रेलवे के तीन प्रोजेक्ट को कैबिनेट की मंजूरी, छत्तीसगढ़ सहित तीन राज्यों में होगा 18658 करोड़ रुपये का निवेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने रेलवे नेटवर्क को विस्तार देने के लिए चार बड़े मल्टीट्रैकिंग प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है. इन प्रोजेक्ट्स से नए ट्रैक, स्टेशन और नौकरियों के अवसर भी मिलेंगे. जिससे लाखों लोगों को फायदा मिलेगा.
Railway Plan: भारतीय रेलवे के बुनियादी ढांचे को और अधिक सशक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में चार प्रमुख रेलवे मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिन पर कुल 18,658 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा. ये परियोजनाएं महाराष्ट्र, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में लगभग 1,247 किलोमीटर के रेलवे नेटवर्क को विस्तार देंगी जिससे यातायात सुगम होगा और माल ढुलाई की लागत में कमी आएगी.
किन राज्यों को होगा फायदा?
कैबिनेट ने छत्तीसगढ़ में 615 किमी लंबी नई रेलवे लाइन के निर्माण के लिए 8,741 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दी है. यह नया मार्ग खरसिया-नया रायपुर-परमालकासा के बीच बनेगा जिससे बालौदा बाजार और आसपास के इलाकों को सीधा रेल कनेक्शन मिलेगा. इस नई लाइन से लॉजिस्टिक्स पर 2,520 करोड़ रुपये तक की बचत होगी और क्षेत्र में सीमेंट समेत अन्य उद्योगों की स्थापना को बढ़ावा मिलेगा.
महाराष्ट्र में गोंदिया-बल्लारशाह लाइन डबलिंग परियोजना के लिए 4,819 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं जिससे यात्री और मालगाड़ियों के संचालन में सुधार होगा. ओडिशा में संबलपुर-जरपड़ा के बीच 277 किमी का तीसरी और चौथी रेलवे लाइन प्रोजेक्ट को 3,917 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है. इसके अलावा, झारसुगुड़ा-सासन खंड पर भी तीसरी और चौथी रेल लाइन बिछाने की परियोजना को हरी झंडी मिली है.
इन प्रोजेक्ट्स के निर्माण के दौरान करीब 379 लाख मानव-दिवस (ह्यूमन-डेज़) का सीधा रोजगार मिलेगा. इसका मतलब यह है कि निर्माण कार्य में इतने लोगों को इतने दिनों तक काम करने का मौका मिलेगा, जिससे बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर बनेंगे. साथ ही, 19 नए रेलवे स्टेशन बनाए जाएंगे जिससे 3,350 गांवों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी और करीब 47.25 लाख लोग सीधे लाभान्वित होंगे.
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माल ढुलाई सस्ती, तेल आयात में कमी
रेलवे के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने से 88.77 मिलियन टन प्रति वर्ष अतिरिक्त माल ढुलाई क्षमता विकसित होगी. यह तेल आयात में 95 करोड़ लीटर की बचत करेगा और CO2 उत्सर्जन को 477 करोड़ किलोग्राम तक कम करेगा, जो 19 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है.
इन परियोजनाओं से न केवल रेलवे की क्षमता बढ़ेगी, बल्कि देश की लॉजिस्टिक्स लागत भी कम होगी, जिससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलने की संभावना है.