प्याज-टमाटर-लहसुन बने खलनायक, इसलिए नहीं घटी EMI,अब 2025 का करिए इंतजार

आरबीआई महंगाई को देखते हुए एक बार फिर सस्ते कर्ज का इंतजार लंबा कर दिया है. हालांकि आरबीआई ने सीआरआर में कटौती कर नकदी बढ़ाई है. इसका फायदा कस्टमर को स्पेशल ऑफर के रुप में मिल सकता है.

आरबीआई के राह आसान नहीं

आरबीआई ने एक बार फिर सस्ते कर्ज की आस तोड़ दी है, यानी होम लोन से लेकर कार लोन, पर्सनल लोन सस्ते नहीं होंगे. और ईएमआई पर फौरी कोई राहत नहीं मिलने वाली है. इस राहत की राह में रोड़ा बनी है महंगाई, पिछले कुछ समय से प्याज, टमाटर,आलू, लहसुन से लेकर दूसरी सब्जियों के दाम बेकाबू रहें, उसने आरबीआई को रेपो रेट में कटौती से रोक दिया है. आरबीआई के ऊपर महंगाई कम करने का किस तरह से दबाव है, इसे 6 दिसंबर को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के बयान से समझा जा सकता है.

उन्होंने मौद्रिक नीति पेश करते वक्त कहा कि आरबीआई का मैनडेट ही महंगाई को कम करना है और मौजूदा परिस्थितियों में वहीं हमारी प्राथमिकता है. साफ है कि जब तक महंगाई आरबीआई के सामान्य स्तर 4 फीसदी के पास नहीं आती है तब तक आरबीआई के लिए कर्ज सस्ता करना आसान नहीं होगा. हालांकि आरबीआई ने CRR में कटौती कर बाजार में नकदी बढ़ाने की कोशिश की है, जिसका फायदा बैंकों को मिलेगा और वह ज्यादा कमाई कर सकेंगे. क्योंकि बाजार में 1लाख करोड़ से ज्यादा की नकदी आ जाएगी. जो कि बैंक डिपॉजिट गिरने से सामान्य 3 लाख करोड़ के स्तर से भी कम हो गई थी.

खाद्य महंगाई ने बिगाड़ा खेल

अगर केवल टमाटर और आलू की कीमतों की बात करें, तो नवंबर में आलू की कीमतें 50 फीसदी और टमाटर की कीमतें 35 फीसदी तक बढ़ी हैं. वहीं प्याज की कीमतें भी नवंबर में 5 साल के टॉप पर पहुंच गई थीं. 7 नवंबर को प्याज की कीमतें लासलगांव मंडी में 5400 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गईं. जो 2019 के बाद सबसे ज्यादा कीमतें थीं. इसी तरह लहसुन की बात करें तो वह अभी 400 रुपये प्रति किलोग्राम से नीचे नहीं आ रहा है. और इसी का असर है कि खाद्य महंगाई दर अक्टूबर में 10.87 फीसदी रही थी. और अब आरबीआई का मानना है कि महंगाई से राहत अभी तुरंत नहीं मिलने वाली है। इसलिए उसने अपना अनुमान मौजूदा वित्त वर्ष के लिए बढ़ा दिया है और उसका कहना है कि महंगाई दर इस साल 4.5 फीसदी से बढ़कर 4.8 फीसदी रह सकती है.

तो सस्ते कर्ज का करिए इंतजार, FD में कमाई का मौका

आरबीआई की नीति से साफ है कि जब तक महंगाई दर 4 फीसदी के आसपास नहीं आएगी, वह ब्याज दरें नहीं घटाएगा. इसे देखते हुए अब सस्ते कर्ज का इंतजार अगले साल में ही पूरा होता दिख रहा है. ऐसे में होम लोन कस्टमर को खास तौर से इसी आधार पर रणनीति बनानी होगी. क्योंकि उसकी ईएमआई में राहत अगले साल ही मिलेगी.

लेकिन बैंक अतिरिक्त मिली नकदी की वजह से ग्राहकों को लुभाने के लिए स्पेशल होम लोन ऑफर ला सकते हैं. ऐसे में होम लोन कस्टमर को बैकों के ऑफर पर नजर रखनी चाहिए.

महंगाई तो ठीक है, ग्रोथ का क्या… जानें क्यों छिड़ी है ये बहस

एक तरफ ईएमआई पर राहत नहीं मिली है. दूसरे तरफ ऐसा लगता है कि अगर निवेशक एफडी पर ज्यादा ब्याज कमाना चाहते हैं तो यह आखिरी मौका हो सकता है. क्योंकि आरबीआई फरवरी 2025 में अगर रेपो रेट में कटौती करता है तो बैंक एफडी पर भी ब्याज घटाएंगे. इसके लिए एफडी की ब्याज दरों में कमी आने की एक और वजह आरबीआई द्वारा सीआरआर में 0.50 फीसदी कटौती करना है. क्योंकि इसकी वजह से बैंकों के पास नकदी बढ़ेगी और वह ज्यादा कर्ज देने के लिए स्पेशल ऑफर ला सकते हैं. इसे देखते हुए एफडी पर कमाई का ये समय अच्छा है..