अपनी इस कंपनी को बेचने की तैयारी में मोतीलाल ओसवाल! 2014 में हुई शुरुआत… 6 साल पहले बदला था नाम

Motilal Oswal Home Finance: इसकी शुरुआत साल 2014 में एस्पायर होम फाइनेंस कॉर्प के रूप में हुई थी. साल 2019 में इसका नाम बदलकर मोतीलाल ओसवाल होम फाइनेंस कर दिया गया था. मोतीलाल ओसवाल ने खरीदारों की तलाश के लिए इन्वेस्टमेंट बैंक नियुक्त कर दिया है.

मोतीलाल ओसवाल समूह इस कंपनी को बेचने की कर रही तैयारी. Image Credit: Motilal Oswal Finance

Motilal Oswal Home Finance: मुंबई बेस्ड फाइनेंशियल सर्विस ग्रुप मोतीलाल ओसवाल होम फाइनेंस बिजनेस से बाहर निकलने की प्लानिंग कर रहा है. खबर है कि मोतीलाल ओसवाल ने अपनी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी को बेचने का फैसला किया है. यह घटनाक्रम पिछले कुछ महीनों में किफायती रेसिडेंशियल सेक्टर में प्राइवेट इक्विटी निवेशकों और प्राइमरी मार्केट, दोनों की ओर से डील की एक्टिविटी में वृद्धि के बैकग्राउंड में हुआ है. मोतीलाल ओसवाल ने संभावित खरीदारों की तलाश के लिए इन्वेटस्टमेंट बैंक एवेंडस कैपिटल को नियुक्त किया है.

कितनी है हिस्सेदारी?

मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, समूह की होल्डिंग कंपनी मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड, अन्य पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियों के साथ, वर्तमान में हाउसिंग फाइनेंस सहायक, मोतीलाल ओसवाल होम फाइनेंस में 97.49 फीसदी हिस्सेदारी रखती है.

हालांकि, अभी यह पता नहीं चल पाया है कि हिस्सेदारी से कितनी रकम प्राप्त होगी, लेकिन अफोर्डेबल रेजिडेंशियल सेक्टर में इसकी कुछ लिस्टेड प्रतिस्पर्धी कंपनियां- जैसे आधार हाउसिंग फाइनेंस, आवास फाइनेंसर्स, एप्टस वैल्यू हाउसिंग फाइनेंस इंडिया और होम फर्स्ट फाइनेंस कंपनी, अपने बुक वैल्यू या नेटवर्थ से 2.8-3.9 गुना पर कारोबार कर रही हैं.

कितनी है कंपनी का वैल्यूएशन?

क्रिसिल के आंकड़ों के अनुसार, 31 मार्च 2024 तक मोतीलाल ओसवाल के हाउसिंग फाइनेंस कारोबार का स्टैंडअलोन नेटवर्थ 1,290 करोड़ रुपये था. इसके समकक्ष वैल्यूएशन के अनुसार, बैक-ऑफ-द-एनवॉल्प कैलकुलेशन से पता चलता है कि कंपनी का वैल्यूशन 3,612 करोड़ रुपये से 5,031 करोड़ रुपये के बीच हो सकता है. मिंट ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि मोतीलाल ओसवाल होम फाइनेंस के प्रवक्ता ने इस कदम से इनकार कर दिया है. मनी9लाइव इस खबर की अलग से पुष्टि नहीं करता है.

लोन बुक साइज

अफोर्डेबल रेजिडेंशियल फाइनेंस लेंडर ने साल 2014 में एस्पायर होम फाइनेंस कॉर्प के रूप में ऑपरेशन की शुरुआत की थी. 2019 में इसका नाम बदलकर मोतीलाल ओसवाल होम फाइनेंस कर दिया गया. क्रिसिल के अनुसार, 30 जून 2024 तक, इसका लोन बुक 4,098 करोड़ रुपये का था. 31 मार्च 2024 को इसके लोन बुक का साइज 4,048 करोड़ रुपये था. मोतीलाल ओसवाल होम फाइनेंस पहले एसेट क्वालिटी की समस्याओं का सामना करना पड़ा था.

नॉन परफॉर्मिंग एसेट

रेटिंग एजेंसी इक्रा के अगस्त 2021 के नोट में बताया गया था कि वित्त वर्ष 19 में मोतीलाल ओसवाल होम फाइनेंस का ग्रॉस नॉन परफॉर्मिंग एसेट (NPA) बढ़कर लोन का 9.2 फीसदी हो गया था. इसमें कहा गया था कि मोतीलाल ओसवाल समूह ने कई सुधारात्मक उपाय किए, जिनमें सिस्टम और प्रक्रियाओं को मजबूत करना, मैनेजमेंट सपोर्ट, बढ़ी हुई निगरानी और पूंजी निवेश शामिल है.

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एसेट क्वालिटी में सुधार

तब से एसेट क्वालिटी की स्थिति में सुधार हुआ है. 30 सितंबर 2024 तक NPA रेश्यो 1.3 फीसदी पर था, जो 30 सितंबर 2023 के 2.1 फीसदी से कम है. एक समकक्ष कंपनी की तुलना से पता चला है कि आधार हाउसिंग फाइनेंस और एप्टस वैल्यू हाउसिंग फाइनेंस इंडिया का NPA रेश्यो 30 सितंबर 2024 तक क्रमश 1.3% और 1.25% था.

इक्विटी निवेशकों की दिलचस्पी

बढ़ती डील गतिविधि व्यवसाय को ब्लॉक पर रखने का निर्णय ऐसे समय में आया है जब निजी इक्विटी निवेशकों ने किफायती आवास करोबार में गहरी दिलचस्पी दिखाई है. उदाहरण के लिए, श्रीराम फाइनेंस ने दिसंबर 2024 में श्रीराम हाउसिंग फाइनेंस में अपनी पूरी 84.44 फीसदी हिस्सेदारी वारबर्ग की सहयोगी कंपनी मैंगो क्रेस्ट इन्वेस्टमेंट को 3,929 करोड़ रुपये में बेच दी थी. तब से कंपनी का नाम बदलकर ट्रूहोम फाइनेंस कर दिया गया है.

फिर, EQT पार्टनर्स ने सितंबर 2024 में इंडो स्टार होम फाइनेंस में 100 फीसदी हिस्सेदारी हासिल कर ली. इससे पहले, CVC कैपिटल पार्टनर्स ने अगस्त 2024 में लिस्टेड आवास फाइनेंसर्स में 26.47 फीसदी हिस्सेदारी हासिल की, जिससे कंट्रोल के लिए एक ओपन ऑफर की शुरुआत हुई.