यूपी में आ गई नई liquor पॉलिसी, जानें कितने में मिलेगा शराब का ठेका

यूपी गवर्नमेंट ने 2025-26 वित्तीय वर्ष के लिए नई शराब नीति को मंजूरी दे दी है. इसके तहत राज्‍य में पहली बार कंपोजिट शॉप्‍स होंगी. तो किस तरह की होगी ये दुकान और राज्‍य में शराब का ठेका लेने के लिए कितनी चुकानी होगी फीस जानें पूरा विवरण.

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UP liquor Policy: यूपी गवर्नमेंट ने 2025-26 वित्तीय वर्ष के लिए नई शराब नीति को मंजूरी दे दी है. इसके तहत राज्य की सभी शराब दुकानों का प्रबंधन ई-लॉटरी के जरिए किया जाएगा. साथ ही अब राज्य में पहली बार “कंपोजिट शॉप्स” होंगी, जहां बीयर, शराब और वाइन एक ही काउंटर पर मिल सकेंगे. ऐसे में अगर कोई यूपी में शराब का ठेका खोलना चाहता है, तो उसे लाइसेंस कितने में मिलेगा और इसकी प्रक्रिया क्‍या होगी, इसी के बारे में सरकार ने गाइडलाइन जारी की है.

ई-लॉटरी से होगा अलॉटमेंट

आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में बताया कि सात साल में पहली बार राज्य में सभी देसी शराब की दुकानों, कंपोजिट दुकानों, मॉडल शॉप और भांग की दुकानों का अलॉटमेंट पहले की रिन्‍युअल प्रोसेस के बजाय ई-लॉटरी के जरिए किया जाएगा. नई प्रणाली के तहत एक आवेदक सिर्फ एक ही आवेदन जमा कर सकता है और किसी भी व्यक्ति को पूरे राज्य में दो से अधिक दुकानें आवंटित नहीं की जाएंगी. “कम्पोजिट शॉप्स” की खास बात यह होगी कि यहां कस्‍टमर्स को एक ही दुकान में हर तरह के मादक पेय पदार्थ, मिलेंगे जिन्‍हें वे खरीद सकेंगे.

कितनी लगेगी प्रोसेसिंग फीस?

शराब का ठेका खोलने के बाद उनहें कितनी प्रोसेसिंग फीस चुकानी होगी, इसके लिए भी सरकार ने नियम तय किए हैं. प्रोसेसिंग फीस को पांच स्लैब में बांटा गया है. पहली कैटेगरी में गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, लखनऊ, आगरा, वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर और कानपुर के विकास प्राधिकरणों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र शामिल हैं. उनकी नगरपालिका सीमा के आसपास का 3 किलोमीटर का दायरा भी इसमें शामिल होगा. इन क्षेत्रों में देसी शराब की दुकानों के लिए प्रोसेसिंग फीस 65,000 रुपये, कंपोजिट दुकानों के लिए 90,000 रुपये, मॉडल शॉप्‍स के लिए 1 लाख रुपये और भांग की दुकानों के लिए 25,000 रुपये तय की गई है.

दूसरी और तीसरी कैटेगरी में कितनी होगी फीस?

पहली श्रेणी में शामिल नहीं किए गए बड़े शहर और आसपास का 3 किलोमीटर का क्षेत्र दूसरी कैटेगरी में शामिल किया गया है. यहां देसी शराब की दुकानों के लिए फीस 60,000 रुपये, कंपोजिट दुकानों के लिए 85,000 रुपये, मॉडल शॉप्‍स के लिए 90,000 रुपये और भांग की दुकानों के लिए 25,000 रुपये होगी. जबकि तीसरी कैटेगरी में नगर निगम क्षेत्र और उनके 3 किलोमीटर के दायरे को शामिल किया गया है. इस श्रेणी में देसी शराब की दुकानों के लिए फीस 50 हजार रुपये, कंपोटिज दुकानों के लिए 75,000 रुपये, मॉडल शॉप्‍स के लिए 80,000 रुपये और 25,000 रुपये होगा.

चौथे और पांचवे श्रेणी में कितनी लगेगी फीस?

चौथी श्रेणी में नगर पंचायत क्षेत्र और उनके 3 किलोमीटर के दायरे को शामिल किया गया है. यहां देसी, कंपोजिट, मॉडल और भांग की दुकानों के लिए प्रोसेसिंग फीस क्रमशः 45,000 रुपये, 65,000 रुपये और 70,000 रुपये और 25,000 रुपये होगी. वहीं पांचवीं श्रेणी में ग्रामीण क्षेत्र को शामिल किया गया है. यहां देसी, कंपोजिट, मॉडल और भांग की दुकानों के लिए शुल्क क्रमशः 40,000 रुपये, 55,000 रुपये और 60,000 रुपये और 25,000 रुपये होगा.

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लाइसेंस के लिए कितना लगेगा शुल्‍क?

यूपी सरकार ने देसी शराब के लिए न्यूनतम गारंटी कोटा (MGQ) में भी 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है. प्रति बल्क लीटर लाइसेंस शुल्क को 254 रुपये से बढ़ाकर 260 रुपये किया गया है. दुकानों के लिए लाइसेंस शुल्क डिविजनल और जिला मुख्यालयों के लिए 50,000 रुपये और दूसरे डिस्ट्रिक लोकेशन के लिए 30,000 रुपये तय किया गया है.