क्‍या होता है Popcorn पर्स, जिसे लेकर घूम रहीं हैं नीता अंबानी, कीमत माशा अल्लाह

नीता अंबानी हाल ही में अपनी बेटी ईशा अंबानी के ब्‍यूटी ब्रांड टीरा के एक कार्यक्रम में पहुंची, जहां उनके पॉपकॉर्न बैग ने लोगों का ध्‍यान खींचा. तो क्‍या है इसकी खासियत और कितनी है कीमत आइए जानते हैं.

नीता अंबानी का पॉपकॉन बैग हुआ वायरल Image Credit: PTI

नीता अंबानी अपने लग्‍जरी लाइफस्‍टायल और बेहतरीन फैशन सेंस के लिए जानी जाती हैं. आजकल वह अपने पॉपकॉर्न पर्स से सुर्खियां बंटोर रही हैं. हाल ही में नीता अंबानी अपनी बेटी ईशा अंबानी के ब्‍यूटी ब्रांड टीरा के एक कार्यक्रम में पहुंची, जहां उनकी ड्रेस से ज्‍यादा उनके अनोखे बैग ने सबका ध्‍यान खींचा. ब्‍लैक एंड व्‍हाइट लाइन वाले पॉपकॉर्न पर्स में मक्‍के के दानों की जगह मोतियां जड़े हुए हैं, जो देखने में काफी खूबसूरत लग रहे हैं, लेकिन क्‍या आपको पता है नीता अंबानी का ये छोटू पर्स देखने में जितना आकर्षक है, इसकी कीमत उतनी ही चौंकाने वाली है. तो क्‍या है इस पॉपकॉर्न पर्स की खासियत आइए जानते हैं.

Chanel ब्रांड का कैरी किया पर्स

ब्यूटी इवेंट में नीता अंबानी ने ट्वीड ब्लेज़र और सीक्विन्ड फ्लेयर्ड पैंट के साथ स्टाइलिश बिजनेस कैजुअल लुक अपनाया. साथ ही उन्‍होंने Chanel’s ब्रांड का पॉपकॉर्न बैग कैरी किया. स्‍टेटमेंट पीसी के तौर पर कैरी किया गया. यह पर्स मशहूर ब्रांड के सिग्‍नेचर लोगो के साथ ब्‍लैक एंड व्‍हाइट के कॉम्‍बिनेशन के साथ दिखा, जिसमें गोल्‍ड चेन और मोती लगे हुए थे. इसमें ‘पॉप कोको’ और हल्के गुलाबी रंग का भी इस्‍तेमाल किया गया है.

कितनी है कीमत?

इंस्टाग्राम पेज @luxuriousbymm के अनुसार नीता अंबानी के इस पॉपकॉर्न पर्स की कीमत 24 लाख रुपये बताई जा रही है. पेरिस के इस पॉपुलर ब्रांड ने इसे स्टेटमेंट पीस के तौर पर डिज़ाइन किया है. इस छोटे पर्स का चलन पेरिस फ़ैशन वीक के दौरान भी देखने को मिला है. जहां Rabanne ने 1969 में ऐसे नैनो बैग को पेश किया था, जिसे दुनिया का सबसे महंगा हैंडबैग कहा जाता है.

ये नैनो बैग है सबसे महंगा

छोटू पर्स यानी नैनो बैग को पेरिस फ़ैशन वीक से लाइमलाइट मिली थी. सबसे पहले ऐसे स्‍टेटमेंट हैंडबैग को फ्रांसीसी जौहरी आर्थस बर्ट्रेंड के साथ मिलकर डिज़ाइन किया गया था. इसमें 18 कैरेट से ज्‍यादा का सोना लगा था. बताया जाता है कि 1969 में पेश इस नैनो बैग की कीमत लगभग 2.3 करोड़ रुपये थे. इसे 100 घंटे की उम्‍दा कारीगरी के जरिए बनाया गया था.