अभी नहीं कम होने वाला है EMI का बोझ, ब्याज दर घटाने के मूड में नहीं है RBI
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि देश का ग्रोथ आउटलुक मजबूत बना हुआ है और महंगाई दर अपने चरम से नीचे आ रही है, लेकिन अभी भी लंबी दूरी तय करना बाकी है. इसलिए अभी वह कोई जोखिम नहीं उठा सकते हैं.
देश में इस समय भले ही महंगाई की मार पहले से कम हुई हो, लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अभी भी ब्याज दरों में कटौती के मूड में नहीं है. शुक्रवार को सिंगापुर में ब्रेटन वुड्स कमेटी की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में आरबीआई के गवर्नर ने इसके संकेत दिए. उन्होंने कहा कि महंगाई में हाल ही में नरमी के बावजूद वह ब्याज दरों में कटौती करने की जल्दी में नहीं हैं. उन्होंने यह भी कहा कि देश का ग्रोथ आउटलुक मजबूत बना हुआ है और महंगाई दर अपने चरम से नीचे आ रही है, लेकिन अभी भी लंबी दूरी तय करना बाकी है. इसलिए अभी वह कोई जोखिम नहीं उठा सकते हैं.
शक्तिकांत दास ने कहा कि महंगाई दर को 2-6% के टारगेट के अंदर लाया गया है, लेकिन हमारा लक्ष्य अभी भी 4% पर पहुंचना है. पिछली कई बैठकों में आरबीआई तय नियमों पर चलने की बात दोहरा रहा है, जिसे आगे भी कायम रखा जाएगा. आरबीआई गवर्नर की इस बात से ये संकेत मिलता है कि आने वाले दिनों में होम लोन और ऑटो लोन की ईएमआई कम नहीं होगी. बता दें भारतीय रिजर्व बैंक ने पहले से ही 18 महीने से अधिक समय तक ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखा है.
5 साल में दूसरी बार निचले स्तर पर महंगाई
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में खुदरा महंगाई दर 5 साल में दूसरी बार सबसे निचले स्तर पर है. जुलाई में देश में खुदरा महंगाई दर 4 फीसदी से नीचे 3.6% रही थी. वहीं, अगस्त में यह 3.65% के स्तर पर रही है. खाद्य महंगाई की बात करें तो अगस्त 2024 में यह जून 2023 के बाद से दूसरी बार सबसे कम रही है.
यूएस फेड के फैसले के बात साफ होगी स्थिति
ज्यादातर अर्थशास्त्रियों का मानना है कि यूएस फेडरल रिजर्व की ओर से 13 से 15 सितंबर 2024 के बीच रेट कट किए जा सकते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए RBI इस साल की अंतिम तिमाही में रेपो रेट कट पर फैसला ले सकती है. हालांकि आरबीआई गवर्नर ने जो संकेत दिया है उससे ब्याज दर में कटौती अभी नहीं होने का अनुमान है.