हल्दीराम में हिस्सेदारी खरीदने की रेस में अब PepsiCo कूदी, आखिर क्यों धमाकेदार साबित हो सकती है ये डील?

PepsiCo-Haldiram Snacks Food: टेमासेक और अल्फा वेव ग्लोबल के बाद हल्दीराम स्नैक्स फूड में हिस्सेदारी खरीदने की रेस में पेप्सिको भी शामिल हो गई है. पेप्सिको हिस्सेदारी खरीदकर अपनी कुछ चुनौतियों को खत्म करना चाहती है. अग्रवाल परिवार कुछ हिस्सेदारी बेचने की कोशिश में है.

हल्दीराम स्नैक्स फूड में हिस्सेदारी खरीदने की तैयारी में पेप्सिको. Image Credit: Getty image

PepsiCo-Haldiram Snacks Food: हल्दीराम स्नैक्स फूड में हिस्सेदारी खरीदने वालों की लाइन लंबी होती जा रही है. देर से ही सही लेकिन अब इस रेस में पेप्सिको भी शामिल हो गई है. हल्दीराम स्नैक्स फूड में हिस्सेदारी खरीदने के लिए मजबूत दावेदारी पेश कर रही टेमासेक और अल्फा वेव ग्लोबल अग्रवाल परिवार के साथ बातचीत कर रही हैं. ऐसा मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है. अग्रवाल परिवार भारत की सबसे बड़ी एथनिक स्नैक्स और सुविधाजनक खाद्य पदार्थ निर्माता कंपनी के संस्थापक हैं, जिन्होंने पिछले महीने 10-15 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए ऑफर दिए हैं.

माइनॉरिटी हिस्सेदारी खरीदने की कोशिश

ईटी में छपी रिपोर्ट के अनुसार, न्यूयॉर्क में पेप्सिको हेडक्वार्टर के अधिकारियों ने हाल के हफ्तों में माइनॉरिटी हिस्सेदारी खरीदने के लिए अग्रवाल परिवार के सदस्यों के साथ सीधे बातचीत शुरू की है.हालांकि, ये अभी भी एक्सप्लोरेटरी है और औपचारिक लेन-देन की ओर नहीं ले जा सकते हैं. फंडिंग का नेतृत्व भी अमेरिकी मूल कंपनी द्वारा किया जाएगा. कहा जाता है कि भारतीय यूनिट का नेतृत्व एक छोटी भूमिका निभा रहा है. अग्रवाल 85,000-90,000 करोड़ रुपये के वैल्यूएशन की उम्मीद कर रहे हैं, क्योंकि वे पहली बार किसी बाहरी निवेशक को आकर्षित करना चाहते हैं.

हल्दीराम पर क्यों है पेप्सिको की नजर?

लेज चिप्स, कुरकुरे नमकीन स्नैक्स और डोरिटोस नाचो चिप्स बनाने वाली कंपनी पेप्सिको को घरेलू स्नैक्स बाजार में कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है. रीजनल प्लेयर्स तेजी से ग्राहकों के करीब पहुंच रहे हैं. हल्दीराम, बीकानेरवाला और बालाजी और लिस्टेड कंपनियों बीकाजी फूड्स, गोपाल स्नैक्स और प्रताप स्नैक्स के अलावा, एथनिक स्नैक्स बाजार बंटा हुआ है और क्षेत्रीय कंपनियों से भरा है. इनमें से अधिकांश नेशनल ब्रांडों से कम शुल्क लेते हैं और डायरेक्ट वितरण करती हैं. साथ ही मार्जिन भी अधिक देती हैं.

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पेप्सिको देख रही अपना फायदा

पेप्सिको के बेवरेजेज बिजनेस में पेप्सी, माउंटेन ड्यू और 7अप कार्बोनेटेड ड्रिक, स्लाइस और ट्रॉपिकाना जूस ड्रिंक शामिल हैं. यहलगभग पूरी तरह से आरजे कॉर्प के स्वामित्व वाली लिस्टेड कंपनी वरुण बेवरेजेस लिमिटेड के जरिए मैनेज किया जाता है. एक अधिकारी के अनुसार, बेवरेजेज को आउटसोर्स करने के बाद, पेप्सिको इंडिया का मुख्य ध्यान स्नैक्स पर है. नमकीन, भुजिया, चना चूर आदि जैसे पारंपरिक स्नैक्स के मामले में यह पिछड़ा हुआ है. कंपनी हल्दीराम के साथ तालमेल और ग्रोथ के अवसर देख रही है. इसका स्नैक्स और पेय पदार्थ का कारोबार भी लगभग इसी साइज का है.

पेप्सिको स्नैक्स बिजनेस

रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (ROC) के आंकड़ों के अनुसार, पेप्सिको इंडिया होल्डिंग्स ने अप्रैल से दिसंबर 2023 की 9 महीने की अवधि के लिए 5,954.16 करोड़ रुपये का कंसोलिडेटेड रेवेन्यू दर्ज किया था. इसी अवधि के लिए पेप्सिको के स्नैक्स बिजनेस (कुरकुरे, लेज़, डोरिटोस और क्वेकर शामिल हैं) ने 4,763.29 करोड़ रुपये का रेवेन्यू दर्ज किया. स्नैक्स में पेप्सिको के पिछले अधिग्रहणों में अंकल चिप्स शामिल है, जो आलू के चिप्स का एक ब्रांड है जिसे इसने 2000 में अमृत एग्रो लिमिटेड से खरीदा था. उस समय, पेप्सिको इंडिया के स्नैक्स डिवीजन को फ्रिटो ले कहा जाता था.