सरकार ने OLA की बढ़ाई मुश्किलें, ग्राहकों की बढ़ती शिकायत को देख दिया ऑडिट का आदेश

ओला की मुश्किल थमने का नाम नहीं ले रही है. सरकार ने इलेक्ट्रि स्कूटर्स के सर्विस से परेशान लोगों के आधार पर इलेक्ट्रिक सेवा केंद्रों का ऑडिट कराने का आदेश दिया है. जानें क्या है पूरा मामला.

ओला इलेक्ट्रिक की बढ़ी मुश्किलें Image Credit: Debarchan Chatterjee/NurPhoto via Getty Images

आए दिन ओला की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं. ओला इलेक्ट्रिक के शेयर में लगातार गिरावट तो देखी जा रही थी लेकिन अब सरकार भी ईवी निर्माता कंपनी को लेकर सख्त हो गई है. रॉयटर्स ने 10 अक्टूबर को एक सूत्र और आधिकारिक दस्तावेज का हवाला देते हुए बताया कि हेवी इंडस्ट्रीज मिनिस्टर ने सेल के बाद सर्विस में देरी करने और गलत इनवॉइस के बाबत ओला इलेक्ट्रिक के सेवा केंद्रों का ऑडिट कराने का आदेश दिया है. 

कंपनी पर बढ़ सकता है दबाव

इस कदम से इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बनाने वाली कंपनी ओला पर दबाव बढ़ सकता है. बता दें कि कंपनी के खिलाफ पहले से दायर 10,000 शिकायतों के कारण सरकारी जांच चल रही है. शेयर मार्केट में भी कंपनी का प्रदर्शन खराब होता हुआ दिख रहा है. अगस्त में जहां ओला इलेक्ट्रिक ने बाजार में शानदार एंट्री मारी थी, वहीं इस सप्ताह में कंपनी के शेयर्स में 40 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है. कंपनी को हालिया दिनों में बड़ा झटका तब लगा जब ओला के संस्थापक और सीईओ भाविश अग्रवाल ने ओला ई-स्कूटर के बारे में शिकायत करने पर कॉमेडियन कुणाल कामरा के साथ सोशल मीडिया पर बहस कर ली. इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर ओला इलेक्ट्रिक को लेकर काफी लोगों ने शिकायतों की फेहरिस्त लगा दी.

क्या है ऑडिट का उद्देश्य?

रॉयटर्स से मिली जानकारी के मुताबिक ऑडिट का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ओला अपने सर्विस से जुड़े कार्यों को बनाए रखे तथा ग्राहकों को मिली वारंटी का पालन करे. रिपोर्ट के अनुसार, मंत्रालय की टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन एजेंसी ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई) ऑडिट करेगी. इसके पूरा हो जाने के बाद अगली कार्रवाई की जाएगी.

रॉयटर्स की रिपोर्ट में कहा गया कि पिछले साल 10 भारतीय राज्यों में 35 ओला केंद्रों का दौरा करने के बाद उन्हें मालूम चला कि ओला की कई केंद्रों पर कर्मचारियों की कमी के कारण काम में काफी देरी हो रही है. वहीं एक केंद्र पर धूल खा रहे 100 से अधिक स्कूटर भी खड़े देखे गए.