चमत्कार! वेस्ट एशिया के तनाव के बीच तेल के दामों में गिरावट, भारत में कीमतें घटने की उम्मीद
मंगलवार को कच्चे तेल की कीमतों में 4 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई. ब्रेंट क्रूड की कीमत 78 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर आ गई. इससे पहले सोमवार को तेल की कीमतों में लगभग 13 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी.
दुनियाभर की नजरें इस वक्त वेस्ट एशिया में चल रहे तनाव पर टिकी हुई हैं. जियोपॉलिटिकल टेंशन के कारण बाजार की स्थिती कुछ वक्त से डमाडोल रही साथ ही तेल के बढ़ते दामों ने सभी देशों के चिंताएं भी बढ़ा दी. लेकिन अब इन सबके बीच एक राहत की खबर सामने आई है. मंगलवार को कच्चे तेल की कीमतों में 4 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई. मंगलवार को सुबह 9:30 बजे दोनों बेंचमार्क WTI क्रूड और ब्रेंट क्रूड में लगभग 3% की गिरावट आई.
ब्रेंट क्रूड की कीमत 78 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर आ गई. इससे पहले सोमवार को तेल की कीमतों में लगभग 13 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी. पिछले हफ्ते, ईरान ने इजराइल पर लगभग 180 बैलिस्टिक मिसाइलें दागी थीं. इस हमले से यह आशंका बढ़ गई थी कि इजराइल ईरान के कच्चे तेल उद्योग पर हमला करके जवाबी कार्रवाई कर सकता है. हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने सार्वजनिक रूप से इजराइल को ईरान के तेल ढांचे पर हमला करने से मना किया था.
तेल की कीमतों में हुई थी बढ़ोतरी
1 अक्टूबर को ईरान ने इजराइल पर हमला किया था जिसके बाद यह अनूमान लगाया जा रहा था कि इजरायल ईरान पर कोई बड़ा जवाबी हमला कर सकता है. इस चिंता से बाजार में हलचल हुई, नतीजतन तेल के दामों में उछाल दर्ज हुआ. अगस्त के बाद पहली बार क्रूड ऑयल की कीमत 80 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गई थी. हालांकि, अभी चुनौतियां खत्म नहीं हुई हैं. अगर इजराइल ईरान के तेल ढांचे पर हमला करता है, तो प्रतिदिन लगभग 1 मिलियन बैरल क्रूड ऑयल की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है.
भारत करता है 80 फीसदी तेल आयात
भारत अपनी कच्चे तेल की आपूर्ति के लिए आयात पर बहुत अधिक निर्भर है. भारत अपनी जरूरत का लगभग 80 फीसदी हिस्सा बाहर से आयात करता है. अगर तेल की कीमतों में और गिरावट होती है तो दुनियाभर के साथ साथ भारत में भी तेल के दाम सस्ते होंगे.