NTPC ने सरकार के साथ किया नया करार, शेयरों में दिख सकता है बदलाव

NTPC ने सरकार के साथ एक करार किया है जिसके बाद उसके शेयरों में बदलाव देखने को मिल सकता है. कंपनी के इस नए प्रोजेक्ट के तहत भुवनेश्वर में ग्रीन हाइड्रोजन फ्यूलिंग स्टेशन स्थापित करेगा.

NTPC ने किया नया समझौता Image Credit: FreePik

देश की सरकारी पावर कंपनी NTPC ने ओडिशा में ग्रीन हाइड्रोजन इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए सोमवार को एक अहम समझौता किया. एनटीपीसी ने GRIDCO (ओडिशा सरकार की ऊर्जा इकाई) और CRUT (कैपिटल रीजन अर्बन ट्रांसपोर्ट) जो राज्य सरकार की सार्वजनिक परिवहन एजेंसी है के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं. कंपनी के इस फैसले का असर 24 दिसंबर को शेयर मार्केट में देखने को मिल सकता.

क्या है ये समझौता?

इस समझौते के तहत एनटीपीसी भुवनेश्वर में ग्रीन हाइड्रोजन फ्यूलिंग स्टेशन स्थापित करेगा. इसके साथ ही, इस MoU के तहत ग्रीन हाइड्रोजन से चलने वाली बसों को शुरू किया जाएगा. ये बसें शॉर्ट और लॉन्ग-हॉल ऑपरेशन के लिए इस्तेमाल की जाएंगी यानी इन बसों से यात्री छोटी और लंबी दूरी की यात्रा तय कर सकते हैं.

यह प्रोजेक्ट फॉसिल फ्यूल बसों को चरणबद्ध तरीके से हटाने और उनकी जगह साफ-सुथरे और हरित ईंधन से चलने वाले वाहनों को बढ़ावा देने में मदद करेगी. इससे न केवल डिकार्बनाइजेशन (कार्बन उत्सर्जन में कमी) होगा बल्कि ऊर्जा सुरक्षा को भी मजबूती मिलेगी. इस प्रोजेक्ट को भुवनेश्वर में स्थापित करने के लिए नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने आंशिक आर्थिक सहायता दी है.

पहले से चल रहे एनटीपीसी प्रोजेक्ट

एनटीपीसी पहले से ही सूरत में ग्रीन हाइड्रोजन ब्लेंडिंग प्रोजेक्ट का संचालन कर रहा है. इसके अलावा, लेह, ग्रेटर नोएडा और गुजरात के कांडला में भी इसी तरह की पहल की गई है. कंपनी विशाखापट्टनम में एक ग्रीन हाइड्रोजन हब विकसित कर रही है और 2032 तक 60 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता तक पहुंचने का लक्ष्य रखती है.

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क्या करती है कंपनी?

1975 में हुई बनी कंपनी देश की सबसे बड़ी एकीकृत पावर कंपनी है. कंपनी के साइट के मुताबिक कंपनी ने कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए ईंधन के विविध मिश्रण को अपनाया है. इसमें कोयला, गैस, हाइड्रो, परमाणु ऊर्जा और नवीकरणीय स्रोत शामिल हैं. इस पहल के तहत एनटीपीसी ने ग्रीन हाइड्रोजन जैसी तकनीकों को भी अपनाया है.