Paytm ने बनाई स्ट्रैटजी, खोए हुए ग्राहकों को वापस लाने के लिए ये काम करेंगे विजय शेखर शर्मा
आरबीआई की नियामकीय कार्रवाइयों से कंपनी पर गहरा प्रभाव पड़ा था. ऐसे में फिनटेक कंपनी पेटीएम की यह कोशिश है कि खोए उपयोगकर्ता आधार को वापस लाया जा सके.
फिनटेक कंपनी पेटीएम लगातार अपने उपभोक्ता बढ़ाने की कोशिश में है. आरबीआई की नियामकीय कार्रवाइयों से कंपनी पर गहरा प्रभाव पड़ा था. ऐसे में फिनटेक कंपनी पेटीएम की यह कोशिश है कि खोए कंज्यूमर बेस को वापस लाया जा सके. इसी कड़ी में कंपनी प्राथमिकता अपने कंज्यूमर पेमेंट बिजनेस में निवेश करना है. इस बात की जानकारी कंपनी के एक अधिकारी ने दिया है.
ये है रणनीति
आरबीआई के इसी साल 15 मार्च के आदेश के बाद पेटीएम पेमेंट्स बैंक को बंद कर दिया गया था, जिसके बाद प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट्स और वॉलेट्स सहित ग्राहक खातों में लेनदेन की सुविधा देने से रोक दिया था. इसके परिणाम स्वरूप कंपनी के ग्राहकों की संख्या में काफी गिरावट देखने को मिला था. अगस्त में पेटीएम ने अपना टिकट से जुड़े कारोबार फूड टेक कंपनी जोमैटो को 2,048 करोड़ रुपये में बेच दिया था. ऐसा इसलिए किया गया ताकी पेटीएम अपना ध्यान पूरी तरीके से मेन बिजनेस पर लगा सकें.
सीईओ विजय शेखर शर्मा ने क्या कहा?
पेटीएम के सीईओ विजय शेखर शर्मा ने आयोजित एक इंटरैक्टिव कार्यक्रम के दौरान कहा कि कंपनी पेमेंट सिस्टम को प्राथमिक दिया हुआ है. वहीं कंपनी का मर्चेंट बिजनेस मजबूत बना हुआ है. हालांकि, नियामक बाधाओं के कारण हमने एक महत्वपूर्ण कंज्यूमर बेस खो दिया है. कंपनी का लक्ष्य कंज्यूमर पेमेंट बिजनेस में फिर से निवेश करना है. शर्मा ने आगे कहा कि कंपनी थर्ड पार्टी एप्लीकेशन प्रोवाइडर (टीपीएपी) बिजनेस मॉडल पर काम कर रही है.
डेटा का गणित
कंपनी के मासिक लेन-देन वाले यूजर्स में गिरावट आई है. जनवरी 2023 में 10.4 करोड़ से घटकर मई में 7.7 करोड़ रह गई. जून में यह आंकड़ा 7.8 करोड़ था. वहीं मर्चेंट बिजनेस पर पेटीएम ने के यूजर्स में काफी बढ़ोतरी हुई है. इस्तेमाल करने वाले मर्चेंट की संख्या जून 2023 तिमाही में 79 लाख से बढ़कर जून 2024 तिमाही में 109 लाख हो गई.