सरकार बढ़ा सकती है RBI गवर्नर शक्तिकांत दास का कार्यकाल, मुश्किल समय में संभाली थी जिम्मेदारी
दिसंबर 2018 में भारतीय रिजर्व बैंक का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त होने से पहले शक्तिकांत दास प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के प्रशासन में सबसे भरोसेमंद नौकरशाहों में से एक थे शक्तिकांत दास का मौजूदा कार्यकाल 10 दिसंबर को समाप्त होने वाला है.
केंद्र सरकार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास का कार्यकाल दूसरी बार बढ़ा सकती है. अगर ऐसा होता है, तो शक्तिकांत दांस 1960 के दशक के बाद सबसे लंबे समय तक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर के पद पर रहने वाले अधिकारी बन जाएंगे. दिसंबर 2018 में भारतीय रिजर्व बैंक का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त होने से पहले शक्तिकांत दास प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के प्रशासन में सबसे भरोसेमंद नौकरशाहों में से एक रहे हैं. शक्तिकांत दास का मौजूदा कार्यकाल 10 दिसंबर को समाप्त होने वाला है.
पूरा हो चुका है पांच साल का कार्यकाल
दिसंबर 2018 से RBI के प्रमुख के रूप में शक्तिकांत दास ने पांच साल के कार्यकाल को पहले ही पूरा कर लिया है. अगर उन्हें एक और सेवा विस्तार मिलता है, तो वो बेनेगल राम राव के बाद सबसे लंबे समय तक रिजर्व बैंक का नेतृत्व करने वाले गवर्नर बन जाएंगे.
बेनेगल राम राव ने (1949 से 1957) 7.5 साल तक रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में काम काम किया था. रिपोर्ट के अनुसार, इस समय रिजर्व बैंक के गवर्नर के लिए किसी अन्य उम्मीदवार के नाम पर विचार नहीं किया जा रहा है और कोई चयन समिति भी नहीं बनाई गई है.
मुश्किल समय में किया काम
महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव के बाद शक्तिकांत दास के सेवा विस्तार का ऐलान हो सकता है. अनुभवी नौकरशाह शक्तिकांत दास को सरकार और केंद्रीय बैंक के बीच तनावपूर्ण संबंधों के दौरान रिजर्व बैंक का गवर्नर नियुक्त किया गया था. अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण नीतिगत फैसले लिए हैं.
इसमें कोविड-19 महामारी के दौरान अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के उपाय भी शामिल हैं. उनके नेतृत्व में RBI ने महंगाई दर को नियंत्रित करने, रुपये को स्थिर करने और आर्थिक ग्रोथ को समर्थन देने पर भी ध्यान केंद्रित किया है. केंद्रीय बैंक और सरकार के बीच स्थिर संबंध बनाए रखने की उनकी क्षमता को उनके कार्यकाल को बढ़ाने का रूप में देखा जा रहा है.