RBI ने सोना खरीदने में बनाया रिकॉर्ड, 2024 में 72.6 टन खरीदा, ट्रंप इफेक्ट का डर !

भारतीय रिजर्व बैंक ने सोना खरीदने के मामले में नया रिकॉर्ड बनाया है और 2024 में 72.6 टन सोना खरीदा है. कुल खरीदारी में सबसे अधिक सोना अक्टूबर और नवंबर के दौरान खरीदा गया, वहीं दिसंबर 2024 में सोने की खरीदारी नहीं हुई. रिजर्व बैंक के पास कुल 876.18 टन सोना हो गया है.

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RBI’s gold purchase: डोनाल्ड ट्रंप की वापसी हो गई है और भारत सहित कई देशों की करेंसी में गिरावट देखने को मिल रही है. इस दौरान भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2024 में अपने सोने के भंडार में 72.6 टन की बढ़ोतरी की है, जो एक साल पहले की तुलना में चार गुना अधिक है. दिसंबर 2024 के अंत तक RBI के सोने का कुल भंडार 876.18 टन था, जिसकी कीमत 66.2 बिलियन डॉलर थी. एक साल पहले इसी अवधि में 803.58 टन था जिसकी किमत 48.3 बिलियन डॉलर था, जिसका मतलब है कि वर्ष 2024 में कुल 72.6 टन की खरीदारी हुई.

2021 के बाद सबसे ज्यादा खरीदरारी

2024 में सोने की खरीद 2021 के बाद से सबसे अधिक रही और 2017 में सोना खरीदना शुरू करने के बाद किसी भी कैलेंडर वर्ष में दूसरी सबसे अधिक रही. अब भारतीय रिजर्व बैंक उन 10 शीर्ष देशों के केंद्रीय बैंकों में शामिल हो गया है जिनके पास सबसे अधिक सोने का भंडार है. RBI अब 8वें स्थान पर है, फिर भी केंद्रीय बैंक आक्रामक रूप से सोने की खरीदारी कर रहा है.

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अक्टूबर से नवंबर के दौरान एक तिहाई सोने की खरीदारी

RBI द्वारा खरीदे गए कुल सोने में से एक तिहाई अक्टूबर और नवंबर के दौरान खरीदा गया. 5 जनवरी 2024 तक RBI के पास 804.68 टन सोना था, जो 25 अक्टूबर 2024 तक बढ़कर 866.85 टन हो गया और 27 सितंबर 2024 तक यह 876.18 टन तक पहुंच गया. हालांकि, लगातार 11 महीनों तक सोने की खरीदारी के बाद, RBI ने दिसंबर 2024 में सोने की खरीदारी नहीं की. अब कुल विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी 10.6 फीसदी हो गई है, जो पिछले साल 7.7 फीसदी थी.

केंद्रीय बैंक क्यों खरीद रहे हैं सोना

अमेरिका में नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की वापसी के कारण कई देशों की करेंसी में गिरावट जारी है. कई देशों के केंद्रीय बैंक अधिक से अधिक सोना अपने पास इकट्ठा कर रहे हैं ताकि मुद्रास्फीति के खिलाफ इसका इस्तेमाल किया जा सके. सोने को अक्सर मुद्रास्फीति के खिलाफ एक सुरक्षित निवेश (सेफ हेवन एसेट) माना जाता है. इसके अलावा, कई अन्य कारण भी हैं जिनकी वजह से केंद्रीय बैंक अधिक सोना खरीद रहे हैं.