ABCL में आदित्य बिड़ला फाइनेंस का विलय पूरा, 1 अप्रैल से प्रभावी होगी मर्जर योजना
आदित्य बिड़ला कैपिटल (ABCL) ने अपनी सहायक कंपनी आदित्य बिड़ला फाइनेंस का विलय कर एक बड़ी एनबीएफसी बना ली है. यह विलय NCLT के आदेश के अनुसार 1 अप्रैल से प्रभावी हुआ. कंपनी की सीईओ विशालखा मूल्ये ने कहा कि इससे वित्तीय स्थिरता और संचालन में दक्षता बढ़ेगी. दिसंबर 2024 तक, ABCL की प्रबंधनाधीन संपत्ति ₹5.03 लाख करोड़ थी.
Aditya Birla Finance with AABCL: आदित्य बिड़ला कैपिटल ने सोमवार को कहा कि उसने अपनी पूरी तरह से स्वामित्व वाली सहायक कंपनी आदित्य बिड़ला फाइनेंस का खुद में विलय पूरा कर लिया है, जिससे एक बड़ा और एकीकृत एनबीएफसी (नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी) बन गया है. यह विलय राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT), अहमदाबाद बेंच के 24 मार्च के आदेश के अनुसार हुआ है. विलय योजना 1 अप्रैल से प्रभावी हो गई है, जैसा कि आदित्य बिड़ला कैपिटल लिमिटेड (ABCL) ने एक बयान में कहा.
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल मार्च में आदित्य बिड़ला फाइनेंस के विलय का फैसला उसकी मूल कंपनी के साथ संबंधित बोर्डों द्वारा लिया गया था, जो कई कानूनी और नियामक मंजूरियों पर निर्भर था. बयान के मुताबिक, बोर्ड ने विशालखा मूल्ये को एमडी और सीईओ और राकेश सिंह को कार्यकारी निदेशक नियुक्त करने की मंजूरी दी है. हालांकि, इन नियुक्तियों को अंतिम रूप देने के लिए जरूरी नियामक और अन्य स्वीकृतियां अभी मिलनी बाकी हैं.
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स्वतंत्र निदेशक नियुक्त करने की मंजूरी दी
इसके अलावा, बोर्ड ने नागेश पिंगे और सुनील श्रीवास्तव को कंपनी के स्वतंत्र निदेशक नियुक्त करने की मंजूरी दी है. आदित्य बिरला ग्रुप के चेयरमैन, कुमार मंगलम बिरला ने कहा कि देश की विकास गति के साथ, आदित्य बिरला कैपिटल ने खुद को ग्रुप के मुख्य ग्रोथ इंजन के रूप में स्थापित करते हुए अपने व्यवसाय को काफी बढ़ाया है. हमारे विविध वित्तीय उत्पादों और सेवाओं की संयुक्त ताकत हमें तेजी से विस्तार करने, वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने और भारत की आर्थिक विकास की संभावनाओं में महत्वपूर्ण योगदान देने में सक्षम बनाएगी.
क्या बोले सीईओ विशालखा मूल्ये
आदित्य बिरला कैपिटल की सीईओ विशालखा मूल्ये ने कहा कि अब कंपनी की संरचना और सरल हो गई है, जिससे उसे पूंजी तक बेहतर पहुंच मिलेगी. इससे ऑपरेशनल तालमेल, दीर्घकालिक विकास और सभी हितधारकों के लिए अधिक मूल्य सृजन में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि हम फाइनेंस को सरल बनाने और ग्राहकों की विविध जरूरतों को पूरा करने वाले व्यापक वित्तीय समाधान प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. यह आदित्य बिरला कैपिटल के अगले विकास चरण की नींव रखेगा. इस विलय से वित्तीय स्थिरता, संचालन की दक्षता में सुधार और हितधारकों के लिए अधिक मूल्य वृद्धि जैसी कई सुविधाएं मिलेंगी.
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कंपनी को कितनी हुई कमाई
31 दिसंबर 2024 तक, आदित्य बिरला कैपिटल (ABCL) के पास 5.03 लाख करोड़ रुपये से अधिक की प्रबंधनाधीन संपत्ति (AUM) थी. इसका कुल लोन बुक 1.46 लाख करोड़ रुपये से अधिक था, जबकि जीवन और स्वास्थ्य बीमा कारोबार में ग्रॉस प्रीमियम 16,942 करोड़ रुपये रहा. FY25 के पहले नौ महीनों (9M FY25) में, कंपनी ने 28,376 करोड़ रुपये की कुल आय और 2,468 करोड़ का टैक्स देने के बाद लाभ दर्ज किया. ABCL की पूरे भारत में 1,482 शाखाएं हैं और 2,00,000 से अधिक एजेंट/चैनल पार्टनर और कई बैंकिंग साझेदार जुड़े हुए हैं.