NHRC के निशाने पर Foxconn, शादी-शुदा महिलाओं के साथ भेदभाव मामले पर घिरा, दोबारा जांच के निर्देश
Apple iPhones के प्रमुख निर्माता फॉक्सकॉन पर रोजगार को लेकर चल रहे भेदभाव मामले में NHRC ने फ्रेश जांच के निर्देश दिए हैं. आयोग,अधिकारियों की ओर से की गई जांच से संतुष्ट नहीं थे. ऐसे में दोबारा मामले की पड़ताल करने को कहा गया है.
Foxconn employment discrimination: भारत के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने Apple iPhones के प्रमुख निर्माता फॉक्सकॉन पर रोजगार को लेकर चल रहे भेदभाव मामले की कड़ी अलोचना की. साथ ही जांच में विफल रहने के लिए श्रम अधिकारियों को भी खूब भला बुरा कहा. रॉयटर्स के दस्तावेजों के मुताबिक NHRC ने आधिकारिक रूप से श्रम अधिकारियों को इस मामले की नए सिरे से जांच के निर्देश दिए हैं.
बता दें रॉयटर्स की जांच से पता चला था कि फॉक्सकॉन ने अपने दक्षिण भारत स्थित प्लांट में iPhone असेंबली के कामों से विवाहित महिलाओं को दूर रखा था. इसके बाद जून में NHRC ने केंद्र और तमिलनाडु राज्य के अधिकारियों को फॉक्सकॉन की भर्ती प्रथाओं की जांच करने का आदेश दिया था. श्रम और रोजगार मंत्रालय ने भी तमिलनाडु श्रम विभाग से मीडिया रिपोर्टों के संबंध में एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी.
कंपनी ने खारिज किया था दावा
फॉक्सकॉन ने विवाहित महिलाओं के खिलाफ भेदभावपूर्ण भर्ती प्रथाओं के आरोपों को खारिज किया है. कंपनी का दावा है कि उनकी नई भर्तियों में 25% विवाहित महिलाएं ही हैं. जुलाई में भारतीय श्रम अधिकारियों ने फॉक्सकॉन का दौरा किया था और कंपनी के कार्यप्रणाली के बारे में अधिकारियों से पूछताछ की थी, लेकिन उनकी जांच के निष्कर्षों का खुलासा नहीं किया गया था.
NHRC जांच से नहीं हुई संतुष्ट
NHRC ने श्रम अधिकारियों की आलोचना की. उसका कहना है कि अधिकारियों ने फॉक्सकॉन की भर्ती दस्तावेजों या विवाहित महिलाओं के प्रति भेदभाव की जांच ठीक से नहीं की है, क्योंकि वर्तमान में काम कर रही महिला कर्मचारियों की संख्या से यह नहीं पता चलता कि कंपनी ने भर्ती के दौरान विवाहित महिलाओं के साथ भेदभाव किया था या नहीं. बता दें ये जांच 19 नवंबर को हुई थी. इस मामले में NHRC ने जांच अधिकारियों को चार सप्ताह के भीतर “एक संपूर्ण जांच” करने का आदेश दिया है.
ये भी लगे थे आरोप
रॉयटर्स की जांच में यह भी पाया गया था कि जनवरी 2023 से मई 2024 के बीच कई नौकरी के विज्ञापनों में केवल निश्चित उम्र की अविवाहित महिलाओं को स्मार्टफोन असेंबली के काम के लिए पात्र माना गया था.