News9 Global Summit: Mercedes के सीईओ संतोष अय्यर बोले, अब Electric Car बनाने पर रहेगा फोकस
लक्जरी कार कंपनी Mercedes के सीईओ संतोष अय्यर ने News9 ग्लोबल समिट में कहा कि अब मर्सिडीज का पूरा फोकस इलेक्ट्रिक कार बनाने पर होगा. DRIVING A BILLION ASPIRATIONS सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया के बाद अब मेक इन इंडिया, मेक फॉर वर्ल्ड का समय आ गया है.
देश के सबसे बड़े न्यूज नेटवर्क TV9 की तरफ आयोजित News9 Global Summit 2024 के दूसरे दिन Mercedes-Benz इंडिया के एमडी और सीईओ, संतोष अय्यर शामिल हुए. उन्होंने DRIVING A BILLION ASPIRATIONS सत्र को संबोधित किया. जर्मनी के मशहूर औद्योगिक शहर स्टटगार्ट के ऐतिहासिक MHP एरिना स्टेडियम में आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने भारत और जर्मनी के संबंधों के साथ ही ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री पर अपने विचार रखे.
Mercedes-Benz India के एमडी और सीईओ संतोष अय्यर ने ‘ड्राइविंग ए बिलियन एस्पिरेशन’ सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में Mercedes-Benz की बिक्री ने अब 20,000 का आंकड़ा छू लिया है. कुछ वर्ष पहले तक यह आंकड़ा करीब 10 हजार से नीचे रहता था. मर्सिडीज की लग्जरी कारों की बढ़ती बिक्री बताती है कि भारत में लाइफस्टाइल को लेकर बड़ा बदलाव आया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लग्जरी कारों में भी इलेक्ट्रिफिकेशन को बढ़ावा मिलना चाहिए. मर्सिडीज का भी इलेक्ट्रिक कारों के प्रोडक्शन पर फोकस रहेगा.
इंफ्रास्ट्रक्चर हुआ मजबूत
संतोष अय्यर ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत में कई बड़े बदलाव हुए हैं. खासतौर पर इन्फ्रास्ट्रक्चर जिस तेजी से बढ़ा है, वह उल्लेखनीय है. जर्मनी के ऑटोबान से मुकाबला करने वाले हजारों किलोमीटर के नए एक्सप्रेस-वे बने हैं. फिजिकल हो या डिजिटल, हर तरह का इन्फ्रास्ट्रक्चर तेजी से विकसित हुआ है.
आय में हो रही बढ़ोतरी
उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल मार्केट बन गया है. यहां हर साल 45 लाख पैसेंजर कारों का प्रोडक्शन होता है. उन्होंने कहा कि जर्मनी के मुकाबले भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर बहुत तेजी से विकसित हो रहा है. इसकी वजह से लोगों की आय और आकांक्षाओं में भी बदलाव आ रहा है. अब भारत में प्रति व्यक्ति आय 3,000 डॉलर के करीब हो गई है.
कार के कारोबार के व्यापक अवसर
भारत में कार कंपनियों के लिए कारोबार के अवसरों को लेकर उन्होंने कहा, फिलहाल भारत में लग्जरी कार खरीदना नहीं, बल्कि कार खरीदना ही लग्जरी है. भारत में प्रति हजार व्यक्तियों पर 40 कार हैं, जबकि जर्मनी में प्रति हजार व्यक्तियों पर 600 कार हैं. जर्मनी और भारत लंबे समय से एक साथ काम कर रहे हैं. दोनों देश आगे भी मिलकर लोगों की आकाक्षाओं को पूरा करने के लिए काम करेंगे.