आर्थिक मोर्चे पर झटका, 42 महीने में पहली बार थमी कोर उद्योगों की वृद्धि, सालाना आधार पर 3.4 फीसदी गिरावट
शेयर बाजार की गिरावट के बाद सोमवार को आर्थिक मोर्चे पर एक और झटका लगा है. अगस्त में देश के 8 कोर उद्योगों के आउटपुट में 1.8 फीसदी की गिरावट आई है.
वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय की तरफ से सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक अगस्त में देश के 8 कोर उद्योगों के आउटपुट में 1.8 फीसदी की गिरावट आई है. आंकड़ों में बताया गया है कि मौजूदा वित्त वर्ष में अप्रैल से अगस्त के दौरान कोर सेक्टर का उत्पादन 4.6% बढ़ा है. जबकि पिछले साल समान अवधि में यह करीब 8% रहा था. इस तरह साल-दर-साल के आधार पर 3.4 फीसदी की गिरावट आई है. इस गिरावट के पीछे अत्यधिक बारिश बड़ी वजह है. सोमवार को जारी रिपोर्ट के हिसाब से 8 कोर उद्योगों में 42 महीनों में पहली बार गिरावट दर्ज की गई है. पिछले महीनी जुलाई में सालाना आधार पर यह वृद्धि 6.1% रही थी. ऐसे में एक महीने में अचानक वृद्धि का गिरावट में बदलना चिंताजनक है.
मंत्रालय की तरफ से जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक यह गिरावट असल में कोयला, कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्द, बिली और सीमेंट उत्पादन में आई गिरावट की वजह से है. मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 8 में से 6 उद्योगों में गिरावट दर्ज की गई है. आईसीआरए की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर के मुताबिक अत्यधिक बारिश ने खनन गतिविधियों को रोका, जिसकी वजह से कोयला, कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के उत्पादन में गिरावट आई. इसके अलावा अत्यधिक बारिश के चलते बिजली की मांग व उत्पादन में भी कमी आई है. मोटे तौर पर सिर्फ उर्वकर और स्टील के उत्पादन ही सकारात्मक रहा.
कोयला उत्पादन
पिछले वर्ष की तुलना में इस साल अगस्त में कोयला उत्पादन में 8.1 फीसदी की भारी गिरावट आई है. औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईपीपी) में इसका भार 10.33 फीसदी होता है.
कच्चा तेल
कच्चे तेल की 8 आईपीपी में हिस्सेदारी 8.98 फीसदी है. अगस्त 2023 की तुलना में कच्चे तेल के उत्पादन में अगस्त 2024 में 3.4 फीसदीव की गिरावट आई है.
प्राकृतिक गैस
प्राकृतिक गैस उत्पादन का आईपीपी भार 6.88 फीसदी होता है. पिछले साल की तुलना में इसके उत्पादन में अगस्त में 3.6 फीसदी की गिरावट आई है.
रिफाइनरी उत्पाद
पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्पादन का आईपीपी में भार 28.04 फीसदी रहता है. अगस्त, 2024 में अगस्त, 2023 की तुलना में इसका उत्पादन 1.0 फीसदी घटा है.
उर्वरक
उर्वरक उत्पादन का आईपीपी भार 2.63 फीसदी रहता है. अगस्त, 2023 की तुलना में अगस्त, 2024 में उवर्रक उत्पादन 3.2 फीसदी बढ़ा है.
स्टील
उद्योग उत्पादन सूचकांक को प्रभावित करने में स्टील की हिस्सेदारी करीब 17.92 फीसदी रहती है. अगस्त, 2024 में अगस्त, 2023 की तुलना में स्टील उत्पादन 4.5 प्रतिशत बढ़ा है.
सीमेंट उत्पादन
आईपीपी में सीमेंट उत्पादन का भार 5.37 फीसदी रहता है. अगस्त, 2024 में अगस्त, 2023 की तुलना में देश में सीमेंट उत्पादन में 3.0 फीसदी की गिरावट आई है.
बिजली उत्पादन
कोर उद्योगों में बिजली उत्पादन का भार करीब 19.85 फीसदी रहता है. इस साल अगस्त, 2024 में पिछले वर्ष अगस्त की तुलना में बिजली उत्पादन में 5.0 फीसदी की कमी आई है.
आईपीपी
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक देश के अहम उद्योगों की वृद्धि को मापता है. इसमें 8 कोर उद्योगों की हिस्सेदारी 40.27% रहती है.