Co-operative Bank: “EMI भरनी है, घर चलाना है… लेकिन बैंक पैसे देने को तैयार नहीं” RBI के फैसले से ग्राहकों में हाहाकार
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के एक बड़े फैसले से हजारों बैंक ग्राहकों की चिंता बढ़ गई है. अचानक आई इस घोषणा से बैंक के बाहर अफरा-तफरी का माहौल बन गया. ग्राहक अपनी जमा राशि को लेकर परेशान हैं.
New india Co-operative Bank: मुंबई स्थित न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के ग्राहकों में उस वक्त हड़कंप मच गया जब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंक पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए. आरबीआई ने बैंक की वित्तीय स्थिति को लेकर गंभीर चिंताओं के चलते निकासी पर पूरी तरह रोक लगा दी है. इसके अलावा, बैंक को नए लोन जारी करने, निवेश करने या फंड उधार लेने की अनुमति भी नहीं दी गई है. इस फैसले के बाद बैंक के बाहर ग्राहकों की भीड़ उमड़ पड़ी जो अपनी जमा पूंजी को लेकर परेशान नजर आए.
ग्राहकों में दहशत, बैंक शाखाओं के बाहर लगी भीड़
आरबीआई के इस फैसले से बैंक के ग्राहकों में अफरा-तफरी मच गई. सोशल मीडिया पर कई वीडियो सामने आए हैं, जिनमें लोग बैंक की शाखाओं के बाहर जमा होकर मौजूदा स्थिति को लेकर जवाब मांगते दिख रहे हैं. समाचार एजेंसी एएनआई के रिपोर्ट के मुताबिक, कई ग्राहकों ने शिकायत की कि उन्हें इस फैसले की जानकारी पहले से नहीं दी गई, और इस फैसले के अचानक लिए जाने से वे प्रभावित हुए हैं.
एएनआई के हवाले से एक ग्राहक सीमा वाघमारे ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, “हमने कल ही पैसे जमा किए थे, लेकिन हमें इसकी कोई सूचना नहीं दी गई. अब वे कह रहे हैं कि हमें तीन महीने में पैसे मिलेंगे. हमें ईएमआई भरनी होती है, अब समझ नहीं आ रहा कि क्या करें.”
वहीं, एक अन्य ग्राहक भानुमति ने बताया, “बैंक ने हमें कुछ नहीं बताया… किसी के पास हर समय फोन चेक करने का समय नहीं होता… मेरा इस बैंक में 32-35 साल से खाता है. मैं यहां फिक्स्ड डिपॉजिट खोलने वाली थी लेकिन वह तो अच्छा हुआ कि उसके लिए मुझे समय नहीं मिला.”
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कुछ छूट के साथ छह महीने तक जारी रहेंगे प्रतिबंध
आरबीआई द्वारा लगाए गए ये प्रतिबंध 13 फरवरी से प्रभावी हो चुका है और अगले छह महीनों तक जारी रहेंगे. हालांकि, नियामक संस्था ने यह भी कहा है कि इन प्रतिबंधों की समय-समय पर समीक्षा की जाएगी. निकासी पर प्रतिबंध के बावजूद, आरबीआई ने कुछ छूट भी दी है. बैंक को कुछ शर्तों के तहत ग्राहकों के लोन को उनकी जमा राशि के मुकाबले समायोजित करने की अनुमति दी गई है. इसके अलावा, बैंक अपने कर्मचारियों के वेतन, किराया और अन्य जरूरी खर्चों का भुगतान कर सकता है ताकि न्यूनतम स्तर पर बैंकिंग कार्य जारी रह सकें.
न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब आरबीआई छोटे वित्तीय संस्थानों पर अपनी निगरानी बढ़ा रहा है. हाल के महीनों में कई अन्य सहकारी बैंकों पर भी इसी तरह की कार्रवाई हो चुकी है. आरबीआई के इस फैसले से संकेत मिलता है कि वह कमजोर वित्तीय स्थिति वाले बैंकों पर सख्त नजर रखे हुए है और उनकी वित्तीय अनियमितताओं को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है.