11 राज्य 23 शहर, हर रोज करते हैं 1 करोड़ से ज्यादा लोग सफर; भारत बना दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क

भारत का मेट्रो नेटवर्क न केवल तेजी से बढ़ा है बल्कि दुनिया में तीसरे नंबर पर आ गया है. कोलकाता से शुरू हुई यह यात्रा अब 23 शहरों तक फैल गई है, और लाखों लोग रोजाना इसका फायदा उठा रहे हैं. मेट्रो सिस्टम देश की परिवहन क्रांति का प्रतीक बन गया है.

दुनिया में तीसरे नंबर पर है भारत का मेट्रो नेटवर्क Image Credit: AI Generated

भारत के कई शहरों में मेट्रो प्रोजेक्ट जारी है, दिल्ली में तो मेट्रो का विशाल नेटवर्क बिछ चुका है. भारत में मेट्रो सिस्टम ने अब काफी प्रगति की है, इतनी कि यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क बन चुके है. चलिए जानते हैं अब मेट्रो का कितना विस्तार हो चुका है, कितने शहरों में मेट्रो आ चुकी है, हर दिन कितने लोग इससे यात्रा करते हैं. और भारत में कब और कैसे हुई मेट्रो की शुरुआत.

भारत में कहां से शुरू हुई मेट्रो

कई लोगों लगता है कि मेट्रो की शुरुआत दिल्ली से हुई है लेकिन असल में मेट्रो साल 1984 में कोलकाता में शुरू हुई थी. यह भारत की पहली मेट्रो सेवा थी. यह देश का पहला अंडरग्राउंड मेट्रो सिस्टम था. तब सोवियत संघ यानी आज के रूस ने मेट्रो के प्लान और डिजाइन दिया था.

इसके बाद मेट्रो दिल्ली में आई: साल 2002 दिल्ली मेट्रो भारत की दूसरी मेट्रो सेवा बनी. यह देश का सबसे विस्तृत और सफल मेट्रो सिस्टम है. दिल्ली मेट्रो में जापान ने प्लानिंग में मदद की है. अटल बिहारी वाजपेयी के समय दिल्ली में मेट्रो शुरू हुई हालांकि इसकी प्लानिंग काफी लंबे समय से चल रही थी. ई श्रीधरन का इसमें बड़ा योगदान था जिन्हें भारत का “मेट्रो मैन” भी कहा जाता है.  

फिर 2011 में बेंगलुरु में मेट्रो आई: नम्मा मेट्रो ने 20 अक्टूबर 2011 को बेंगलुरु में मेट्रो सेवा की शुरुआत की. इसके बाद अब कई शहरों में मेट्रो दौड़ रही है.

इसके अलावा भोपाल, इंदौर और कई शहरों में मेट्रो का प्रोजेक्ट जारी है.