RBI ने महंगाई दर अनुमान को 4.5% पर बरकरार रखा, लेकिन इस वजह से CPI में आ सकता है उछाल

रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में बताते हुए गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि महंगाई के घोड़े को सहनशीलता के दायरे के अस्तबल में लाया गया है. RBI ने एक बार फिर से रेपो रेट को बरकरार रखा है.

महंगाई दर पर काबू. Image Credit: Getty image

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए महंगाई दर के अपने पूर्वानुमान को 4.5 फीसदी बरकरार रखा है. रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में बताते हुए गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि महंगाई के घोड़े को सहनशीलता के दायरे के अस्तबल में लाया गया है. इसलिए हमें दरवाजे को खोलने में सावधानी बरतनी होगी. RBI ने एक बार फिर से रेपो रेट को बरकरार रखा है.

आरबीआई ने वित्त वर्ष 2025 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति अनुमान को 4.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा, लेकिन Q2FY25 के सीपीआई अनुमान को 4.4 फीसदी से घटाकर 4.1 फीसदी कर दिया. Q3FY25 के लिए, इसने सीपीआई अनुमान को 4.7 फीसदी से बढ़ाकर 4.8 फीसदी कर दिया.

महंगाई दर के लिए बड़ा रिस्क

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि सितंबर के लिए कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) में प्रतिकूल प्रभावों और खाद्य कीमतों में तेजी के कारण बड़ी उछाल आने की उम्मीद है. अप्रत्याशित मौसम और बिगड़ते जियो-पॉलिटिकल हालात भी महंगाई दर के लिए बड़ा रिस्क पैदा करते हैं.

उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) तथा विश्व बैंक के सितंबर महीने के प्राइस इंडेक्स फूड और मेटल की कीमतों में हाल में देखी गई बढ़ोतरी अगर कायम रहती है, तो इससे CPI में वृद्धि का जोखिम बढ़ सकता है.

जुलाई-अगस्त में 4 फीसदी से नीचे

जुलाई और अगस्त 2024 में सीपीआई 4 फीसदी से नीचे आ गया, जबकि अप्रैल से अगस्त तक औसत रिटेल महंगाई दर 4.3% रही. हालांकि, खाद्य मुद्रास्फीति अभी भी 5 फीसदी से ऊपर चल रही है.

अगस्त में महंगाई दर

अगस्त में भारत की खुदरा मुद्रास्फीति दर 3.65 फीसदी रही थी. खाद्य महंगाई दर जो ग्रॉस सीपीआई बास्केट का लगभग आधा हिस्सा है.ये अगस्त में बढ़कर 5.66 फीसदी हो गई थी, जो जुलाई में महीने 13 महीने के निचले स्तर 5.42 फीसदी पर रही थी.