USA का बड़ा कदम, अब अमेरिकी कंपनी भारत के साथ मिलकर बनाएगी परमाणु रिएक्टर, TATA समेत इन 3 को मिल सकता है मौका
भारत-अमेरिका के बीच 20 साल पहले हुई परमाणु डील में अब बड़ी कामयाबी मिली है. अमेरिका ने एक कंपनी को भारत में परमाणु रिएक्टर बनाने और डिजाइन करने की इजाजत दे दी है. 26 मार्च 2025 को अमेरिकी ऊर्जा विभाग (DoE) ने होल्टेक इंटरनेशनल नाम की कंपनी को यह मंजूरी दी.
US clears to build n-reactors in India: भारत एक न्यूक्लियर पावर है. ऐसे में इससे जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है. दरअसल, भारत-अमेरिका के बीच 20 साल पहले हुई परमाणु डील में अब एक और बड़ी कामयाबी मिली है. अमेरिका ने अपनी एक कंपनी को भारत में परमाणु रिएक्टर बनाने और डिजाइन करने की इजाजत दे दी है. यह पहली बार है जब अमेरिका ने किसी कंपनी को भारत में न्यूक्लियर रिएक्टर टेक्नोलॉजी ट्रांसफर करने की इजाजत दी है. 26 मार्च 2025 को अमेरिकी ऊर्जा विभाग (DoE) ने होल्टेक इंटरनेशनल नाम की कंपनी को यह मंजूरी दी है. यह कंपनी अब भारत की तीन निजी कंपनियों को छोटे परमाणु रिएक्टर (SMR) की तकनीक दे सकती है. इनमें होल्टेक एशिया, टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स, और लार्सन एंड टुब्रो शामिल है.
शांतिपूर्ण कामों के लिए होगा इस्तेमाल
यह मंजूरी 10 साल के लिए है और हर 5 साल में इसकी समीक्षा होगी. पहले अमेरिकी नियमों के कारण कोई भी कंपनी भारत में परमाणु उपकरण नहीं बना सकती थी. अब यह नियम हटा दिया गया है. भारत सरकार ने 3 मार्च 2025 को भरोसा दिया कि ये तीनों निजी कंपनियां इस तकनीक का इस्तेमाल सिर्फ शांतिपूर्ण कामों के लिए करेंगी न कि परमाणु हथियार या सैन्य उद्देश्यों के लिए. यह तकनीक अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की निगरानी में रहेगी.
अमेरिकी सरकार को देनी होगी रिपोर्ट
होल्टेक को हर तीन महीने में अमेरिकी सरकार को रिपोर्ट देनी होगी कि उसने भारत में क्या तकनीक और मदद दी. साथ ही यह तकनीक किसी और देश या कंपनी को बिना अमेरिका की इजाजत के नहीं दी जा सकती. भारत में यह तकनीक सिर्फ बिजली बनाने जैसे शांतिपूर्ण कामों के लिए होगी. यह डील भारत के लिए बड़ी बात है. भारत अब छोटे परमाणु रिएक्टर बनाने में आगे बढ़ सकता है.
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चीन से मुकाबला करना चाहते हैं भारत और अमेरिका
अभी भारत में भारी पानी वाले रिएक्टर (PHWR) हैं. यह दुनिया में कम चलते हैं. नए रिएक्टर हल्के पानी वाले (PWR) होंगे. यह ज्यादा इस्तेमाल होते हैं. इससे भारत अपनी बिजली की जरूरतें तेजी से पूरी कर सकेगा. होल्टेक के मालिक एक भारतीय-अमेरिकी, कृस पी. सिंह हैं. उनकी कंपनी गुजरात के दहेज में पहले से एक फैक्ट्री चला रही है और पुणे में एक इंजीनियरिंग यूनिट भी है. अगर सब कुछ ठीक रहा तो वह वहां नौकरियां भी बढ़ा सकती है. भारत और अमेरिका मिलकर चीन से मुकाबला करना चाहते हैं.