न्यू इंडिया में छोटे शहरों के D2C का जलवा, अब ये देंगे नौकरियां, बड़े-बड़े दिग्गज इनके पीछे
छोटे शहरों में कंपनियों का उभार और ई-कॉमर्स के बढ़ते प्रभाव के कारण, भारतीय बाजार में डी2सी ब्रांड्स तेजी से फैल रहे हैं. अब उपभोक्ता स्थानीय और छोटे ब्रांड्स के प्रोडक्ट का भी स्वागत कर रहे हैं, जिनकी क्वालिटी और कस्टमर सर्विस बड़े ब्रांड्स से मुकाबला कर रही है.
D2C: देश 76वे गणतंत्र वर्ष में प्रवेश कर चुका है. यह ऐसा समय है जब हम जश्न के साथ-साथ देश की आजादी के बाद से शुरू हुए सफर का एनालिसिस भी कर रहे हैं. तब और आज के बीच देश कई बदलावों से गुजरा है और मूलभूत सुविधाओं को पूरा करने की चुनौती को पार करते हुए आज हम दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुके हैं.
इस दौरान देश में बिजनेस के रुझानों में भी बड़ा बदलाव आया है. एक समय था जब हम किसी भी प्रोडक्ट के लिए विदेशी कंपनियों पर निर्भर रहते थे, लेकिन आज देश में कई कंपनियां हैं जो इन जरूरतों को पूरा कर रही हैं. एक और बदलाव जो आज हम देख सकते हैं वह यह है कि अब देश में सिर्फ बड़े शहर ही नहीं, बल्कि टियर 2 और छोटे शहर भी देश के बिजनेस सेक्टर में अपनी छाप छोड़ रहे हैं, खासकर D2C (डायरेक्ट टू कंज्यूमर) क्षेत्र में.
D2C में छोटे शहरों की बढ़ती भागीदारी
एक समय था जब कंज्यूमर प्रोडक्ट के लिए बहुराष्ट्रीय कंपनियों या फिर बड़ी कंपनियों पर निर्भर रहते थे, जो बड़े शहरों में स्थित थीं. लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इसमें बड़ा बदलाव देखने को मिला है. अब छोटे शहरों में स्थित छोटी कंपनियां इस क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं और कई बड़ी कंपनियों से बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं. हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (एचयूएल) और मिनिमलिस्ट के बीच सौदा इसका अच्छा उदाहरण है.
छोटे कंपनियों पर फिदा बड़े दिग्गज
डी2सी सेक्टर में इस समय एक और ट्रेंड देखने को मिल रहा है, जिसमें बड़ी और बहुराष्ट्रीय कंपनियां छोटे डी2सी कंपनियों को खरीद रही हैं. हाल ही में हिंदुस्तान यूनिलिवर लिमिटेड (HUL) ने जयपुर की कंपनी Minimalist की 90.5 प्रतिशत स्टेक को 2,955 करोड़ रुपये में खरीदा है. इसी तरह, Merico को Tata ने खरीदा, और डाबर ने Emami को खरीदा है. रिलायंस कंज्यूमर प्रोडक्ट ने पैकेज्ड फूड ब्रांड sil खरीदा है.
D2C बाजार में उछाल
पिछले कुछ वर्षों में डी2सी (डायरेक्ट टू कंज्यूमर) में बड़ा बदलाव आया है, क्योंकि ई-कॉमर्स बढ़ रहा है और नई पीढ़ी नए ब्रांड को अपनाने में संकोच नहीं करती. भारत में डी2सी ब्रांड्स का बाजार अगले चार सालों में तीन गुना बढ़कर वित्तीय वर्ष 2027 तक $61.3 बिलियन तक पहुंच सकता है. यह वृद्धि ब्रांड्स द्वारा अधिक लक्षित करने, हाइपर-पर्सनलाइजेशन, बढ़ती प्रतिस्पर्धा और प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि के कारण हो रही है.
इतनी नौकरी पैदा करेगा D2C
इकोनॉमिक्स टाइम की रिपोर्ट के अनुसार, डी2सी बाजार का अनुमान है कि यह वित्तीय वर्ष 2023 में लगभग $17 बिलियन से बढ़कर हर साल करीब 38% की दर से बढ़ेगा, और वित्तीय वर्ष 2027 तक लगभग 10 मिलियन डायरेक्ट और इनडायरेक्ट नौकरियां पैदा करेगा. इस क्षेत्र में शिपमेंट्स की संख्या वित्तीय वर्ष 2023 में लगभग 600 मिलियन से बढ़कर वित्तीय वर्ष 2027 तक दो बिलियन से अधिक हो सकती है.
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2025 तक इतने ब्रांड हो सकते हैं
इकोनॉमिक्स टाइम की रिपोर्ट के अनुसार, 2025 तक डी2सी ब्रांड्स की संख्या 200,000 से 250,000 तक पहुंचने का अनुमान है. इनमें 82°E, Alphavedic, Anveya Living, Arata, Atomberg, Bacca Bucci, Beco, Bewakoof, Beyoung, BlissClub, Bluestone, boAt, Bold Care, BoldFit, Bombay Shirt Company, Boult, Chaayos और Chai Point शामिल हैं.