GST on Popcorn: सिनेमाघरों में महंगा नहीं हुआ है पॉपकॉर्न, जानें- ग्राहकों को देना पड़ेगा कितना टैक्स

GST on Popcorn: सूत्रों के अनुसार, पॉपकॉर्न पर लगने वाली जीएसटी में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया गया है. पहले जितना टैक्स लगता है, वही दर अभी भी जारी है. इसलिए इसकी कीमतों में कोई भी इजाफा नहीं होगा.

पॉपकॉर्न पर कितना लगेगा जीएसटी. Image Credit: Getty image

GST on Popcorn: पिछले कुछ दिनों से पॉपकॉर्न सुर्खियों में है, क्योंकि सरकार ने इसपर गुड्स एंड सर्विसेज (GST) में बदलाव की घोषणा की थी. GST काउंसिल ने 21 दिसंबर को पॉपकॉर्न पर अलग-अलग टैक्स दरों की घोषणा की थी. अब पॉपकॉर्न पर लगने वाली GST को लेकर स्पष्टीकरण सामने आया है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, सिनेमाघरों में खुले रूप में बिकने वाले पॉपकॉर्न पर पांच फीसदी ही टैक्स लगेगा. GST काउंसिल ने कहा था कि रेडी-टू-ईट पॉपकॉर्न, जो पहले से पैक है और नमक और मसालों के साथ लेबल किया गया है, उस पर 12 फीसदी टैक्स लगेगा. जबकि कैरामेलाइज्ड पॉपकॉर्न पर 18 फीसदी टैक्स लगेगा.

कितना लगेगा टैक्स

खबर के अनुसार, सिनेमा हॉल में बिकने वाले पॉपकॉर्न पर भी 5 फीसदी की दर से ही GST लगेगा, जैसा कि रेस्तरां में लगता है. हालांकि, अगर पॉपकॉर्न को मूवी टिकट के साथ मिलाकर बेचा जाता है, तो सप्लाई को कंपोजिट-सप्लाई माना जाएगा और उस पर प्रिंसिपल, यानी टिकट की लागू दर के अनुसार टैक्स लगाया जाएगा.

कोई बढ़ोतरी नहीं

जीएसटी परिषद की 55वीं बैठक में पॉपकॉर्न पर जीएसटी लागू होने के बारे में स्पष्टीकरण दिया गया था. उत्तर प्रदेश सरकार ने नमक और मसालों के साथ मिक्स पॉपकॉर्न पर लागू क्लासिफिकेशन और जीएसटी दर को स्पष्ट करने का अनुरोध किया था. इसमें कहा गया है कि पॉपकॉर्न पर जीएसटी दर में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है.

सूत्रों के अनुसार, पॉपकॉर्न को सिनेमाघरों में ग्राहकों को खुले रूप में परोसा जाता है और इसलिए मूवी एग्जीबिशन सर्विस से अलग सप्लाई किए जाने तक इस पर ‘रेस्टोरेंट सर्विस’ के समान 5 फीसदी की दर से टैक्स लगेगा. इसका मतलब यह है कि सिनेमाघरों में, खुले रूप में परोसे जाने वाले पॉपकॉर्न पर 5 फीसदी की मौजूदा दर से ही टैक्स जारी रहेगा.

18 फीसदी जीएसटी

कुछ वस्तुओं को छोड़कर सभी चीनी कन्फेक्शनरी पर 18 फीसदी की दर से जीएसटी लगता है. इसलिए, कारमेलाइज्ड पॉपकॉर्न पर भी 18 फीसदी की दर से टैक्स लागू होता है. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सरकारी सूत्रों के हवाला से बताया कि परिषद ने नमक और मसालों के साथ मिक्स रेडी-टू-ईट पॉपकॉर्न पर क्लासिफिकेशन विवादों के समाधान के लिए स्पष्टीकरण जारी करने की सिफारिश की है. खाद्य पदार्थों सहित सभी वस्तुओं को हार्मोनाइज्ड सिस्टम (HS) क्लासिफिकेशन के अनुसार जीएसटी के तहत वर्गीकृत किया जाता है.