सेविंग के पैसे को मार्केट में इंवेस्ट कर रहें लोग, सरकार को लगा डर, जानें पूरा मामल

वित्त मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि घरेलू बचत का रुझान बैंकों से हटकर मार्केट-लिंक्ड प्रोडक्ट्स की ओर बढ़ रहा है, जिससे बाजार जोखिम बढ़ सकता है. इससे बैंकों की लिक्विडिटी पर असर पड़ सकता है और उनकी फंडिंग लागत बढ़ सकती है. बीमा क्षेत्र में 100 फीसदी FDI पर भी चिंता जताई गई है.

वित्त मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि घरेलू बचत का रुझान बैंकों से हटकर मार्केट-लिंक्ड प्रोडक्ट्स की ओर बढ़ रहा है. Image Credit: Freepik

Market-linked products: देश में एक नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है. जिसमें आम लोग अपनी सेविंग के पैसे को बैंकों से निकाल कर मार्केट बेस इनवेस्टमेंट कर रहे हैं. अब इसको लेकर के लेकर वित्त मंत्रालय ने संसद में अलर्ट जारी किया है. मंत्रालय ने बताया है कि बड़े पैमाने पर रिटर्न की तलाश में लोग अपनी बचत को शेयर बाजार-लिंड प्रोडक्ट्स में लगा रहे हैं. ऐसा करने से घरेलू निवेशक बड़े बाजार जोखिमों का सामना कर सकते हैं. बाजार में गिरावट या अस्थिरता के समय इन निवेशकों को बड़ा नुकसान हो सकता है, खासकर अगर उन्हें वित्तीय जानकारी कम है.

बैंकों पर पड़ेगा असर

वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग ने बताया कि घरेलू बचत घटने से बैंकों की लिक्विडिटी पर असर पड़ सकता है. अगर लोग अपने पैसे बैंकों से निकालते रहे, तो बैंकों की फंडिंग की लागत बढ़ेगी और उन्हें सस्ते फंड्स नहीं मिलेंगे. इससे बैंकों के लिए कर्ज देना महंगा हो सकता है.

क्या हैं समिति की सिफारिशें

बुधवार को संसद में पेश रिपोर्ट में समिति ने सुझाव दिया कि बैंकों को ग्राहकों को जोड़ने के लिए नए तरीके अपनाने चाहिए, खासकर उन क्षेत्रों में जहां बैंकिंग सुविधाएं कम हैं. साथ ही, तकनीक का इस्तेमाल कर ऑपरेशन्स को और भी प्रभावी बनाना चाहिए, ताकि घटती हुई CASA रेशियो का प्रभाव कम हो सके.

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बीमा क्षेत्र में 100 फीसदी FDI पर चिंता

बीमा क्षेत्र में 100 फीसदी विदेशी निवेश को लेकर समिति ने कुछ चिंताएं जताई हैं. समिति का मानना है कि इससे मुनाफा विदेशी निवेशकों के पास जा सकता है, घरेलू कंपनियों का फैसला लेने का अधिकार कम हो सकता है, और ऑटोमेशन के चलते नौकरियों पर भी असर पड़ सकता है. ग्रामीण और कमजोर वर्गों की अनदेखी को भी नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए.

जनधन खातों की सख्त निगरानी

समिति ने जनधन खातों को इनएक्टिवेशन या धोखाधड़ी से बचाने की सिफारिश की है. खातों की जांच और नियमित ऑडिट किए जाएं. लंबे समय से इनएक्टिव फर्जी पाए गए खातों को बंद करने का भी सुझाव दिया गया है।