिस्कवर, बॉक्सर, प्लेटिना मोटरसाइकिल, आरई, मैक्सिमा थ्री व्हीलर, क्यूट क्वाड्रिसाइकिल पेश की है.
किसने रखी थी नींव?
जमनालाल बजाज ने बजाज ग्रुप की नींव रखी थी. उन्होंने समाज की सेवा के लिए ये कारोबार शुरू किया था, जिससे लोगों के जीवन को आसान बनाया जा सके. उनके बिजनेस को बाद में उनके बेटों कमलनयन बजाज और रामकृष्ण बजाज ने आगे बढ़ाया, जबकि जमनालाल के पोते राहुल बजाज ने इसे एक नई बुलंदियों पर पहुंचाया. उन्होंने बजाज स्कूटर के जरिए पूरे देश में तहलका मचाया था. वह 40 साल तक बजाज ऑटो के चेयरमैन रहे हैं.
कितना है मार्केट कैप और रेवेन्यू?
कंपनी की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अनुसार बजाज ग्रुप का मार्केट कैप लगभग 14 लाख करोड़ रुपये (करीब 167 बिलियन डॉलर) है. कंपनी में 40 समूह कंपनियां हैं, जिनमें बजाज फाइनेंस, बजाज होल्डिंग्स, बजाज हाउसिंग फाइनेंस जैसी प्रमुख कंपनियां शामिल हैं. ग्रुप में लगभग 1,00,000 कर्मचारी हैं. अगर सिर्फ बजाज ऑटो के मार्केट कैप की बात करें तो ग्रो वेबसाइट के मुताबिक इसका मार्केट कैप 2,49,790 करोड़ रुपये है. 2024 में कंपनी का रेवेन्यू 43,306 करोड़ रुपये दर्ज किया गया था, जबकि 2023 में ये 37,634 करोड़ रुपये था. इसी तरह कंपनी को साल 2024 में मुनाफा 7,708 करोड़ रुपये का हुआ था, जबकि 2023 में मुनाफा 6,060 करोड़ रुपये हुआ था.