क्या गोल्ड में खरीदारी का बनने वाला है बड़ा मौका? जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट
पिछले कुछ समय में शेयर मार्केट में उतार-चढ़ाव देखने को मिला है, लेकिन गोल्ड ने अपनी चमक बरकरार रखी है. 2025 में अभी चार महीने भी पूरे नहीं हुए हैं, और गोल्ड ने अब तक 24 फीसदी की तेजी दिखाई है. गोल्ड की कीमत 98,000 रुपये प्रति 10 ग्राम को पार कर चुकी है, और उम्मीद की जा रही है कि यह 1.35 लाख रुपये तक पहुंच सकती है. वैश्विक तनाव और अन्य कारणों से गोल्ड निवेशकों की पहली पसंद बना हुआ है.
Gold investment: इन दिनों एक सवाल जो सभी निवेशकों के मन में है ,आखिर गोल्ड में चल क्या रहा है? तेजी की दौड़ कुछ इस तरह लगी है कि गोल्ड की कीमतें रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. ऐसा लग रहा है कि यह सभी प्राइस आउटलुक के अनुमानों को पीछे छोड़ चुका है. बाजार में सोना 98,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के पार जा चुका है. जियो-पॉलिटिकल टेंशन बढ़े हुए हैं. डोनाल्ड ट्रम्प टैरिफ को लेकर कभी कुछ कहते हैं, तो कभी कुछ और यह सारी अनिश्चितताएं गोल्ड की कीमतों को और ऊंचा धकेल रही हैं. पिछले साल, यानी 2024 में गोल्ड ने लगभग 21 फीसदी का रिटर्न दिया था. लेकिन अगर इस साल की बात करें, तो सिर्फ साढ़े तीन महीनों में ही गोल्ड लगभग 24 फीसदी का शानदार रिटर्न दे चुका है. लेकिन जब कोई एसेट इतनी तेजी से ऊपर चढ़ता है, तो एक डर भी बनता है कहीं अचानक इसमें ब्रेक न लग जाए.
क्या पूरे साल गोल्ड ऐसे ही ऊपर ही ऊपर जाता रहेगा? क्योंकि ऐसा अक्सर नहीं होता. क्या यह नई ऊंचाइयों को छूने के बाद अचानक गिरेगा? और अगर ऐसा हुआ, तो क्या वह गिरावट आपके लिए सस्ता गोल्ड खरीदने का मौका बनेगी? इन्हीं तमाम सवालों पर Money9 Live ने बातचीत की है HDFC Securities के कमोडिटी और करेंसी हेड अनुज गुप्ता से.
क्या है तेजी की वजह
HDFC Securities के कमोडिटी और करेंसी हेड अनुज गुप्ता के अनुसार, गोल्ड की यह तेजी सिर्फ बाजार की सट्टा गतिविधियों का नतीजा नहीं है, बल्कि इसके पीछे मजबूत फंडामेंटल फैक्टर्स हैं. वे कहते हैं, “गोल्ड इकलौता ऐसा एसेट क्लास है जो इस साल अब तक पॉजिटिव ट्रेंड में रहा है. डॉलर, इक्विटी, बॉन्ड यील्ड सभी में कमजोरी दिखी है, जबकि गोल्ड लगातार ऊपर जा रहा है.” उन्होंने यह भी बताया कि गोल्ड ने पिछले चार महीनों में लगभग 24 फीसदी की तेजी दिखाई है, जो यह साफ दर्शाता है कि बाजार में अनिश्चितता बढ़ रही है. इसका संबंध वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव, अमेरिकी चुनाव, इजराइल-हमास युद्ध और रूस-यूक्रेन संघर्ष से है.
जब भी अनिश्चितता, तब गोल्ड में उछाल
अनुज गुप्ता बताते हैं कि जब-जब अनिश्चितता का माहौल बना है, गोल्ड ने निवेशकों को बेहतर रिटर्न दिया है. चाहे वह 2011 की रैली हो या कोविड-19 के समय का बूम. गोल्ड एक बार फिर “सेफ हेवन” के रूप में निवेशकों की पहली पसंद बन गया है.
क्या 1.35 लाख रुपये तक जाएगा गोल्ड
Goldman Sachs और Bank of America जैसी वैश्विक फर्मों ने गोल्ड का आउटलुक बढ़ा दिया है. Goldman Sachs का मानना है कि साल के अंत तक सोना 3,700 से 4,500 डॉलर के स्तर तक जा सकता है. अनुज गुप्ता इस अनुमान से सहमत हैं और कहते हैं, “अगर युद्ध जैसी स्थिति और गंभीर होती है, तो 1,30,000–1,35,000 रुपये प्रति 10 ग्राम का स्तर भी देखने को मिल सकता है.”
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तो क्या अभी खरीदना चाहिए सोना
अनुज गुप्ता सलाह देते हैं कि गोल्ड में एकमुश्त निवेश करने के बजाय SIP मॉडल अपनाना चाहिए .यानी हर गिरावट पर थोड़ा-थोड़ा निवेश करते रहें. “गोल्ड में करेक्शन आ सकता है, लेकिन वह खरीदने का मौका होगा, डरने का नहीं.”
गोल्ड ETF: आने वाले वर्षों का बेस्ट इन्वेस्टमेंट?
रिजर्व बैंक द्वारा सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड बंद किए जाने के बाद अब Gold ETF निवेशकों के लिए एक बेहतर विकल्प बनकर उभरे हैं. अनुज बताते हैं, “Gold ETF में पिछले दो वर्षों में 90-95 फीसी की वृद्धि AUM में आई है, और अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी इनकी मांग तेजी से बढ़ रही है.”
गोल्ड बनाम सेंसेक्स: कौन रहा आगे?
यदि पिछले पांच वर्षों के प्रदर्शन की बात करें, तो गोल्ड ने इक्विटी को पीछे छोड़ दिया है.
- 2020: गोल्ड ने 28 फीसदी का रिटर्न दिया, सेंसेक्स ने 15.75 फीसदी
- 2021: गोल्ड -4 फीसदी गिरा, जबकि सेंसेक्स ने 22 फीसदी का रिटर्न दिया
- 2022 से 2024: गोल्ड ने हर साल डबल डिजिट रिटर्न दिया
- 2025 की शुरुआत: गोल्ड 24 फीसदी ऊपर है, जबकि सेंसेक्स धीमी रफ्तार में है