टैरिफ वॉर के बीच RBI ने घटाया 0.25 फीसदी रेपो रेट, इकोनॉमी को मिलेगी रफ्तार, जानें आम आदमी पर असर
यूएस राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर की हलचल के बीच भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी एमपीसी की बैठक में रेपो रेट घटाने का फैसला किया है. इससे लोन सस्ते हो जाएंगे, जिससे आम आदमी पर कर्ज का बोझ कम होगा, उसे कम ईएमआई चुकानी होगी. तो कितना घटाया रेपो रेट और कैसे मिलेगा इसका फायदा, यहां देखें पूरी जानकारी.
RBI Cuts Repo Rate: जैसी उम्मीद थी, भारतीय रिजर्व बैंक गवर्नर संजय मल्होत्रा ने वैसा ही किया. आरबीआई ने रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती कर दी है. रेपो रेट में आरबीआई ने लगातार दूसरी बार कटौती की है, जिससे यह घटकर 6 फीसदी हो गया है. आरबीआई ने यह कदम उस वक्त उठाया है जब पूरी दुनिया ट्रंप के टैरिफ वॉर का सामना कर रही है. उसकी वजह से मंदी का खतरा बढ़ता जा रहा है. ऐसे में भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट घटाकर कर्ज सस्ता करने की नीति अपनाई है. इस कदम के जरिए वह इकोनॉमी को सपोर्ट देना चाहता है. इससे न सिर्फ रिटेल लोन सस्ते होंगे बल्कि बिजनेस लोन भी सस्ता होगा. लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा आएगा और डिमांड बढ़ेगी. जिससे इकोनॉमी का पहिया टैरिफ वॉर से अपने को बचा सकता है.
टैरिफ वॉर से घटेगी GDP ग्रोथ रेट
- आरबीआई ने टैरिफ वॉर के खतरे को आंकते हुआ भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 2025-26 के लिए घटा दी है, आरबीआई ने अब 6.5% ग्रोथ रेट रहने का अनुमान लगाया है. जबकि इसके पहले उसने 6.7 फीसदी ग्रोथ रेट का अनुमान लगाया था. आरबीआई के अनुसार अब पहली तिमाही में 6.5%, दूसरी तिमाही में 6.7%, तीसरी तिमाही में 6.6 %और चौथी तिमाही में 6.3% फीसदी ग्रोथ रहेगी.
महंगाई का क्या है अनुमान?
आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि इस साल रिटल महंगाई (CPI) 4% पर रहने का अनुमान जताया है. जो आरबआई के टारगेट के अनुसार है. हालांकि इस समय महंगाई 3.61 फीसदी है. ऐसे में आरबीआई को आने वाले दिनों में महंगाई में हल्की बढ़ोतरी की आशंका है.
इकोनॉमी पर क्या बोले आरबीआई गवर्नर
एमपीसी बैठक में रेपो रेट घटाने के फैसले का ऐलान करते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा कि 2025-26 का साल भारत के लिए आर्थिक रूप से शानदार होने वाला है. एग्रीकल्चर सेक्टर का भविष्य उज्ज्वल दिख रहा है. दूसरी तरफ, कारखानों ने दोबारा रफ्तार पकड़ ली है. व्यापारियों का हौसला बुलंद है, और सर्विस सेक्टर तो रॉकेट की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है. देश के विकास के लिए सरकार इन्फ्रास्ट्रक्चर पर निवेश जारी रखेगी.
कितनी घटेगी EMI?
₹20 लाख लोन पर 0.25 फीसदी ब्याज दर घटने के बाद EMI
अवधि (साल) | ब्याज दर (%) | EMI (₹) | कुल ब्याज (₹) | कुल चुकानी वाली रकम (₹) |
---|---|---|---|---|
20 | 9.00 | ₹17,995 | ₹23,18,685 | ₹43,18,685 |
20 | 8.75 | ₹17,674 | ₹22,41,811 | ₹42,41,811 |
₹30 लाख लोन पर 0.25 फीसदी ब्याज दर घटने के बाद EMI
अवधि (साल) | ब्याज दर (%) | EMI (₹) | कुल ब्याज (₹) | कुल चुकानी वाली रकम (₹) |
---|---|---|---|---|
20 | 9.00 | ₹26,992 | ₹34,78,027 | ₹64,78,027 |
20 | 8.75 | ₹26,511 | ₹33,62,717 | ₹63,62,717 |
2 साल बाद घटा था रेपो रेट
इसके पहले आरबीआई रूस-यूक्रेन युद्ध , उसके बाद बढ़ी ग्लोबल अनिश्चितताओं और महंगाई को देखते हुए फरवरी 2023 से रेपो रेट में कोई कटौती नहीं कर रहा था. उस वक्त रेपो रेट 6.5 फीसदी था. जो बीते फरवरी यानी 2025 में आरबीआई ने इकोनॉमी को रफ्तार देने के लिए रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की थी. अब उसने एक बार फिर रेपो रेट में कटौती कर, आरबीआई के रुख के संकेत दे दिए हैं.
क्यों घटाया रेपो रेट?
आरबीआई को सबसे बड़ी राहत महंगाई के मोर्चे पर मिली है. फरवरी 2025 में रिटेल महंगाई दर 3.61 फीसदी पर आ गई है. जो पिछले 12 महीने का सबसे निचला स्तर है. इसके अलावा वह आरबीआई के टारगेट 4 फीसदी से कम भी है. ऐसे में आरबीआई के लिए कर्ज सस्ता करने की राह आसान हो गई है. हालांकि भारत पर लगे 26 फीसदी टैरिफ के बाद महंगाई किस ओर जाएगी, यह आरबीआई के लिए आने वाले दिनों में सबसे बड़ी चुनौती है. क्योंकि टैरिफ वॉर के बाद आरबीआई के जीडीपी ग्रोथ अनुमान को झटका लग सकता है. आरबीआई ने 2025-206 के लिए 6.7 फीसदी के ग्रोथ रेट का अनुमान लगाया है. जिसमें दुनिया भर की रेटिंग एजेंसियां भारत पर लगे 26 फीसदी के टैरिफ को देखते हुए 0.30 से 0.40 फीसदी की कमी की आशंका जता रही हैं.
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SDF और बैंक रेट घटाने से क्या मिलेगा फायदा?
इस बीच आरबीआई ने SDF और बैंक रेट में भी कटौती की है. इसका क्या असर होगा, इस पर वॉयस ऑफ बैंकिंग के फाउंडर अश्विनी राणा का कहा है किन RBI ने रेपो रेट में 0.25 अंकों की कमी करके महंगी EMI भरने वालों को कुछ राहत देने की कोशिश की है. SDF को भी 5.75 फीसदी और बैंक रेट को भी घटाकर 6.25 फीसदी कर दिया है इससे बैंकों को जरूरी होने पर RBI से लोन लेने में भी राहत मिलेगी. RBI का रेट कम करने का निर्णय जहां अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में सहायक होगा, वही बैंकों और ग्राहकों को बड़ी राहत मिलेगी.