PMI में मामूली गिरावट: मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में जोरदार बढ़त, लेकिन सर्विस सेक्टर ने दिखाई थकान
परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) मार्च में 58.6 पर पहुंच गया, जो फरवरी के 58.8 से थोड़ा नीचे है. यह दर्शाता है कि भारत की अर्थव्यवस्था अभी भी तेजी से बढ़ रही है, लेकिन विस्तार की रफ्तार थोड़ी धीमी हुई है. मैन्युफैक्चरिंग PMI 57.6 पर पहुंच गया, जबकि सर्विस सेक्टर का PMI 57.7 पर आ गया.
PMI Data India: S&P ग्लोबल ने तैयार किया परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) मार्च में 58.6 पर आ गया है, जो फरवरी के अंतिम आंकड़े 58.8 से थोड़ा नीचे है. PMI में 50 का स्तर यह बताता है कि किसी सेक्टर में ग्रोथ हो रही है या गिरावट. मैन्युफैक्चरिंग PMI 56.3 से बढ़कर 57.6 हो गया, यानी यह साढ़े तीन साल से ज्यादा समय से एक्सपेंशन जोन में बना हुआ है. लेकिन सर्विस सेक्टर का PMI 59 से घटकर 57.7 हो गया है, जिससे कुल कंपोजिट इंडेक्स पर दबाव पड़ा.
परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) एक महत्वपूर्ण आर्थिक संकेतक है जो किसी देश के मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर की हेल्थ को मापता है. यह इंडेक्स 0 से 100 के बीच होता है. अगर PMI 50 से ऊपर है, तो इसका मतलब है कि अर्थव्यवस्था में विस्तार हो रहा है, और अगर यह 50 से नीचे है, तो इसका मतलब है कि अर्थव्यवस्था सिकुड़ रही है.
मार्च 2024 के PMI के आंकड़े का मतलब
- PMI मार्च में 58.6 पर आ गया, जो फरवरी के 58.8 से थोड़ा कम है.
- 58.6 का मतलब है कि भारत की अर्थव्यवस्था अभी भी तेजी से बढ़ रही है, क्योंकि यह 50 से काफी ऊपर है.
- हालांकि, फरवरी की तुलना में मार्च में थोड़ी गिरावट दर्ज की गई है, जो यह दिखाती है कि विस्तार की रफ्तार थोड़ी धीमी हुई है.
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डिमांड और प्रोडक्शन का हाल
- नए ऑर्डर और प्रोडक्शन बढ़े हैं, जिससे मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में बेहतर ऑपरेटिंग कंडीशन बनी हैं.
- सर्विस सेक्टर में नई डिमांड थोड़ी कमजोर हुई, जिससे इसकी ग्रोथ पर असर पड़ा है.
- हालांकि, अंतरराष्ट्रीय मांग (एक्सपोर्ट डिमांड) मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस दोनों क्षेत्रों में सुस्त रही, और यह पिछले तीन महीनों की सबसे धीमी ग्रोथ दर पर पहुंच गई है.