Gold Loan: अब गोल्ड लोन लेना हो सकता है मुश्किल, नियमों को सख्त करने की तैयारी में RBI
RBI Gold Loan: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया गोल्ड लोन के लिए सख्त प्रोसेस को लागू करने की योजना बना रहा है. बैंक की कोशिश गोल्ड लोन की बढ़ते ग्राफ पर लगाम लगाने की है. कुछ महीने रिजर्व बैंक ने गोल्ड लोन के लेकर कुछ अनियमितताओं की पहचान की थी.

RBI Gold Loan: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) गोल्ड लोन के लिए सख्त अंडरराइटिंग प्रोसेस का पालन करने और फंड के अंतिम उपयोग की निगरानी की योजना बना रहा है. केंद्रीय बैंक प्रोसेस को सख्त बनाकर तेजी से बढ़ते गोल्ड लोन को धीमा करने की कोशिश कर रहा है. ईटी ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि रिजर्व बैंक चाहता है कि बैंक और नॉन-बैंकिंग फर्म लोन लेने वालों के बैकग्रााउंड की जांच करे औऱ गिरवी रखे जाने वाले गोल्ड का मालिक कौन है, इसका पता लगाए.
स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल का पालन
केंद्रीय बैंक की योजना की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा कि रिजर्व बैंक यह सुनिश्चित करना चाहता है कि संस्थाएं एक स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल का पालन कर रही हैं और गोल्ड लोन सेक्टर में कोई भी वृद्धि सीमा से बाहर नहीं है. बैंक यह सुनिश्चित करना चाहता है कि किसी भी अनैतिक व्यावसायिक व्यवहार पर अंकुश लगाया जाए और फाइनेंशियल स्टेबिलिटी की रक्षा की जाए. सितंबर 2024 से बैंकों के गोल्ड लोन में 50 फीसदी की वृद्धि हुई है, जो कुल लोन में वृद्धि से कहीं अधिक है. इससे असुरक्षित लोन के लिए सख्त दिशा-निर्देश की जरूरत महसूस हुई है.
भारत उन देशों में शामिल है, जहां सबसे अधिक सोने की खपत होती है. लोग त्योहारों से लेकर शादियों तक में सोना खरीदते हैं. इस वजह से भारतीय बाजार में गोल्ड की कीमतें और भी आकर्षक बन जाती हैं.
देखने को मिला था अनियमित ट्रेंड
सितंबर में केंद्रीय बैंक ने कहा था कि उसे गोल्ड लोन उद्योग में कई अनियमित ट्रेंड देखने को मिला है और उसने बैंकों और नॉन-बैंकिंग संस्थाओं से रेगुलेटरी खामियों की पहचान कर, उन्हें दूर करने के लिए के लिए कहा था. सूत्र के अनुसार, पिछले 12 से 16 महीनों में किए गए ऑडिट में रिजर्व बैंक ने नॉन-बैंकिंग ऋणदाताओं के पोर्टफोलियो में अनियमितताएं पाईं और सोने के बदले दिए जाने वाले फंड के वॉल्यू की निगरानी में कमजोरी की भी पहचान की.
ग्राहकों को बिना बताए सोने की नीलामी
ईटी ने इंडस्ट्री के एक सोर्स के हवाले से लिखा कि केंद्रीय बैंक ने यह भी पाया कि बैंकों के फिनटेक एजेंट सोना इकट्ठा कर रहे थे. वे गोल्ड का भंडारण कर रहे थे और उसका वजन कर रहे थे. जबकि ये ऐसे काम हैं जिन्हें ऋणदाताओं को करना चाहिए. साथ ही बैंक उधारकर्ताओं को सूचित किए बिना सोने की नीलामी भी कर रहे थे.
एक दूसरे उद्योग सूत्र ने कहा कि नियामक का लक्ष्य सभी ऋणदाताओं के साथ समान व्यवहार करना है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी संस्था नियमों को दरकिनार न करे, जिसमें सोने की नीलामी और रसीदों के जरिए उधार दिए गए पैसे के उपयोग की निगरानी शामिल है.
Latest Stories

NCLT ने Ambuja Cements को दिया नोटिस, जानें सांघी इंडस्ट्रीज से क्या है कनेक्शन?

ट्रंप के पारस्परिक टैरिफ पर वित्त मंत्री सीतारमण ने कही ये बात, जानें- भारत किस आधार पर लेगा कोई फैसला

खाने वाले तेल के घटेंगे दाम, अमेरिका और चीन के बीच छिड़ा टैरिफ वॉर का भारत को मिलेगा फायदा!
