बैंक या NBFC अब खुले हाथों नहीं दे पाएंगे क्रेडिट कार्ड, अनसिक्‍योर्ड लोन पर RBI ने दिखाई सख्ती

RBI की 51वीं एमपीसी बैठक में ब्याज दरों में कोई बदलाव न करते हुए इसे 6.5% पर बरकरार रखने का फैसला लिया गया है. इस दौरान आरबीआई ने अनसिक्‍योर्ड लोन पर भी चिंता जाहिर की है.

अनसिक्‍योर्ड लोन पर आरबीआई ने जताई चिंता Image Credit: freepik/gettyimages

भारतीय रिजर्व बैंक की 51वीं एमपीसी बैठक में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया गया. 9 अक्‍टूबर को इसकी घोषणा करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो दर को 6.5% पर बरकरार रखने की बात कही. साथ ही इस दौरान उन्‍होंने धड़ल्‍ले से बांटे जा रहे क्रेडिट कार्ड और अनसिक्‍योर्ड लोन को लेकर भी सख्‍त रवैया अपनाया. उन्‍होंने कहा कि आरबीआई क्रेडिट कार्ड, MFI ऋण और अनसिक्‍योर्ड लोन पर आने वाले डेटा पर बारीकी से नज़र रख रहा है. अगर इसमें किसी तरह की गड़बड़ी पाई जाती है तो जरूरत पड़ने पर नियामक इस पर सख्‍त कार्रवाई भी करेगा.

एमपीसी बैठक में आरबीआई गवर्नर ने यह भी कहा कि बैंकों और NBFC को निष्क्रिय खातों, बेकार खातों, साइबर सुरक्षा और दूसरे जरूरी कारकों पर भी लगातार ध्यान देने की जरूरत है. उन्‍हें इस दिशा में सतर्क होकर कदम उठाना होगा. बता दें पिछले कुछ वर्षों में NBFC ने जबरदस्‍त ग्रोथ दर्ज की है. कुछ NBFC मजबूत अंडरराइटिंग के बिना आक्रामक रूप से बढ़ रहे हैं. कुछ NBFC ऐसे हैं जहां खुदरा लक्ष्य वास्तविक मांग के बजाय विकास को गति दे रहे हैं. वैसे NBFC अनसिक्‍योर्ड लोन आदि को लेकर खुद से सतर्कता बरत रहा है, लेकिन आरबीआई की इस पर कड़ी निगरानी होगी.

महंगाई को लेकर आरबीआई गवर्नर ने क्‍या कहा

एमपीसी बैठक में आरबीआई ने महंगाई को लेकर अपना अनुमान जारी किया है. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि सामान्य मानसून के चलते वित्त वर्ष 2025 के दौरान खुदरा महंगाई दर 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है. सही मानसून और पर्याप्त बफर स्टॉक की वजह से इस साल के आखिर में खाद्य महंगाई दर घटेगी. वहीं खाद्य कीमतों में तेजी के कारण सितंबर में खुदरा मुद्रास्फीति में बड़ी उछाल आने की आशंका है.