RBI ने एडलवाइस ग्रुप को दी बड़ी राहत, दोनों कंपनियों पर से हटाए प्रतिबंध
रिजर्व बैंक ने दोनों ही कंपनियों से प्रतिबंध हटा लिए हैं. केंद्रीय बैंक का कहना है कि दोनों ही कंपनियों ने चिंताओं को दूर करने की दिशा में कदम उठाए हैं और वो इस बात से संतुष्ट है.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मंगलवार को एडलवाइस ग्रुप की दो कंपनियों- ECL फाइनेंस और एडलवाइस एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी (ARC) पर पांच महीने से लगे प्रतिबंधों को हटा दिया है. इन कंपनियों ने रेगुलेटरी नियमों अनुरूप सुधारात्मक कदम उठाए हैं. 29 मई को लगाए गए ये प्रतिबंध में ECL फाइनेंस को सामान्य रीपेमेंट या खाता बंद करने के अलावा होलसेल कर्ज से जुड़े स्ट्रक्चर्ड लेनदेन करने से रोक दिया गया था.
वहीं, एडलवाइस एआरसी को सिक्योरिटी रिसिप्ट (SR) समेत फाइनेंशियल एसेट के अधिग्रहण को रोकने तथा एसआर होल्डिंग्स को सीनियर और सबऑर्डिनेट हस्से को पुनर्गठित करने का आदेश दिया गया था. पांच महीने के बाद रिजर्व बैंक ने कहा कि वो कंपनियों द्वारा उठाए गए सुधार के कदम से संतुष्ट है.
तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध हटा
रिजर्व बैंक ने तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध हटाने का फैसला किया है. आरबीआई ने 17 दिसंबर को एक प्रेस रिलीज में कहा कि इन कंपनियों ने हमारी की चिंताओं को दूर करने के लिए कदम उठाए हैं. साथ ही रेगुलेटरी नियमों को मानने का भी भरोसा दिया है.
कंपनियों को मिली राहत
एडलवाइस समूह ने एक बयान में कहा कि आगे बढ़ते हुए, ईसीएल फाइनेंस को होसेल एक्सपोजर में स्ट्रक्चर्ड ट्रांजेक्शन करने की अनुमति दी गई है. साथ ही एडलवाइस ARC को सिक्योरिटी रिसिप्ट (SR) सहित फाइनेंशियल एसेट को हासिल करने और पुनर्गठित करने की अनुमति दी गई है.
सख्त प्रतिबंध
रेगुलेटरी उपाय कठोर लेकिन स्पष्ट थे. ECL और एडलवाइस ARC को सख्त प्रतिबंध का सामना करना पड़ा. केंद्रीय बैंक ने कहा कि उठाए गए कदमों से संतुष्ट होकर RBI ने प्रतिबंध हटाने की घोषणा की है, जिससे RBI अधिनियम 1934 और SARFAESI अधिनियम 2002 के तहत प्रतिबंधों की समाप्ति का संकेत मिलता है.
समूह की कंपनियों ने EARCL और इससे जुड़े अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड (AIF) का उपयोग करते हुए ECL के कथित एवरग्रीन स्ट्रेस्ड एक्सपोजर के ट्रांजेक्शन में हिस्सा लिया था और नियमों को दरकिनार कर दिया गया था.