पहले गौतम सिंघानिया से हुईं अलग, फिर 9000 करोड़ के Raymond ग्रुप से विदाई, अब क्या करेंगी नवाज मोदी

बुधवार की शाम, रेमंड लिमिटेड में बड़ा बदलाव देखा गया जब नवाज मोदी सिंघानिया ने कंपनी के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया. इस इस्तीफा के लेकर नवाज मोदी ने निजी कारण का हवाला दिया. इससे पहले भी नवाज मोदी को रेमंड के तीन प्राइवेट कंपनियों से हटाया जा चुका है. जानें क्या है पूरी कहनी.

रेमंड लिमिटेड से अलग हुईं नवाज मोदी सिंघानिया Image Credit: @Money9live

Nawaz Modi Singhania and Gautam Singhania: देश की बड़ी टेक्सटाइल कंपनियों में से एक रेमंड लिमिटेड कुछ समय से लगातार सुर्खियों में बनी हुई है. और इसकी वजह कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर गौतम सिंघानिया की पत्नी रहीं नवाज मोदी सिंघानिया का कंपनी के बोर्ड से इस्तीफा देना है. 19 मार्च के दिन रेमंड लिमिटेड ग्रुप में बड़ा बदलाव हुआ. उनका यह फैसला इस्तीफा देने वाली तारीख यानी 19 मार्च से भी प्रभावी भी हो गया. नवाज मोदी सिंघानिया और गौतम सिंघानिया ने नवंबर 2023 के बाद से ही अलग रहने का फैसला कर लिया था. गौतम सिंघानिया और नवाज मोदी सिंघानिया के दो बच्चे हैं. दोनों ने शादी के 32 साल बाद अलग होने का फैसला किया था.

नवाज मोदी सिंघानिया ने क्यों दिया इस्तीफा?

नवाज ने कंपनी को अपना इस्तीफा पत्र दिया जिसे रेमंड ने शेयर बाजार में जमा किया. पत्र के मुताबिक, नवाज ने निजी कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया है. अपने इस्तीफे में नवाज मोदी ने लिखा, “निजी कारणों से मैं रेमंड लिमिटेड के डायरेक्टर पद से तत्काल रूप से इस्तीफा दे रही हूं. मैं बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को उनके सहयोग और कार्यकाल के दौरान उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दे रही हूं.” इसके बाद गौतम सिंघानिया ने भी नवाज मोदी के योगदान के लिए उन्हें धन्यवाद दिया.

तीन कंपनियों से हटाई जा चुकी हैं नवाज मोदी सिंघानिया

पिछले साल के अप्रैल महीने में, नवाज मोदी को रेमंड की तीन प्राइवेट कंपनी- JK Investors (JKI), रेमंड कंज्यूमर केयर (RCCL) और स्मार्ट एडवाइजरी एंड फिनसर्व के बोर्ड से हटाया जा चुका है. 31 मार्च, 2024 को हुई एक एक्स्ट्राऑर्डिनरी जनरल मीटिंग (EGM) में यह फैसला लिया गया था. नवाज ने इन कंपनियों के बोर्ड के फैसले का विरोध किया था जिसके बाद उन्हें हटा दिया गया.

एलिमनी को लेकर भी हुआ था विवाद

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नवाज मोदी ने तलाक के बाद गौतम सिंघानिया से कुल संपत्ति का 75 फीसदी हिस्सा मांगा था. नवाज मोदी चाहती थीं कि उनकी बेटी को भी 25 फीसदी हिस्सा मिले. उन्होंने कहा, मेरे ससुर डॉ. विजयपत सिंघानिया ने कहा कि मुझे उनकी संपत्ति का 50 फीसदी मिलना चाहिए जबकि गौतम सिंघानिया को बाकी के 50 फीसदी. लेकिन मैं अपनी बेटी निहारिका और न्यासा के लिए भी 25 फीसदी चाहती हूं. मौजूदा समय में नवाज मोदी ने बोर्ड से इस्तीफा दे दिया है. अब ये देखना अहम होगा कि इस्तीफा के बाद कंपनी के बोर्ड का अगला रुख क्या होता है. 

कितनी बड़ी है कंपनी?

रेमंड ग्रुप की शुरुआत 1925 में हुई थी. कंपनी मुख्य रूप से कपड़ा बनाती है. कुछ साल बाद कंपनी ने इंजीनियरिंग और रियल एस्टेट जैसे दूसरे सेक्टर में भी कदम रख लिया था. मौजूदा समय में कंपनी का मार्केट कैप 9,428 करोड़ रुपये है. वहीं शेयर बाजार की बात करें तो गुरुवार (20 मार्च) को, कंपनी का शेयर 0.50 फीसदी की मामूली गिरावट के साथ 1,409 रुपये पर बंद हुआ. हालांकि महीने भर के ग्राफ में कंपनी हरे में दिख रही है. इस दौरान कंपनी ने अपने निवेशकों को 2.63 फीसदी यानी तकरीबन 36 रुपये का फायदा दिया है.