RINL को केंद्र सरकार ने दी संजीवनी, मंजूर किया 11440 करोड़ रुपये का पैकेज

आंध्र प्रदेश के इस्पात उद्योग से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है, जो देश की अर्थव्यवस्था और हजारों कर्मचारियों के भविष्य पर असर डाल सकती है. केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड के नई पारी के लिए 11 करोड़ से ज्यादा रुपये की मजूरी दे दी है. जानें पूरी जानकारी.

RINL के लिए मोदी सरकार की गेमचेंजर स्कीम Image Credit: Money9 Live

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार, 17 जनवरी को सरकारी स्टील कंपनी राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (RINL) के नई शुरुआत के लिए 11,440 करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूरी दे दी है. यह घोषणा केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने की. इस फैसले से विशाखापट्टनम स्टील प्लांट को एक नई दिशा मिलेगी और इसे दोबारा मजबूती से खड़ा करने की प्रक्रिया तेज होगी.

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक, सरकार ने 10,300 करोड़ रुपये की नई इक्विटी निवेश को मंजूरी दी है, जबकि 1,140 करोड़ रुपये का वर्किंग कैपिटल लोन प्रीफर्ड शेयर कैपिटल में बदला जाएगा. यह पैकेज कंपनी के संचालन को फिर से पटरी पर लाने और पुराने आर्थिक संकटों को हल करने में मदद करेगा.

भारतीय इस्पात उद्योग में RINL की अहमियत

केंद्रीय मंत्री ने RINL के भारतीय इस्पात उद्योग में योगदान को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि यह प्लांट आंध्र प्रदेश के तटीय इलाके में स्थित होने के वजह रणनीतिक रूप से भी बेहद अहम है. सरकार की योजना सिर्फ कंपनी को पुनर्जीवित करने तक सीमित नहीं है, बल्कि कच्चे माल की आपूर्ति और संयंत्र के आधुनिकीकरण पर भी ध्यान दिया जाएगा.

सरकार के इस फैसले से RINL के कर्मचारियों और इससे जुड़े आर्थिक गतिविधियों में शामिल लोगों को बड़ा फायदा होगा. मंत्री ने कहा कि इससे आंध्र प्रदेश को एक सशक्त इस्पात संयंत्र मिलेगा, जो न केवल राज्य बल्कि पूरे देश की अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है.

कब शुरू होगा पूरा संचालन?

भविष्य की योजनाओं के बारे में बताते हुए मंत्री ने कहा कि RINL जल्द ही दो ब्लास्ट फर्नेस के साथ प्रोडक्शन शुरू करेगा. इसके अलावा, अगस्त 2025 तक तीनों ब्लास्ट फर्नेस पूरी क्षमता से कार्य करने लगेंगे. इस फैसले से विशाखापट्टनम स्टील प्लांट की क्षमता और उत्पादन में जबरदस्त इजाफा होगा.

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आत्मनिर्भर भारत में स्टील सेक्टर की अहम भूमिका

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस निर्णय को “आत्मनिर्भर भारत” की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया. उन्होंने कहा कि विशाखापट्टनम स्टील प्लांट आंध्र प्रदेश के लोगों के दिलों में एक खास जगह रखता है. इस निर्णय से देश के इस्पात क्षेत्र को मजबूती मिलेगी और भारत को आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी.