Mukesh Ambani On AI: चैट जीपीटी का इस्तेमाल करें, गुलाम न बनें; तरक्की के लिए खुद की बुद्धि जरूरी

सस्ते चाइनीज AI की वजह से अमेरिकी में आए भूचाल के बीच रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने AI के इस्तेमाल पर बयान दिया है. एक कार्यक्रम में अंबानी ने कहा कि चैट जीपीटी जैसे AI का इस्तेमाल करना चाहिए, लेकिन इसका गुलाम नहीं बन जाना चाहिए.

गुजरात में छात्रों को संबोधित करते हुए मुकेश अंबानी Image Credit: RIL

रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने मंगलवार को AI के इस्तेमाल पर बयान दिया. उन्होंने एक कार्यक्रम कहा कि चैट जीपीटी जैसे AI टूल्स का इस्तेमाल किया जाना चाहिए, लेकिन इसका गुलाम नहीं बनना चाहिए. गुजरात के गांधीनगर में पंडित दीनदयाल ऊर्जा विश्वविद्यालय (पीडीईयू) के 12वें दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “चैट जीपीटी का जरूर इस्तेमाल करो, लेकिन याद रखो कि आर्टिफिशियल बुद्धि से नहीं खुद की बुद्धि से हम आगे बढ़ेंगे.“

उन्होंने छात्रों को AI के इस्तेमाल पर सलाह देते हुए कहा, “मैं युवा छात्रों को एक सलाह देना चाहता हूं. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का एक टूल के रूप में इस्तेमाल करने में माहिर होना चाहिए. लेकिन, अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करना नहीं छोड़ें, क्योंकि विश्वविद्यालय के बाहर निकलते ही ‘यूनिवर्सिटी ऑफ लाइफ’ में एडमिशन लेना होगा. जहां न कैंपस होगा, न क्लासरूम और न ही पढ़ाने वाले टीचर्स होंगे, वहां, आपको अपने दम पर ही जीवन में आगे बढ़ना होगा.“

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए मुकेश अंबानी ने कहा कि “पंडित दीनदयाल ऊर्जा विश्वविद्यालय असल में पीएम मोदी की असाधारण दूरदर्शिता का नतीजा है. 20 वर्ष पहले पीएम मोदी ने कहा था कि वे चाहते हैं कि गुजरात ऊर्जा और ऊर्जा उत्पादों के मामले में देश का नेतृत्व करे. इसके साथ ही विश्वस्तरीय मानव संसाधन के विकास में भी गुजरात अग्रणी भूमिका में रहे. उनके इस विजन की वजह से ही इस विश्वविद्यालय की स्थापना हुई.“

सदी के अंत तक दुनिया का सबसे समृद्ध देश होगा भारत

PDEU के फाउंडर प्रेसिडेंट और चेयरमैन मुकेश अंबानी का कहना है कि इस सदी के अंत से पहले ही भारत दुनिया का सबसे समृद्ध राष्ट्र बन जाएगा. दुनिया की कोई भी ताकत भारत की विकास यात्रा को रोक नहीं सकती. उन्होंने कहा कि भारत तेजी से एक डीप-टेक देश में बदल रहा है. उन्होंने छात्रों से कहा, “आप भारत के स्वर्णिम युग में कदम रख रहे हैं, जहां बेसुमार अवसर होंगे.” इसके साथ ही उन्होंने कहा कि AI की शक्ति को मानवीय रचनात्मकता के साथ जोड़ना बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा कि तकनीक का जिम्मेदारी के साथ इस्तेमाल किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, “एआई आपकी क्षमताओं को बढ़ा सकता है, लेकिन आपके मौलिक विचार और क्रिटिकल थिंकिंग आपको AI और दूसरों से अलग बनाती है.”