RBI MPC Meeting: ट्रंप टैरिफ के बीच आरबीआई की बड़ी तैयारी, क्या घटेगी लोन की EMI, आज होगा फैसला
यूएस राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर से जहां पूरी दुनिया हिली हुई है, वहीं इस हलचल के बीच भारतीय रिजर्व बैंक की एमपीसी बैठक का आज फैसला आएगा. इसमें रेपो रेट घटाए जाने की उम्मीद है, जिससे आम लोगों को राहत मिल सकेगी. तो कितनी घट सकती है दरें यहां जानें पूरी डिटेल.

RBI MPC Meeting 2025: ट्रंप टैरिफ की हलचल के बीच भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ब्याज दरों में कटौती कर सकता है. इस सिलसिले में आरबीआई की एमपीसी बैठक का फैसला 9 अप्रैल यानी आज सुबह 10 बजे आने वाला है. नए RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा अर्थव्यवस्था को मंदी से बचाने के लिए बड़े कदमों का ऐलान कर सकते हैं. ब्लूमबर्ग के सर्वे में शामिल 39 अर्थशास्त्रियों में से ज्यादातर का मानना है कि RBI अपनी बेंचमार्क रेपो दर को 25 बेसिस पॉइंट घटाकर 6% कर सकता है. ऐसा होने पर होम लोन की दरें कम हो सकती है, जिससे आम लोगों के सिर पर से EMI का बोझ कम होगा.
कुछ विश्लेषकों को यह भी उम्मीद है कि छह सदस्यों वाली मौद्रिक नीति समिति अपनी नीति को ‘न्यूट्रल’ से बदलकर ‘उदार’ कर सकती है. इससे विकास को समर्थन मिलेगा. बार्कलेज की अर्थशास्त्री आस्था गुडवानी का कहना है कि महंगाई और विकास दोनों RBI के अनुमान से नीचे हैं. इससे नीति में बदलाव की गुंजाइश बढ़ती है. ऐसे में RBI 25 बेसिस पॉइंट की कटौती कर सकता है, हालांकि ये बढ़कर 35 बेसिस प्वाइंट तक भी जा सकती है.
बड़ी कटौती की उम्मीद कम
विकास को बढ़ावा देने और महंगाई को नियंत्रण में रखने के लिए आरबीआई रेपो दर में कटौती कर सकती है. महंगाई दर फरवरी में घटकर 3.61 प्रतिशत (7 महीने का निचला स्तर) पर पहुंच गई है, वहीं इस साल GDP ग्रोथ भी 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो 4 साल में सबसे कम है. ऐसे में दरों में 25 बेसिस प्वाइंट तक की कटौती का अनुमान है, लेकिन ट्रंप की टैरिफ नीतियों से शुरू हुए ट्रेड वॉर के जोखिमों को देखते हुए बड़ी कटौती की उम्मीद कम है.
MPC बैठक में इन मुद्दों पर होगा फोकस
शुल्क का प्रभाव
RBI की एमपीसी बैठक में अमेरिका के 26% शुल्क से भारत के निर्यात पर क्या असर होगा इस पर चर्चा होने की उम्मीद है. विशेषज्ञों का मानना है कि इससे अर्थव्यवस्था पर 20-40 बेसिस पॉइंट का नकारात्मक असर पड़ सकता है. इससे इस साल और ज्यादा कटौती की संभावना बढ़ सकती है. मॉर्गन स्टेनली की अर्थशास्त्री उपासना चाचरा का अनुमान है कि अगर शुल्क से अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई तो दरें 5% तक नीचे आ सकती हैं.
महंगाई पर नजर
फरवरी में 3.6% की मुद्रास्फीति के बाद, मार्च में भी इसके RBI के लक्ष्य से नीचे रहने की उम्मीद है. यह केंद्रीय बैंक के 4.4% के अनुमान से काफी कम है. HSBC के जानकारों के मुताबिक चीन में अतिरिक्त क्षमता और भारत में कमजोर मांग से कीमतें नीचे रह सकती हैं. इससे RBI अपने सालाना मुद्रास्फीति अनुमान को 4.2% से घटाकर 4% कर सकता है.
नकदी प्रबंधन
पिछले कुछ महीनों में RBI ने बांड खरीद, फॉरेक्स स्वैप और वेरिएबल रेपो जैसे उपायों से नकदी बढ़ाई है. इससे बैंकिंग क्षेत्र में तीन महीने से ज्यादा समय बाद सरप्लस नकदी आई है. आज आरबीआई के फैसले से आगे की नीति का संकेत मिलेगा.
बांड और रुपये का हाल
भारतीय बांड की स्थिति को देखते हुए 25 बेसिस पॉइंट की कटौती को उम्मीद है. रुपये ने पिछले महीने एशिया में सबसे बेहतर प्रदर्शन किया. मार्च में बांड में 3.7 अरब डॉलर का निवेश आया.
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