जानवरों से बेहद लगाव रखते थे रतन टाटा, पालतु डॉगी के बीमार पड़ने पर ठुकराया था ये बड़ा ऑफर
रतन टाटा महज एक उम्दा बिजनेसमैन ही नहीं बल्कि एक अच्छे इंसान भी थे. यही वजह है कि लोगों के अलावा वह जानवरों से भी काफी लगाव रखते थे. उन्हें डॉग्स लवर के नाम से भी जानते थे.
टाटा संस के पूर्व अध्यक्ष और दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का बुधवार को निधन हो गया. कारोबार जगत में उनके बेहतरीन काम के लिए उन्हें तमाम बड़े-बड़े अवार्ड से नवाजा गया है. वह महज एक उम्दा बिजनेसमैन ही नहीं बल्कि एक अच्छे इंसान भी थे. यही वजह है कि लोगों के अलावा वह जानवरों से भी काफी लगाव रखते थे. उन्हें डॉग्स लवर के नाम से भी जानते थे. उनके दो बेहद अजीज पालतु कुत्ते थे. एक बार उनके बीमार पड़ने पर टाटा ने ब्रिटिश का शाही न्यौता तक ठुकरा दिया था.
अपनी पेशेवर उपलब्धियों के अलावा रतन टाटा जानवरों के लिए काफी समर्पित थे. डॉग से उन्हें काफी प्यार था. उनके पास उनका प्यारा जर्मन शेफर्ड, टीटो और गोल्डन रिट्रीवर टैंगो था. रतन टाटा अक्सर अपना वक्त उनके साथ गुजारते थे. उन्होंने खुद एक इंटरव्यू में बताया था कि डॉग्स के लिए उनका प्यार हमेशा गहरा रहा है और जब तक वह जीवित हैं तब तक ये सिलसिला जारी रहेगा.
ठुकराया था शाही परिवार का सम्मान
मशहूर बिजनेसमैन, कॉल्युमिनिस्ट और अभिनेता सुहेल सेठ ने एक इंटरव्यू में बताया कि टाटा ने उन्हें बताया कि उनके पालतु डॉगी टैंगो और टीटो में से एक बहुत बीमार पड़ गया था. जिसकी वजह से वह बकिंघम पैलेस नहीं जा सकते हैं. रतन टाटा ने कहा था कि मैं उसे छोड़कर नहीं आ सकता. दरअसल रतन टाटा को ब्रिटिश शाही परिवार की ओर से सम्मानित करने के लिए बकिंघम पैलेस बुलाया गया था. वह वहां जाने भी वाले थे, लेकिन तभी टैंगों की तबियत बिगड़ने की वजह से रतन टाटा ने अपना ट्रैवल प्लान कैंसल कर दिया था.
स्ट्रीट डॉग्स के लिए की ये व्यवस्था
टाटा समूह के जानवरों से लगाव का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने स्ट्रीट डॉग्स के लिए भोजन, पानी, खिलौने और खेलने का स्थान उपलब्ध कराया है. उन्होंने विभिन्न पशु कल्याण संगठनों, जैसे कि पीपल फॉर एनिमल्स, बॉम्बे एसपीसीए और एनिमल राहत को भी अपना समर्थन दिया. उनका मकसद सभी जीवित प्राणियों के प्रति करुणा को दर्शाना था.