इस कंपनी ने अपनी P2P सर्विस को किया बंद, अब ट्रेडिशनल लोन पर करेगी फोकस

OkCredit ने पीयर-टू-पीयर लेंडिंग सर्विस OkNivesh को बंद कर दिया है. अब कंपनी OkLoan पर ध्यान केंद्रित करेगी. कंपनी ने बताया कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा पी2पी लेंडिंग नियमों में किए गए बदलाव के चलते इसे बंद करने का फैसला किया है.

OkCredit ने पीयर-टू-पीयर लेंडिंग सर्विस OkNivesh को बंद कर दिया है. Image Credit: OkCredit

OkCredit ने अपनी पीयर-टू-पीयर लेंडिंग सर्विस को बंद करने का ऐलान किया है. कंपनी के को-फाउंडर हर्ष पोखरना ने बताया कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा पी2पी लेंडिंग नियमों में किए गए बदलाव के चलते कंपनी ने OkNivesh को बंद करने का फैसला किया है. OkNivesh के बंद होने के बाद कंपनी अब अपने पारंपरिक क्रेडिट सर्विस OkLoan पर फोकस करेगी.

आरबीआई ने नियमों में बदलाव किया

रिजर्व बैंक ने NBFC पी2पी लेंडिंग प्लेटफॉर्म्स के जुड़े नियमों में बदलाव किया है, जिनमें गारंटीड रिटर्न ऑफर और लिक्विडिटी विकल्पों पर रोक लगाई गई है. ताकि पी2पी लेंडिंग में जोखिमों को सही ढंग से दिखाया जा सके. बीमा क्रॉस-सेल्स पर भी रोक लगाई गई, खासकर क्रेडिट गारंटी से जुड़े बीमा पर. आरबीआई ने लोन देने वाले और लोन लेने वालों के लिए नियमों को सख्त और पारदर्शी बनाने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा, उधार सीमा को 50 लाख रुपये तक तय किया गया है.

अब OkLoan पर फोकस

OkNivesh के बंद होने के बाद कंपनी अब अपने पारंपरिक क्रेडिट प्रोडक्ट OkLoan पर ध्यान देगी, जहां यह गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और बैंकों के साथ मिलकर व्यापारियों को कर्ज देती है. OkLoan ने अब तक 65,000 लोन देकर 400 करोड़ रुपये बांटे हैं.

क्या है OkNivesh

OkNivesh ओके क्रेडिट की पीयर-टू-पीयर लेंडिंग सर्विस थी, जिसके तहत छोटे व्यापारी शॉर्ट टर्म निवेश कर सकते थे और तुरंत पैसा निकाल सकते थे. OkNivesh ने पिछले एक साल में 14,000 यूजर से 30 करोड़ रुपये का निवेश जुटाया था.

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क्या है OkCredit

ओके क्रेडिट बिजनेस के लिए एक डिजिटल उधार बही-खाता है, जो सरल, पेपरलेस और सुरक्षित समाधान प्रदान करता है. इसे 2016 में छोटे व्यापारियों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से बनाया गया था. यह ऐप छोटे व्यापार और किराना स्टोर को डिजिटल तरीके से उधार खाते संभालने की सुविधा देता है. ग्रॉसरी, कपड़े, किचन के बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक्स या ऑटोमोबाइल स्टोर्स जैसे व्यवसायों को ऑनलाइन अकाउंट मेंटेनेंस की जरूरत होती है, जिसे ओके क्रेडिट ऐप आसानी से पूरा करता है. OkCredit की शुरुआत 2017 में हुई थी और अब तक $85 मिलियन की फंडिंग जुटाई है. कंपनी ने FY24 में 14.3 करोड़ रुपये की आय और 35 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया.