ट्रंप के टैरिफ से क्या 2 अप्रैल को मचेगी उथल-पुथल? पीयूष गोयल ने कही ये बात

India-US Trade Agreement: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अप्रैल में भारत सहित अमेरिका के प्रमुख व्यापारिक भागीदारों पर पारस्परिक शुल्क लगाने की घोषणा की है. गोयल ने कहा कि भारत की विकास कहानी बरकरार रहेगी .

पीयूष गोयल ने कहा कि भारत की विकास कहानी बरकरार रहेगी. Image Credit: Tv9 Bharatvarsh

India-US Trade Agreement: कॉमर्स और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा कि भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित व्यापार समझौते के लिए चल रही बातचीत अच्छी तरह आगे बढ़ रही है और यह दोनों देशों के अच्छे के लिए होगी, जबकि भारत के हितों की रक्षा होगी. गोयल ने यह भी कहा कि वह कृषि, इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़ा और अलग-अलग हित समूहों सहित विभिन्न क्षेत्रों के उद्योग के साथ नियमित और निरंतर बातचीत कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सभी लोग अमेरिका के साथ संभावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर बहुत उत्साहित हैं. उन्होंने कहा कि चर्चा जारी है.

भारत की विकास कहानी रहेगी बरकरार

यह पूछे जाने पर कि क्या भारतीय उद्योग को अपनी कमर कस लेनी चाहिए और क्या 2 अप्रैल को कोई उथल-पुथल होगी. इसपर गोयल ने कहा कि भारत की विकास कहानी बरकरार रहेगी और देश वैश्विक अर्थव्यवस्था को शक्ति प्रदान करना जारी रखेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अपनी अर्थव्यवस्था को इंडिया फर्स्ट आदर्श वाक्य के साथ आगे बढ़ाता रहेगा. हम बहुत प्रतिबद्ध और आश्वस्त हैं कि हम भारत को वैश्विक महाशक्ति बनने के अमृत काल में ले जाएंगे.

पारस्परिक शुल्क

कॉमर्स मंत्री की ये टिप्पणियां इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अप्रैल में भारत सहित अमेरिका के प्रमुख व्यापारिक भागीदारों पर पारस्परिक शुल्क लगाने की घोषणा की है. उन्होंने कई मंचों पर कहा है कि भारत अमेरिकी वस्तुओं पर उच्च शुल्क लगाता है. अमेरिका पहले ही चीन पर शुल्क लगा चुका है.

हाई इंपोर्ट शुल्क

हाई इंपोर्ट शुल्कइसके अलावा 12 मार्च से स्टील और एल्युमीनियम पर 25 फीसदी का हाई इंपोर्ट शुल्क लगाया गया है. 26 मार्च को ट्रंप ने पूरी तरह से निर्मित वाहनों (सीबीयू) और ऑटो पार्ट्स पर 25 प्रतिशत का व्यापक शुल्क लगाने की घोषणा की, यह कदम 3 अप्रैल से प्रभावी होने वाला है. टैरिफ आयात शुल्क होते हैं, जिन्हें सरकार द्वारा लगाया और वसूला जाता है तथा विदेशी वस्तुओं को देश में लाने के लिए कंपनियों द्वारा भुगतान किया जाता है.

कब तक समझौता पूरा करने का लक्ष्य

भारत और अमेरिका 2025 (सितंबर-अक्टूबर) तक समझौते के पहले चरण या हिस्से को पूरा करने का लक्ष्य बना रहे हैं. उन्होंने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा 190 अरब अमेरिकी डॉलर से दोगुना करके 500 अरब अमेरिकी डॉलर करने का लक्ष्य भी रखा है. जबकि अमेरिका ने कुछ औद्योगिक वस्तुओं, ऑटोमोबाइल, वाइन, पेट्रोकेमिकल उत्पादों और कुछ कृषि वस्तुओं जैसे क्षेत्रों में अधिक बाजार पहुंच की मांग की है. भारत कपड़ा जैसे श्रम गहन क्षेत्रों के लिए शुल्क में कटौती पर विचार कर सकता है.

भव्य द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत

अमेरिका के दबाव के बीच भारत ने फरवरी में बोरबॉन व्हिस्की पर आयात शुल्क 150 फीसदी से घटाकर 100 फीसदी कर दिया और कुछ प्रकार की वाइन पर टैरिफ कम कर दिया. भारत ने हाल ही में गूगल जैसी तकनीकी दिग्गजों पर समान शुल्क लगाने की घोषणा की है, अमेरिका भारत पर एक बड़े और भव्य द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत करने के लिए दबाव डाल रहा है, जबकि अमेरिकी व्यवसायों के लिए कृषि क्षेत्र को खोलने की मांग कर रहा है.

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